Wednesday, September 18, 2024
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न अफसर, न दफ्तर, कैसे होगा जोन गुलजार

  • यूपी पावर कारपोरेशन के नए जोन तक ठीक, मगर अफसरों की तैनाती कब?
  • वितरण व्यवस्था में सुधार के नाम पर बनाए गए हैं मेरठ समेत प्रदेश भर में बनाए गए 15 नए जोन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वितरण इंतजामों को बेहतर और माकूल बनाने के नाम पर पीवीवीएनएल समेत प्रदेश भर में 15 नए वितरण जोन बना दिए गए हैं। वितरण में सुधार के नाम पर नए जोन तो समझ में आते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यही कि इन जोनों को कब खोला जाएगा। कहां खोला जाएगा। पावर के किन अफसरों को इनकी जिम्मेदारी दी जाएगी। अफसरों के नीचे काम करने वाला स्टाफ कहां से आएगा और कार्यालय व फर्नीचर कब मिलेगा।

दरअसल सरकार का मानना है कि बिजली के वितरण इंतजामों को और बेहतर किए जाने की काफी गुंजाइश है। इसीलिए उत्तर प्रदेश पावर कारपारेशन चलाने वालों ने प्रदेश भर में 15 नए जोन की सिफारिश की थी जिसे योगी सरकार ने हरी झंडी भी दे दी है, लेकिन अभी इन 15 जोनों में स्टाफ की तैनाती को लेकर तस्वीर साफ नहीं।

ये होंगे नए जोन

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले छह जोन थे, अब 11 जोन बनाए गए हैं। गाजियाबाद जोन को अब गाजियाबाद प्रथम, द्वितीय व तृतीय जोन में, मेरठ को मेरठ प्रथम एवं द्वितीय, मुरादाबाद को अब मुरादाबाद एवं गजरौला में, सहारनपुर को सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर जोन में बांटा गया है।

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले छह जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब नौ जोन हो गए। इसमें गोरखपुर को अब गोरखपुर प्रथम एवं द्वितीय, प्रयागराज को प्रयागराज प्रथम एवं द्वितीय, वाराणसी को अब वाराणसी प्रथम एवं द्वितीय में विभाजित किया गया है। आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर जोन में कोई बदलाव नहीं हुआ।

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले छह जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब 10 जोन हो गए। इसमें बरेली को अब बरेली प्रथम एवं द्वितीय, लेसा सिस गोमती को लेसा सिस गोमती प्रथम एवं द्वितीय, लेसा ट्रांस गोमती को लेसा ट्रांस गोमती प्रथम एवं द्वितीय, लखनऊ को सीतापुर एवं रायबरेली जोन में विभाजित किया गया है। अयोध्या एवं देवीपाटन जोन में कोई बदलाव नहीं हुआ।

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले छह जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब नौ जोन हो गए। इसमें अलीगढ़ जोन को अलीगढ़ एवं एटा, कानपुर को कानपुर प्रथम और द्वितीय, आगरा प्रथम एवं द्वितीय को मिलाकर अब आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा जोन में बांटा गया है। बांदा व झांसी जोन में कोई बदलाव नहीं किया गया। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले छह जोन थे, अब 11 जोन बनाए गए हैं।

गाजियाबाद जोन को अब गाजियाबाद प्रथम, द्वितीय व तृतीय जोन में, मेरठ को मेरठ प्रथम एवं द्वितीय, मुरादाबाद को अब मुरादाबाद एवं गजरौला में, सहारनपुर को सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर जोन में बांटा गया है। नोएडा और बुलंदशहर जोन में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि कानपुर विद्युत आपूर्ति कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत केस्को जोन में भी पुनर्गठन के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया।

लंबा हो सकता है इंतजार

लखनऊ में मौजूद एक उच्च पदस्थ सूत्र की माने तो नवसृजित जोन के मुख्य अभियंताओं को इन कार्यों के लिए सभी अधिकार एक जनवरी, 2024 से दिए जाएंगे। इस पुनर्गठन से महानगरों की बिजली व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी। मंडल मुख्यालय के जिलों की बिजली वितरण व्यवस्था में भी सुधार होगा। योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, कार्यों की बेहतर मॉनिटरिंग भी की जा सकेंगी। साथ ही उपभोक्ताओ की शिकयतों का भी त्वरित समाधान किया जा सकेगा।

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