Wednesday, June 7, 2023
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अच्छे मार्क्स से परीक्षा पास करना एक कला है

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परीक्षाओं के विभिन्न सजबेक्टस के नोट तैयार करना परीक्षा की तैयारी का दूसरा सबसे अहम स्टेप होता है। लेकिन नोट बनाना आसान कार्य नहीं होता है। किसी भी सब्जेक्ट का नोट बनाना एक कला है और जिसकी मास्टरी के लिए कठिन मेहनत और सतत अभ्यास की जरूरत होती है। जब भी आप किसी विषय में कोई चैप्टर पढ़ना शुरू करें तो एक नोट बुक साथ लेकर बैठें।

परीक्षाओं की बात आती है तो मन कई प्रकार की चिंताओं से भयभीत हो उठता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि परीक्षाएं पूरे वर्ष पढेÞ गए और सीखे हुए पाठों का टेस्ट होता है। इस सत्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि परीक्षा में उत्कृष्ट रिजल्ट पाने की चाह सभी स्टूडेंट्स को होती है, किंतु इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राहें आसान नहीं होती हैं।

यह एक कठिन साधना है जिसकी सिद्धि के लिए कठिन मेहनत और सतत अभ्यास की जरूरत होती है। यदि समय के महत्व को ध्यान में रखते हुए और नियोजित तरीके से तैयारी की जाए तो अच्छे अंकों से परीक्षा पास करना कोई कठिन कार्य नहीं है। यदि निम्नांकित बिंदुओं पर गौर करें और उन पर सच्चे दिल से अमल करें तो परीक्षा की तैयारी अच्छी होने के साथ-साथ उसके अच्छे रिजल्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं –

पाठ्यक्रम के अनुसार करें परीक्षा की तैयारी

प्रत्येक परीक्षा का एक निश्चित पाठ्यक्रम होता है जिससे परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं। सिलेबस किसी जहाज का बेकन लाइट जैसा ही अहम होता है जो उसे राह दिखाता है। लिहाजा परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए उसके सिलेबस को अच्छी तरह से जानना सबसे अहम स्टेप होता है। ऐसा करने से किसी भी परीक्षा की उत्कृष्ट तैयारी आसान हो जाती है।

स्वयं तैयार करें नोट

परीक्षाओं के विभिन्न सजबेक्टस के नोट तैयार करना परीक्षा की तैयारी का दूसरा सबसे अहम स्टेप होता है। लेकिन नोट बनाना आसान कार्य नहीं होता है। किसी भी सब्जेक्ट का नोट बनाना एक कला है और जिसकी मास्टरी के लिए कठिन मेहनत और सतत अभ्यास की जरूरत होती है। जब भी आप किसी विषय में कोई चैप्टर पढ़ना शुरू करें तो एक नोट बुक साथ लेकर बैठें। पढ़ने के क्रम में अपने नोट बुक में निम्न सूचनाओं को अच्छी तरह से लिखते जाएं-

  • महत्वपूर्ण कॉनसेप्टस की संक्षिप्त किन्तु पूर्ण परिभाषा और जानकारी
  • महतपूर्ण सूत्र और संकेत
  •  महत्वपूर्ण वर्ष और तिथि
  •  राज्य, देश और विश्व के स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान, व्यक्ति और उनके योगदान और घटनाएं।
  • डाइग्राम्स और ग्राफ
  • गणितीय प्रश्न को सॉल्व करने के महत्वपूर्ण स्टेप्स
  • अध्ययन करते समय जब हम उपर्युक्त सूचनाओं को नोट बुक में लिखते जाते हैं तो यह किसी भी सब्जेक्ट की अच्छी तैयारी में हमारी काफी मदद करती है। लेकिन नोट बनाने के समय इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उसमें सारी बातें साफ-सुथरी लिखें और अतिमहत्वपूर्ण फैक्टस और फिगर्स को हाइलाइट कर दें। ऐसा करने से पाठ्यक्रम के कंटेन्ट का सार हमारी मेमोरी में स्थायी हो जाता है।

बाजार के नोट्स पर न करें विश्वास

बाजार में उपलब्ध नोट्स और गाइड्स स्टैन्डर्ड क्वालिटी के नहीं होते हैं। न ही ये सभी नोट्स किसी परीक्षा में प्रीस्क्राइब्ड सिलबस के अनुरूप होते हैं। इसके अतिरिक्त इन सभी नोट्स और गाइड्स के कन्टेनट्स की शुद्धता भी प्रामाणिक नहीं होती है। लिहाजा परीक्षाओं के नोट्स खुद तैयार करना अच्छा माना जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि नोट बनाने के समय ही हमें पूरे सिलबस के बारे में जानकारी हो जाती है और फिर बाद में उसको समझने में कोई कठिनाई नहीं होती है।

स्टैन्डर्ड रेफ्रन्स बुक्स का चयन है अनिवार्य

किसी परीक्षा के सिलेबस के रेफ्रन्स बुक्स से भी अच्छी तैयारी में काफी सहायता प्राप्त होती है। क्योंकि रेफ्रन्स बुक्स में विभिन्न प्रकार के कन्टेनट्स विस्तार से और स्पष्ट रूप से दिए होते हैं जिससे तैयारी आसान होती है। किन्तु जब रेफ्रन्स बुक्स अच्छी क्वालिटी की न हो तो फिर मटेरियल्स की क्वालिटी मानक नहीं रह जाती है। इसीलिए रेफ्रन्स बुक्स का चुनाव सावधानी से करने की जरूरत है ताकि जो अध्ययन किया जाए वह प्रमाणिक हो और वह परीक्षा में अच्छे मार्क्स दिलाने में मदद कर पाए।

रटें नहीं समझने की कोशिश करें

कुछ विद्यार्थियों में प्राय: एक प्रवृत्ति यह होती है कि वे किसी भी कंटेन्ट को समझने के बजाय रट लेते हैं। रटने से विषय पर कभी भी मास्टरी नहीं की जा सकती है। रटने से विषय की तैयारी आधी-अधूरी ही होती है। क्योंकि परीक्षा के समय रटे हुए ये सभी विषय वस्तु याद नहीं रह पाते हैं और इसलिए उपयोगी नहीं होते हैं। इसका मुख्य कारण यह होता है कि परीक्षाओं के प्रश्न जब एप्लीकेशन- बेस्ड होते है तो उनके उत्तर देने के लिए समझ की जरूरत होती है। इसके अतिरिक्त याद की चीजें मस्तिष्क में स्थायी नहीं होती है। इसीलिए विषय को रट कर याद करने की बजाय समझना जरूरी है।

प्रैक्टिस तो है अत्यंत ही अनिवार्य

किसी कार्य में सिद्धि के लिए उसे बार झ्र बार दुहराने की प्रक्रिया ही प्रैक्टिस कहलाता है। जीवन में अपने किसी भी लक्ष्य प्राप्ति के लिए इससे बड़ा और सूत्र नहीं हो सकता है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने का रहस्य भी इस सत्य से तनिक भी अलग नहीं है। जब हम किसी विषय में कठिन टॉपिक को समझने के लिए प्रैक्टिस करते हैं तो हम उसमें पूर्ण बन जाते हैं। लिहाजा अपने सभी विषयों को अच्छी तरह से तैयार करने के लिए उनके सब्जेक्ट मैटर को सीखने और समझने के लिए निरंतर अभ्यास करें।

मॉक टेस्ट के बिना तैयारी पूर्ण नहीं

हाल के दिनों में सभी प्रकार की परीक्षाओं की तैयारी के लिए मॉक टेस्ट का प्रचलन काफी बढ़ गया है। सच पूछिए तो मॉक टेस्ट वास्तविक परीक्षा के पहले का ड्रेस रीहर्सल जैसा ही होता है। यह मॉक टेस्ट जितनी सच्चाई से दी जाती है वास्तविक परीक्षा की तैयारी उतनी ही उत्कृष्ट होती है। इस टेस्ट से अपनी तैयारी की पूर्णता का भी पता चलता है। टाइम मैनिज्मन्ट स्किल्स में भी बढ़ोत्तरी होती है।

परीक्षा की तैयारी से संबंधित कमियों का भी पता चलता है। इसीलिए पढ़े गए पाठों से मॉक टेस्ट देते रहें और उसके रिजल्ट्स के आधार पर तैयारी में कमियों को दूर करते रहें। इस प्रकार प्रैक्टिस से परीक्षाओं की तैयारी में पूर्णता हासिल होती है और मनचाही सफलता का मार्ग आसान हो जाता है। सच पूछिए तो परीक्षा की अच्छी तैयारी और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना एक कठिन साधना जिसकी सिद्धि कठिन मेहनत, निरंतर अभ्यास और उपर्युक्त तरीकों से प्राप्त की जा सकती है।
                                                                                                        श्रीप्रकाश शर्मा


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