Monday, July 1, 2024
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वेंटिलेटर पर महानगर की सीएनजी बस सेवा

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  • मार्ग पर आए दिन ब्रेक डाउन का शिकार हो रही सीएनजी से संचालित बसें
  • टूटी-फूटी सीटों के साथ दौड़ रही बसें

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कानपुर से लाकर महानगर क्षेत्र में चलाई जा रही जर्जर सीएनजी बसें आए दिन ब्रेक डाउन का शिकार हो रही हैं। सीएनजी बसों की टूटी-फूटी सीटों के साथ-साथ गलकर टूट चुके फर्श के चलते यात्रियों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन बसों के मेंटीनेंस और चालक के नाम पर संबंधित कंपनी को तीन लाख रुपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाता है, इसके बावजूद बसों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।

मेरठ महानगर में कानपुर से भेजी गई एक दशक से अधिक पुरानी अधिकतर सीएनजी बसों का पंजीकरण मेरठ में कराया गया है। ऐसी 96 बसें मेरठ आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत की जा चुकी हैं। जबकि इनके बाद आई चार बसों का पंजीकरण नए नियम लागू होने के कारण अपै्रल 2023 से बद कर दिया गया है। मेरठ महानगर में संचालित होने वाली 96 सीएनजी बसों के रखरखाव का कार्य श्यामा-श्याम कंपनी करती है।

जनवरी 2024 तक के लिए अधिकृत कंपनी बसों के मेंटीनेंस के साथ-साथ बसों को चलाने के लिए चालक भी उपलब्ध कराती है। जिसकी एवज में नगरीय बस सेवा विभाग की ओर से 19.71 रुपये प्रति किमी दिए जाते हैं। औसतन 87-88 बसें प्रतिदिन 180 किलोमीटर चलती हैं, जबकि प्रतिदिन आठ बसों को मेंटीनेंस के नाम पर वर्कशॉप में रखा जाता है। यानि विभाग श्यामा-श्याम कंपनी को इन बसों के रखरखाव और चालक के लिए प्रतिदिन तीन लाख रुपये का भुगतान करता चला आ रहा है।

इसके बावजूद बसों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। अधिकांश बसों की सीट इतनी लचर हो चुकी हैं, कि उन पर बैठकर सफर करना आसान नहीं रह जाता। इतना ही नहीं, कई बसों का फर्श इस हद तक गलकर टूट चुका है कि सीटें झूलती रहती हैं। कई बार तो पीछे की सीट पर बैठे यात्री तक उससे दबने लगते हैं। एक महीना पहले ही वायपर और लाइट न होने के बावजूद तेज बारिश के बीच सीएनजी बस को संचालित करने की शिकायत पर एआरएम ने सख्त कार्रवाई की बात कही थी।

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लेकिन स्थिति में अभी तक आशातीत बदलाव नहीं देखा जा सका है। नगर बस सेवा विभाग की ओर से एक फोरमैन की ड्यूटी वर्कशॉप पर लगाई जाती है। जिसमें फोरमैन का काम बसों का निरीक्षण करने के उपरांत ही उन्हें मार्ग पर भेजने का होता है। लेकिन यह काम सिर्फ कागजों में हो जाता है।

ईटीएम से तय किए जाते हैं किमी

सीएनजी से संचालित होने वाली बसों में शायद ही कोई ऐसी हो, जिसमें स्पीड मीटर लगा हो। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बस के किलोमीटर तय करने का काम परिचालक को दी जाने वाली ईटीएम मशीन और सीएनजी से मिलने वाले औसत के आधार पर किया जाता है। बहुत सी बसें कमजोर या मध्यम लाइट के साथ मार्ग पर संचालित की जाती है। बारिश के मौसम में वायपर न होने के कारण बसों के संचालन में चालक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसमें यात्रियों की जान का जोखिम भी बना रहता है।

आखिरकार टायर लगने के बाद संचालित हुर्इं सभी वोल्वो

महानगर बस सेवा के बेडेÞ में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ आठ वोल्वो बसें भी शामिल हैं। इनमें से तीन बसें मई महीने तक टायरों के अभाव में वर्कशॉप में खड़ी रहीं। कुछ दिन पहले विभाग की ओर से 16 नए टायर खरीदने की प्रक्रिया शुरू हुई। आखिरकार टायर वर्कशॉप पहुंचने के बाद इनको संचालन के लिए मार्ग पर भेजा गया। एआरएम संचालन सचिन कुमार सक्सेना के अनुसार इस समय महानगर सेवा में लगी आठ में से पांच बसें मोदीपुरम-मोदीनगर मार्ग पर चलाई जा रही हैं, जबकि तीन बसों का संचालन सरधना मार्ग पर किया जा रहा है।

नए नियम के अनुसार मेरठ में अब यूरो-6 माडल की बसों का पंजीकरण ही हो सकता है। जबकि पूर्व में पंजीकृत सीएनजी बसों को 15 वर्ष पूरे करने की अनुमति मिली हुई है। मेरठ बस सेवा में चल रही सीएनजी बसों में अधिकांश 2024 तक अपनी अवधि पूर्ण कर लेंगी। जिसके बाद महानगर बस सेवा के बेड़े में नए मॉडल की बसें शामिल हो जाएंगी। इस बीच मेंटीनेंस का काम देख रही श्यामा-श्याम कंपनी के जरिये इंजन और टायर आदि की सुचारू व्यवस्था रखने पर अधिक फोकस किया जाता है। इसी का परिणाम है कि अधिकांश बसें प्रतिदिन 180 या अधिक किमी तक संचालित की जा रही हैं। -मुकेश अग्रवाल, एआरएम (फाइनेंस) मेरठ परिक्षेत्र, मेरठ

गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में जाते समय बरतें सावधानी

गढ़मुक्तेश्वर-मुरादबाद आदि मार्ग की ओर जाने वाले यात्रियों को रोडवेज की ओर से अभी 28 अगस्त तक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। दरअसल, श्रावण मास में इस वर्ष आठ सोमवार होने के कारण मुरादाबाद की ओर जाने वाले वाहनों को शुक्रवार से सोमवार तक हर सप्ताह रूट डाइवर्ट करके निकाला गया है। जिसके कारण इस बार बसों को करीब 60 किमी अधिक सफर भी करना पड़ा है।

यह स्थिति श्रावण मास के अंतिम सोमवार यानि 28 अगस्त तक रहने वाली है। इस बार दो श्रावण मास होने के कारण पूर्व में ही आरएम मुरादाबाद और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद ने श्रावण मास का प्रथम सोमवार से लेकर आठवें सोमवार 28 अगस्त तक वाहनों का रूट परिवर्तित कराने का निर्णय लिया। जिसके बारे में आरएम मेरठ को पत्र प्रेषित करते हुए व्यवस्था में सहयोग मांगा गया है। सोहराब गेट डिपो से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान मुरादाबाद मार्ग पर जाने वाली बसों के संचालन में रूट परिवर्तन के कारण 28 अगस्त तक प्रत्येक शुक्रवार से सोमवार तक फेरबदल जारी रहेगा।

इनमें मेरठ से बरेली, गोरखपुर, बदायूं, अमरोहा आदि मार्गों पर बसों का 60 किलोमीटर अधिक संचालन किया जाएगा। मेरठ से लखनऊ जाने वाली बसें बुलंदशहर, बबराला, बदायूं, बरेली होकर जाएंगी। जबकि हल्द्वानी के लिए बिजनौर, अफजलगढ़, काशीपुर, रुद्रपुर मार्ग का प्रयोग किया जाएगा। इसी के अनुरूप किराये में भी वृद्धि लागू की गई है। आरएम केके शर्मा ने बताया कि 28 अगस्त को आखिरी सोमवार के कारण इससे पहले तीन दिनों में जल ले जाने वाले शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। जिसको देखते हुए चालकों के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

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