- आरएम ने सिटी बसों के संचालन में 16 से कम यात्री होने पर अधिकारियों की सहमति से ही बस चलाने के जारी किए आदेश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: क्षेत्रीय प्रबंधक मेरठ परिक्षेत्र और मेरठ सिटी बस सेवा के एमडी केके शर्मा ने सिटी बसों की आय में तेजी से आई गिरावट को देखते हुए एक आदेश जारी किया है। जिसके अंतर्गत सिटी बस में आरंभिक स्टैंड पर 16 से कम यात्री होने पर अधिकारियों को अवगत कराना होगा। जिनके दिशा-निर्देश के आधार पर ही बसों का संचालन किया जाएगा। इस पर छात्र संगठनों ने आपत्ति जताते हुए बसों का संचालन पूर्व की भांति जारी रखने की मांग की है।
आरएम केके शर्मा ने लखनऊ स्तर पर हुई समीक्षा में मेरठ सिटी बसों की आय बहुत एक चौथाई तक कम हो जाने के कारण एक आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया कि किसी भी बस के आरंभिक स्टैंड पर अगर 16 से कम यात्री हुए, तो ऐसी बस के बारे में संबंधित अधिकारी को अवगत कराते हुए अग्रिम आदेश की प्रतीक्षा की जाएगी। इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए आरएम केके शर्मा ने अवगत कराया कि कुछ समय पहले तक सिटी बसों की आय का औसत 20 रुपये प्रति किमी होता था।
जिसमें करीब दो महीने से एक चौथाई तक गिरावट आई और आय का औसत महज 15 रुपये प्रति किमी रह गया। इसके पीछे के एक संभावित कारण का उल्लेख करते हुए उनका कहना है कि सिटी बसों की चेकिंग का काम परिवहन निगम के टीआई भी करते थे, लेकिन लखनऊ में मिली एक शिकायत के बाद यह आदेश जारी हुआ कि सिटी बस सेवा के टीआई ही इन बसों की चेकिंग कर सकेंगे। इनकी संख्या बहुत कम होने के कारण सभी बसों पर निगरानी कर पाना संभव नहीं है।
ऐसे में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आय में एक चौथाई तक गिरावट का प्रमुख कारण डब्ल्यूटी भी हो सकता है। क्योंकि कई सालों से अच्छी आय देने वाली बसों में दो महीने से ही यात्रियों ने सफर करना बंद कर दिया हो, ऐसा संभव नहीं है। उनका कहना है कि नई व्यवस्था के जरिये बसों में यात्रियों की संख्या की मॉनिटरिंग कराना है। वहीं, इस संबंध में छात्र नेता छात्र नेता शान मोहम्मद, अंकित अधाना ने आरएम और प्रबंध निदेशक मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. से मिलकर विरोध जताया।
उनका कहना था कि चालकों-परिचालकों के लिए आरएम स्तर से एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया कि बसों के संचालन के लिए बस के प्रारंभिक स्थान पर 16 यात्रियों के उपलब्ध होने पर ही बस संचालन के आदेश को वापस लिया जाए। उनका कहना है कि परिवहन विभाग का ये आदेश छात्रों और आमजन के पक्ष में नहीं है। क्योंकि देहात से बड़ी संख्या में प्रतिदिन छात्र बसों से स्कूल और कॉलेज जाते हैं।
इस आदेश से समय पर पहुंचना मुश्किल होगा, जिससे छात्रो की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। आरएम से मांग की गई कि छात्रों ओर आमजन की परेशानियों को देखते हुए उक्त आदेश को वापस लिया जाए। और बसों का संचालन पहले की तरह समय सारिणी के अनुसार ही किया जाए।
बसों में सर्दी के मौसम के अनुरूप सुधार के आदेश
आरएम केके शर्मा ने बताया कि मंगलवार को अधिकारियों के साथ एक बैठक ली गई। जिसमें सर्दी के मौसम और कोहरे के अनुमान को देखते हुए कई निर्देश जारी किए गए। जिसके अंतर्गत हर बस में आॅटो वेदर बल्ब की व्यवस्था को कहा गया है। अगर किसी बस में वेदर बल्ब नहीं होगा, तो इसके लिए चालक की भी जवाबदेही तय की जाएगी। इसके साथ ही शीशों की स्थिति सही करके बसों में हवा न आने देने की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं रिफ्लेक्टर टेप लगाने को भी कहा गया है।