- दबथुवा में मेरठ-करनाल हाइवे चौड़ीकरण की चपेट में आ रहा था मकान
- किसान ने जेक लगवाकर पीछे रखवा दिया पूरा मकान
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: आधुनिक जमाने में कुछ भी संभव है। इसमें फिर चांद पर जाना हो या मकान को किसी सामान की तरह उठाकर दूसरी जगह रखना। मेरठ-करनाल हाइवे पर दबथुवा गांव में सैंकड़ों मकान हाइवे चौड़ीकरण की चपेट में आए तो सभी आशियाने उड़ गए। मगर एक किसान ने तकनीक का सहारा लिया और पूरी कोठी उठवाकर दस फीट पीछे रखवा दी। यह कोई किस्से कहानी की बात नहीं है, बल्कि एक हकीकत है।
निजी कंपनी पूरे मकान को जेक पर उठाकर पीछे रखने का काम कर रही है। जिसे देखकर हर कोई हैरान है। फिलहाल इस कोठीनुमा मकान को जेक पर उठाने का काम किया जा रहा है। इसके बाद रोलर के माध्यम से मकान को उठाकर पीछे रखने का काम किया जाएगा। हालांकि इस काम में लाखों रुपये का खर्चा आने वाला है।
दरअसल सरकार द्वारा मेरठ-करनाल हाइवे का चौड़ीकरण कराया जा रहा है। दबथुवा गांव हाइवे के बीच में पड़ता है। दबथुवा के ग्रामीणों ने विरोध किया तो हाइवे की चौड़ाई 28 की जगह 24 फीट कर दी गई। मगर इसके बाद भी दर्जनों मकान चौड़ीकरण की चपेट में आ गए। ग्रामीणों को मजबूरन अपने मकान ध्वस्त कराने पड़ रहे हैं। मगर गांव के ही किसान वेदप्रकाश सिंह ने मन बनाया कि वह मकान को ध्वस्त नहीं कराएंगे।
उन्होंने इंटरनेट पर इसका समाधान खोजा तो पता चला कि मकान को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर रखा जा सकता है। जिस पर वेदप्रकाश ने एक निजी कंपनी से संपर्क किया। कंपनी ने मकान को स्थानांतरित करने का ठेका ले लिया। अब कंपनी की टीम द्वारा कोठीनुमा इस मकान को उठाकर करीब दस फीट पीछे रखने का काम किया जा रहा है। कंपनी की टीम ने करीब पूरे मकान में सैंकड़ों जेक लगाकर ऊपर उठा दिया है।
अब पूरे मकान को रोलर द्वारा पीछे स्थानांतरित करने का काम किया जा रहा है। जीके हाउस सिफ्टिंग के संचालक सुखवींद्र सिंह हरियाणा से बात की तो उन्होंने बताया कि करीब 30-40 दिन में पूरे मकान को उठाकर पीछे सिफ्ट कर दिया जाएगा। पूरी सुरक्षा का इसमें ध्यान रखा जाता है। इससे पहले भी वह इस तरह का काम कर चुके हैं। मगर मेरठ में यह पहला मकान है, जिसकी सिफ्टिंग की जा रही है। इस तकनीक को देखने के लिए किसान के घर पर रोजाना लोगों का जमावड़ा रहता है।