Tuesday, July 8, 2025
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आज दिग्विजय, थरूर और खड़गे का नामांकन तय

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कौन लड़ेगा इसको लेकर गुरुवार को तस्वीर कुछ हद तक साफ हो गई। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एलान किया कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे और शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगे। वहीं, शशि थरूर ने पहले ही चुनाव लड़ने का एलान किया है। इस दौड़ में मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हो गए हैं। खड़गे भी शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर सकते हैं। देर रात सोनिया और प्रियंका वाड्रा के बीच मुलाकात के बाद खबर आई कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे गांधी परिवार की पसंद हो सकते हैं। खरगे शुक्रवार सुबह सोनिया से मिल सकते हैं। वैसे, अध्यक्ष पद के लिए मुकुल वासनिक व सैलजा के नाम भी चर्चा में हैं। आज नामांकन की आखिरी तिथि है।

पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के कार्यालय से नामांकन पत्र लेने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि नामांकन पत्र लेने आया हूं। संभवत: शुक्रवार को भरूंगा। उन्होंने 10 नामांकन फॉर्म लिए। माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के किनारे हटने के बाद दिग्विजय सिंह ही पार्टी का चेहरा होंगे। हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया है कि अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर उनकी गांधी परिवार के किसी सदस्य से कोई चर्चा हुई है। दिग्विजय सिंह अगर चुनाव जीतते हैं तो मध्यप्रदेश से कांग्रेस के दूसरे अध्यक्ष होंगे। वहीं, मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि वह दिग्विजय सिंह का प्रस्तावक बनने के लिए दिल्ली जाएंगे। मध्यप्रदेश से 10 विधायक उनके प्रस्तावक बनने के लिए दिल्ली जा रहे हैं।

पार्टी अध्यक्ष के लिए पवन बंसल ने दो सेट नामांकन पत्र लिए है। क्या बंसल भी किसी प्लान का हिस्सा हैं या फिर उनसे किसी अन्य के लिए नामांकन पत्र मंगाया गया। इन्हें कौन भरेगा पवन बंसल ने अभी स्थिति साफ नहीं की है।

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की हलचल के बीच कांग्रेस के जी-23 खेमे के नेताओं ने भी गुरुवार को बैठक की। ये बैठक आनंद शर्मा के आवास पर हुई। इस बैठक में मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई नेता शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि जी-23 खेमा भी अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार उतार सकता है। शुक्रवार को जी-23 ग्रुप ने एक और बैठक बुलाई है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर जयपुर में हुए घटनाक्रम पर माफी मांगी। विधायक दल की बैठक में अपने समर्थकों के न पहुंचने की जिम्मेदारी उन्होंने खुद पर ली। सोनिया गांधी के साथ करीब डेढ़ घंटे की बातचीत के बाद गहलोत ने साफ कर दिया कि मौजूदा हालात में वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं, उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष ही करेंगी।

पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बाद में बताया कि राजस्थान में मुख्यमंत्री का फैसला एक-दो दिन में ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा, संभावना है कि दिल्ली से फिर पर्यवेक्षक भेजकर विधायक दल की बैठक बुलाई जाए और उसमें एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया जाए। वेणुगोपाल ने कहा, सोनिया अध्यक्ष चुनाव को लेकर तटस्थ हैं। हमें शुक्रवार तक का इंतजार करना चाहिए, स्पष्ट तस्वीर मिल जाएगी।

इससे पहले, गहलोत ने कहा, मैंने पचास साल से कांग्रेस के लिए वफादारी से काम किया है। केंद्रीय मंत्री रहा, महासचिव रहा, राजस्थान का अध्यक्ष बना और सोनिया गांधी के आशीर्वाद से तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं। इस बीच, पार्टी ने सभी नेताओं को हिदायत दी है कि वे राजस्थान मामले में बयान न दें। महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एडवाइजरी का कोई उल्लंघन किया जाता है, तो पार्टी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी।

सोनिया गांधी से मुलाकात के पहले साफ हो गया था कि गहलोत माफी मांगने की तैयारी से आए हैं। दरअसल, गहलोत की गाड़ी दस जनपथ के मुख्य गेट पर पहुंचते ही मीडिया ने उन्हें घेर लिया। इसमें गहलोत के हाथ में रखे कागज का फोटो भी खिंच गया। इसमें लिखा था, जो कुछ भी हुआ दुखद है, मैं भी बहुत आहत हूं।

जयपुर में पिछले दिनों जो घटना हुई, उसने हम सब को हिलाकर रख दिया। देश में संदेश गया कि मैं सीएम बने रहना चाहता हूं। मैं एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं करा सका, जिसका हमेशा दुख रहेगा। जिम्मेदारी न निभा पाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से माफी मांगी। -अशोक गहलोत, सीएम, राजस्थान

राजस्थान कांग्रेस में सियासी उठापटक के बीच सचिन पायलट सोनिया गांधी से मिले। रात 8 बजे के करीब सचिन दस जनपथ पहुंचे। एक घंटे चली बैठक के बाद पायलट बोले-हमने अपनी भावनाएं आलाकमान को बता दी हैं। मेरी पहली प्राथमिकता राजस्थान है। उन्होंने हमारी बातों को सुना। पायलट ने कहा, हम सब चाहते हैं कि 2023 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ें। हमें यकीन है कि राजस्थान में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएंगे।

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