Thursday, March 28, 2024
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…मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए

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हममें बेशुमार कमियां होती हैं, हममें आत्मविश्वास का अभाव होता है, हमें डर लगता है, हमें शर्म आती है, हमें झिझक होती है, हम खुद को अयोग्य समझते हैं और अंतत: पराजय के सामने खुद को समर्पित कर देते हैं। इस सत्य से इनकार करना आसान नहीं होगा कि किसी भी विधा में कामयाबी के लिए कठिन मेहनत की आवश्यकता होती है, खुद की कमियों को नियमित रूप से दूर करने की जरूरत होती है। यदि किसी लक्ष्य को सिद्ध करने के लिए कठोर प्रतिज्ञा कर लें, मन में ठान लें तो बेशुमार समस्याओं और कमियों के बावजूद हमारी कामयाबी में कोई संदेह शेष नहीं रह जाता है।

अठारह वर्ष की रिया ने जब अपने गांव के स्कूल से बारहवीं पास करके शहर के एक कॉलेज में फैशन डिजाइनिंग के कोर्स में ऐडमिशन लिया तो उसके जीवन के सारे रंग-ढंग बदल गए। गोया उसके सपनों को एक नई उड़ान मिल गई हो। नया शहर, नए लोग, नई पढ़ाई और नए फैकल्टीज और उस पर सबसे अधिक नए सपने और जीवन में सफलता के शीर्ष पर आगे बढ़ने की नई उड़ानें। किंतु रिया की यह खुशियां बहुत दिन तक महफूज नहीं रह पार्इं। अपने क्लास के पहले ही दिन जब उसने देखा कि उसके सभी दोस्त क्लास के अंदर और बाहर फर्राटेदार इंग्लिश बोलते हैं और वह बड़ी मुश्किल से एक-दो लाइन ही जोड़-तोड़ कर इंग्लिश बोल पाती है तो उसके लिए जीवन की नई खुशियों के संसार का आकाश अकस्मात ही धरती पर आ गिरा। लेकिन रिया बचपन से ही जिद्दी थी और वह आसानी से हार माननेवालों में नहीं थी। वह निराश नहीं हुई और फ्लूअन्टली इंग्लिश बोलने के लिए प्रयास करने की ठान ली।

अगले दिन ही उसने बड़ी गंभीरता से अपने धाराप्रवाह इंग्लिश बोलने में हो रही कठिनाइयों की एक लिस्ट बना ली। उसे इंग्लिश में उपयुक्त शब्दों के चुनाव में प्रॉब्लम होती थी, सेन्टेन्स बनाने में बड़ी समस्या होती थी और सबसे अधिक किसी से इंग्लिश बोलने में गलती होने का हमेशा डर बना रहता था। कहते हैं कि जब समस्याओं का कारण पता हो तो फिर उनके समाधान के रास्ते में देर नहीं लगती है। रिया ने शीघ्र ही उस शहर में एक मशहूर प्रोफेशनल इंग्लिश स्पीकिंग कोचिंग जॉइन कर लिया। वह यूट्यूब पर भी फ्लूअन्टली इंग्लिश बोलने के कई विडिओ की भी सहायता लेती रही। इंग्लिश ग्रामर के बेसिक्स से लेकर वर्ड पावर को समृद्ध करने और कोचिंग इंस्टिट्यूट के द्वारा इंग्लिश बोलने के लिए दिए गए अनिवार्य टिप्स की जानकारियों को सीखने के लिए उसने कठिन मिहनत की।

दिन-रात उसके सामने एक ही लक्ष्य इंग्लिश स्पीकिंग का ही नजर आता था। साथ ही कोचिंग इंस्टिट्यूट के मॉक ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू बोर्ड फेस करते रहने से उसका कॉन्फिडन्स मजबूत होता गया और इंग्लिश स्पीकिंग का डर जाता रहा। इसके साथ ही कुछ महीनों में उसके जीवन में एक बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन आया। अब रिया बिना भय और हिचकिचाहट के फर्राटेदार इंग्लिश बोल सकती थी। उसके जीवन की यह उपलब्धि उसके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी।

सच पूछिए तो हमलोगों का जीवन भी रिया के जीवन से तनिक भी अलग नहीं है। हममें बेशुमार कमियां होती हैं, हममें आत्मविश्वास का अभाव होता है, हमें डर लगता है, हमें शर्म आती है, हमें झिझक होती है, हम खुद को अयोग्य समझते हैं और अंतत: पराजय के सामने खुद को समर्पित कर देते हैं। इस सत्य से इनकार करना आसान नहीं होगा कि किसी भी विधा में कामयाबी के लिए कठिन मेहनत की आवश्यकता होती है, खुद की कमियों को नियमित रूप से दूर करने की जरूरत होती है। यदि किसी लक्ष्य को सिद्ध करने के लिए कठोर प्रतिज्ञा कर लें, मन में ठान लें तो बेशुमार समस्याओं और कमियों के बावजूद हमारी कामयाबी में कोई संदेह शेष नहीं रह जाता है।

जरूरी है दृढ़ इच्छा शक्ति

इच्छा शक्ति से सामान्य तात्पर्य मन की ऐसी अवस्था से है जिसके कारण विपरीत परिस्थितियों का हम साहसपूर्वक सामना कर पाते हैं और अपने मन पर नियंत्रण रख पाते हैं। लेकिन ऐसी दृढ़ इच्छा शक्ति सबके पास नहीं होती है। अधिकांश परिस्थितियों में हम अपने मन के वशीभूत होते हैं और विपरीत परिस्थितियों का सामना किए बिना ही घबरा जाते हैं। सफल होने के लिए और एक अच्छा जीवन जीने के लिए यह स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है। लिहाजा जीवन में मजबूत इच्छा शक्ति की नितांत जरूरत है। इसके फलस्वरूप जीवन की मुसीबतों का धैर्यपूर्वक सामना करने के लिए प्रेरणा मिलती है और हम अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं।

साहसी बने रहें और घबराएं नहीं

मानव मन के साथ सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि यह एक स्थिति में कभी नहीं रहता है। कभी हम बहुत अधिक प्रेरित, ऊर्जावान और उत्साहित होते हैं तो कभी बिल्कुल ही हताश और निराश होते हैं। इस प्रकार की मनोदशा में भी हम सफल नहीं हो पाते हैं। जीवन में अपने उद्देश्यों के प्रति हमेशा उत्साहित और प्रेरित बने रहना भी सफलता के मार्ग को प्रशस्त करता है। परेशानियाँ जीवन के अभिन्न अंग हैं और इनका सामना करने की बजाय हतोत्साहित होने से समाधान की कोई राहें नहीं निकलती हैं। इसीलिए हर हाल में साहसी बने रहें। मन को मजबूत करके रखें। मन की कमजोरी हमारी सबसे बड़ी कमजोरी होती है। मन को नियंत्रित करना सीखें। मन पर बिना नियंत्रण वाले व्यक्ति का जीवन सूखे पत्ते की तरह का होता है जिसे जीवन की परिस्थितियों की तेज आंधी कहीं भी उड़ा ले जाती है। मन को नियंत्रित करनेवाला ही दुनिया को नियंत्रित कर सकता है।

अभ्यास से ही आती है सफलता

जीवन में प्रैक्टिस के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। क्योंकि निरंतर अभ्यास से ही किसी विधा में पूर्ण बनने की राहें खुलती है। ऐसा करना शुरू में कठिन प्रतीत हो सकता है लेकिन हमेशा यह मानकर चलें कि जीवन में सफलता पाना आसान नहीं होता है। सफलता एक साधना है जिसकी सिद्धि निरंतर अभ्यास के द्वारा ही संभव है। गायक हो या धावक, शिक्षक हो या वाद्य यंत्र वादक या फिर किसी भी विधा के एक्सपर्ट हो या प्रोफेशनल, सभी को अपनी झ्र अपनी विधा में कामयाबी पाने और उत्कृष्ट बने रहने के लिए नियमित रूप से अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसीलिए किसी भी डोमेन में कामयाबी के लिए नियमित रूप से प्रैक्टिस करना जरूरी होता है।

असफलताओं से घबराएं नहीं, बल्कि सीखें

असफलताओं से मन का दुखी होना अत्यंत ही सहज और मानवीय स्वभाव है। इसमें कुछ भी विचित्र नहीं है। यह सबके साथ होता है। किन्तु असफलताओं के दुख और उसके लिए पाश्चाताप के भंवर से बाहर निकलना सबके वश में नहीं होता है। इसके लिए बड़ी कोशिश करनी होती है। सबसे पहले तो यह समझना निहायत ही जरूरी है कि किसी लक्ष्य की प्राप्ति में असफलता ही सफल होने की राह में पहला अनिवार्य पड़ाव होता है। जब हम अपने किसी लक्ष्य सिद्धि में असफल हो जाते हैं तो हमें यह समझने की जरूरत है कि यह सफल होने की कोशिशों की दुनिया का अंत नहीं है।

ऐसी स्थिति में खुद का आत्मविश्लेषण करना आवश्यक होता है। खुद से प्रश्न पूछने की आवश्यकता होती है कि आखिर हमसे चूक कहाँ हो गई। सफल होने की कोशिश के लिए हमारी मुकम्मल तैयारी में कमी कहाँ और क्या रह गई। इन प्रश्नों के ईमानदारी से उत्तर देने और फिर उन कमियों को दूर करने के लिए निरंतर कोशिश करने में ही सफलता की इबारत लिखी होती है।

दूसरों के नकारात्मक विचारों से खुद को रखें महफूज

दूसरे व्यक्तियों को हमेशा नीचा दिखाना असफल और निराशावादी व्यक्तियों की आदतों में शुमार होता है। ऐसे व्यक्ति कभी भी आपको सफल होने के लिए प्रेरित नहीं कर सकते हैं। उनको आपके हर प्रयास में कुछ झ्र न- कुछ कमियाँ नजर आती हैं। इस तरह से अंतत: व्यक्ति खुद को अयोग्य समझना शुरू कर देता है। यह स्थिति बहुत खतरनाक है। जब हमें खुद की काबिलियत में ही संदेह होने लगे तो सफल होने के लिए प्रेरित और साहसी बने रहने का कार्य असंभव हो जाता है। लिहाजा खुद को ऐसे नकारात्मक व्यक्तियों की सोहबत से बचा कर रखने की जरूरत है। साथ ही अपनी योग्यता में संदेह करने की प्रवृत्ति से भी खुद को बचाए रखना जरूरी होता है।

निरंतर कोशिश करते रहें और सीखते रहें

ज्ञान सबसे बड़ी ताकत होती है। इस शक्ति की बराबरी कोई दूसरी ताकत नहीं कर सकती है। ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया किसी कारीगर के काम करने के टूल्स की तरह ही अहम होता है। यदि टूल्स ही धारदार और मजबूत नहीं हो तो वह अपने किसी कार्य को आसानी से नहीं कर सकता है। जीवन में सफलता पाने का सिद्धांत भी प्राय: इसी से मेल खाता है। जीवन के किसी डोमेन में सफल होने के लिए उस डोमेन से रिलेटेड सभी अनिवार्य स्किल्स और सब्जेक्टस को बहुत अच्छी तरह से जानना बहुत जरूरी है। कहते हैं कि इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में कभी भी परफेक्ट नहीं बन सकता है। हम जो कुछ भी सीखते हैं उसकी मात्रा उस क्षेत्र के ज्ञान के अगाध सागर के महज कुछ ही बूंदों के बराबर ही होती हैं। निरंतर सीखते रहने की आदत से हम पूर्णता की तरफ बढ़ते जाते हैं जो हमारी कामयाबी के लिए अहम होता है।

महान ब्रिटिश फिजिसिस्ट, कॉसमोलॉजिस्ट और लेखक स्टीफन हॉकिंग ने मानव जीवन में सफलता के बारे में एक बार कहा था, ‘आपको अपना जीवन कितना ही कठिन प्रतीत होता हो, किन्तु यह अवश्य मानकर चलिए कि जीवन में आपके लिए कुछ झ्र न झ्र कुछ जरूर है जिसे आप कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।’ आशय यह है कि जीवन में कामयाबी अदम्य साहस, अगाध धैर्य, कठिन मिहनत और सबसे अधिक कठोर प्रण से हासिल होती है। खुद की प्रतिभा को पहचान करके जब हम अपने लक्ष्य की सिद्धि की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ते हैं और लाख मुसीबतों के बावजूद कभी भी पराजय स्वीकार नहीं करने की ठान लेते हैं तो सफलता पाने में देर भले हो, किन्तु संदेह कदापि नहीं होता है।
                                                                                                   श्रीप्रकाश शर्मा


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