जनवाणी ब्यूरो |
ऋषिकेश: उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के प्रवेश द्वार ऋषिकेश की हवा वर्तमान में अच्छी नहीं है। दीपावली के अगले रोज इस शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक में वृद्धि दर्ज की गई है। 31 अक्टूबर को जो सूचकांक 90 पर था वह 140 एक्यूआई तक पहुंच गया है। जिसे स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं कहा जा सकता। ऐसी प्रदूषित हवा खासकर सांस के रोगियों के लिए घातक हो सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से जारी किए गए एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक को किसी भी क्षेत्र की हवा का पैमाना माना जाता है। गढ़वाल मंडल के प्रवेश द्वार ऋषिकेश की बात करें तो यहां राजाजी राष्ट्रीय पार्क, ऋषिकेश वन विभाग आदि क्षेत्र के मध्य में यह शहर आता है। गंगा यहीं से होकर मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। प्रतिवर्ष यहां आने वाले सैलानियों और श्रद्धालुओं की संख्या को देखकर कहा जा सकता है कि वातावरण के हिसाब से यह क्षेत्र सभी की प्रमुख पसंदीदा जगह में से एक है।
दीपावली के पर्व के दौरान क्षेत्र में जमकर हुई आतिशबाजी ने यहां की हवा में जहर घोलने का काम किया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ऋषिकेश में वायु का सूचकांक चार दिन पहले तक राहत देने वाला था। 28 अक्टूबर को यहां यह सूचकांक 60 पर था। 29 अक्टूबर को 63, 30 अक्टूबर को 64 और 31 अक्टूबर को यह सूचकांक 90 दर्ज किया गया।
31 अक्टूबर की रात पूरे शहर में जमकर दिवाली मनाई। आतिशबाजी के धुएं से पूरा आसमान पूरी रात धुंधला रहा। प्रदूषण बोर्ड की ओर से शुक्रवार की अपराह्न करीब 3:00 बजे जो सूचकांक जारी किया गया है, उसमें ऋषिकेश में वायु प्रदूषण का स्तर 140 तक पहुंच गया है। जिससे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है।