- एनएचएआई करा रहा आउटर रिंग रोड का कार्य
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के बाद इसकी बेहद जरूरत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के बाद शहर के लिए आउटर रिंग रोड का निर्माण बेहद महत्वपूर्ण हैं। टेंडर हुआ तो काम करने वाली कंपनी को मार्च 2024 का टारगेट सड़क निर्माण को पूरा करने का मिला था, लेकिन अभी बेस भी पूरा नहीं हुआ हैं, जिसके चलते अब नहीं लगता कि आउटर रिंग रोड दिये गए लक्ष्य के अनुसार पूरा बन पाएगा। आउटर रिंग रोड का काम एनएचएआई करा रहा हैं।
बड़ी जिम्मेदारी है एनएचएआई की, लेकिन इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही हैं। निर्धारित किये गए समय के अनुसार आउटर रिंग रोड को नहीं बना पा रहे हैं। काली नदी पर कई स्थानों पर पुल का निर्माण होना हैं, जहां पर अभी तब बेस भी अभी नहीं बन पाया हैं। पिलर भरने की शुरुआत तो की थी, लेकिन वो अभी पहले चरण के निर्माण पर ही लटका हुआ हैं,
जिस कंपनी को एनएचएआई ने टेंडर दे रखा हैं, वो लगातार ग्राउंड पर कार्य नहीं करा पा रही हैं। ‘जनवाणी’रिपोर्टरों की टीम ने ग्राउंड स्तर पर निर्माण जानने के लिए अलीपुर और उसके आसपास में पहुंचकर देखा तो वहां पर अभी ग्राउड स्तर पर ही काम पूरा नहीं हुआ हैं। दरअसल, ग्राउंड पर बेस बनाने के लिए सर्वप्रथम मिट्टी को डाला जाता हैं, यहां अभी मिट्टी का भी कई स्थानों पर बेस नहीं बना हैं।
मिट्टी का काम जिसे दिया गया हैं, वो थर्ड पार्टी हैं, वो मिट्टी का काम बीच में ही छोड़कर चली गई, जिसके बाद कंपनी ने मिट्टी डालने का काम खुद ही संभाला, लेकिन कंपनी ठीक से मिट्टी का कार्य नहीं कर पा रही हैं, जिसके चलते बेस भी पूरा नहीं हो पा रहा हैं। हापुड हाइवे से जैसे ही आउटर रिंग रोड को कनेक्ट किया जा रहा हैं, वो है अलीपुर। यहां पर पिलर तो बन गए हैं, लेकिन अभी हापुड हाइवे के ऊपर से ये पुल बनेगा,
जिसको अभी तक तैयार ही नहीं किया जा रहा हैं। इसमें भी विलंब चल रहा हैं। इससे अलीपुर की तरफ बढ़ते है तो वहां पर मिट्टी का कार्य भी अधूरा हैं, जो बेस मिट्टी का बनना चाहिए था, वो नहीं बन पाया हैं। काली नदी पर पिलर तो ग्राउंड पर बनाये गए, जो चार से पांच फीट ही बाहर निकले हैं, उसके बाद से बीच में ही रुके पड़े हैं। इसकी वजह क्या है? कोई बताने को तैयार नहीं हैं।
यहां भी पुल से जोड़ने के लिए मिट्टी का वर्क व्यापक स्तर पर होता हैं, वो भी अभी नहीं हुआ। पुल बनने में ही लंबा समय यहां लग सकता हैं। एक किलोमीटर की दूरी पर बढ़ते है तो वहां पर बेस बन गया है और काली सड़क का प्रथम चरण पूरा कर दिया हैं, लेकिन ये सिर्फ एक किलोमीटर लंबा तैयार हैं। फिर से मिट्टी का वर्क चल रहा है, वो भी कहीं पर अधूरा है। इस तरह से हापुड़ रोड से गढ़ रोड को ये आउटर रिंग रोड आपस में कनेक्ट कर रहा हैं
तथा इसके आगे अब्दुल्लापुर से ऊपर को होते हुए आगे बढ़ा है, जो मवाना रोड को आपस में कनेक्ट करेगा। मवाना रोड से दौराला के बीच में आउटर रिंग रोड पर मिट्टी का काम चल रहा हैं, यहां पर मिट्टी के कार्य में तेजी दिखाई दी। यहां पर कंपनी ने प्राइवेट लोगों को मिट्टी डालने के लिए लगा रखा हैं। एक तरह से यहां पर थर्ड पार्टी काम कर रही हैं, इसी वजह से यहां पर काम में तेजी देखने को मिली हैं।