- महिला काव्य मंच की बसंत पंचमी पर काव्य गोष्ठी हुई
जनवाणी संवाददाता |
नजीबाबाद: महिला काव्य मंच बिजनौर इकाई के स्थापना दिवस पर कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जहां बसंत ऋतु पर्व का स्वागत किया वहीं देश के प्रति भी अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।
रविवार को दोपहर बाद दुर्गा विहार कालेनी में रमा शर्मा के निवास पर हुई काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि हेमंत अग्रवाल व विशिष्ट अतिथि एच डी एफ सी बैंक के मैनेजर अमित शर्मा ने कहा कि काव्य के माध्यम से अपनी बात कहना एक कला है और कविताओं के माध्यम से कम शब्दों में अधिक बात कही जा सकती है और समाज को सोचने पर बाध्य कर देती है।
कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रतिभा मिश्रा की सरस्वती वंदना से हुआ। इंदु गुप्ता ने कहा कि गांव पीछे छूट गया कहां गया बसंत, शहर में नहीं खिलता बसंत कहां गया बसंत। डा. मंजु जौहरी मधुर ने कहा कि ऋतु बसंत ने दी है दस्तक एक नया आभास है,बहुत दिनों के बाद आज आंगन उतरा मधुमास है।सतेन्द्र गुप्ता की रचना प्रकृति ने किया आज अनुपम श्रृंगार,मौसम में छाई अनोखी बहार।
अजय जौहरी ने कहा कि जीवन फीका मत रहने दो, चीनी चाहे कम रहने दो। रचना शास्त्री की रचना ने सबका मन मोह लिया उन्होंने कहा कि मिला विधुतलता को बादलों के वक्ष में ठिकाना। सफल हो गया अभिसार मेरा । नीमा शर्मा ने कहा कि हवा ने छोड़ दी सरगम, मौसम ने ली अंगड़ाई। धरती धानी चूनर ओढ़ के थोड़ी सी शर्माई। रमा शर्मा ने कहा कि मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खेल है, कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है। सुमन वर्मा ने कहा कि बासंती बयार जग में आने लगी है।
फिंजा में रुमानियत सी छाने लगी है। कृष्ण कांता गोयल ने कहा कि उत्तराखंड में आई आपदा को देखकर मन घबरा रहा है। ग्लेशियर के फटने से तबाही का मंजर नजर आ रहा है रचना से सबका मन भावुक कर दिया। फूल माला, डॉ बेगराज यादव, कृष्ण कांता गोयल नीरज सिंघल ने भी काव्य पाठ किया। अध्यक्षता इंदु गुप्ता ने की। संचालन मंजु जौहरी मधुर ने किया। दीपा चौहान,आर्यन, कल्याण दत्त शर्मा, अन्नू प्रजापति आदि लोग उपस्थित रहे।