जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: मोबाइल फोन की निजी कंपनी के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का फोटो लगाकर अनुचित लाभ लेने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। लखनऊ में राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाने से सियासी हलके में हड़कंप मच गया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यमंत्री कपिलदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीएमओ के हस्तक्षेप करने से इस मामले में राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल की कुर्सी पर खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है।
उत्तर प्रदेश के कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल लखनऊ में एक सप्ताह पहले मोबाइल फोन की एक कंपनी के समारोह में शामिल हुए थे। कंपनी के प्रचार का कांटेक्ट राज्यमंत्री के भाई ललित अग्रवाल की एडवरटाइजिंग कंपनी के पास है।
पूरे प्रदेश में जो होर्डिग्स लगाए गए उनमें पीएम और सीएम का फोटो भी लगा दिया गया। एक निजी कंपनी के प्रचार में पीएम और सीएम का फोटो लगाए जाने का मामला पीएमओ तक पहुंचा, तो राज्यमंत्री के भाई सहित कंपनी के मालिक आदि पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज हो गया।
हाई प्रोफाइल मामला होने से कंपनी के मालिक ने फोटो लगाने पर माफी मांग ली है। यह मामला जिले की राजनीति में अचानक उफान पर पहुंच गया है। कपिलदेव अग्रवाल विधायक हैं और पार्टी में उनके विरोधियों के लिए यह एक बड़ा हथियार बन गया है।
यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि प्रदेश में 27 आईटीआई में घोटाला सामने आ गया। सभी आईटीआई को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस घोटाले के सामने आने से बेहद नाराज हैं। विभाग कपिलदेव अग्रवाल के पास होने के कारण यहां भी वह घेरे में आ गए हैं। भाजपा के सूत्रों की माने तो उनकी राज्यमंत्री की कुर्सी पर खतरा मंडरा सकता है।
मेरा और मेरे भाई का कंपनी से संबंध नहीं: कपिलदेव
उत्तर प्रदेश के कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल का पूरे प्रकरण पर कहना है कि उनका और उनके भाई ललित अग्रवाल का कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है। पीएम और सीएम के फोटो लगाने पर उन्होंने कंपनी के मालिक को नोटिस दिया था, जिसमें उन्होंने खेद व्यक्त किया है। कुछ लोग इस मामले को लेकर अत्यधिक तूल दे रहे हैं।