- बिना कागजात के कर्मचारी को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंगलवार को अलग ही नजार देखने को मिला। जिसमें कि सहारनपुर थाना बिहारी गढ़ पुलिस के आईओं ने अचानक से विवि के मुख्य द्वार पर एफिलेशन विभाग के संस्पेड एक कर्मचारी को पकड़ कर गाडी में बैठा लिया। जैसे ही इस मामले की जानकारी अन्य कर्मचारी को मिली।
कर्मचारियों भारी संख्या में मुख्य गेट पर पहुंच गए और वहां पर कर्मचारी को ले जाने का विरोध किया। कर्मचारियों ने साफ-साफ कहा कि बिना विवि प्रशासन के अनुमति के कर्मचारी को नहीं ले जाने देगे। विरोध को देखते हुए पुलिस की टीम कहने लगी हमने विवि के बाहर से कर्मचारी को उठाया है।
ऐसे में परमिशन की आवश्यकता नहीं। जिसके बाद कर्मचारियों को टीम से तीखी नोकझोंक हुई। उसके पश्चात पुलिस की टीम विवि रजिस्ट्रार के पास पहुंची। जहां पर विवि प्रशासन की तरफ से कर्मचारी को पकड़ने से संबंधित पुलिस की टीम से कानूनी कागज मांगे। विवि कर्मचारियों के अनुसार टीम कागज नहीं दिखा पाई।
जिसके बाद काफी देर वार्ता होने के बाद पुलिस की टीम कर्मचारी को छोड़कर बेरग लौट गई। मगर जिस तरह से कर्मचारी को उठाया वह विवि परिसर में चर्चाओं का विषय बना रहा। क्योंकि जानकारों की माने तो किसी भी व्यक्ति को बिना कानूनी दस्तावेज के उठाना उचित नहीं होता।
दरअसल सहारनपुर के दून कॉलेज की फाइल के एक कागज गायब होने के मामले में सहारनपुर पुलिस जांच कर रही है। जिसके लिए पुलिस की टीम द्वारा सहारनपुर के कॉलेज के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है, लेकिन उस एफआईआर में विवि के कर्मचारी का नाम अंकित नहीं हैं।
वहीं कालेज की टीम इस बावत मंगलवार को बेल भी ले आयी, लेकिन जिस तरह से विवि में कर्मचारियों को उठाया है उससे कर्मचारियों में रोष है। इस संबंध में विवि कुलसचिव धीरेन्द कुमार वर्मा ने बताया कि कर्मचारी को साथ ले जाने से संबंधित कोई दस्तावेज उनके पास नहीं था। साथ ही पुलिस की टीम जो भी बयान कर रही है उसमें विवि की तरफ से सहयोग किया जा रहा है। इस तरह से कर्मचारी को उठाने के मामले में लीगल राय ली जाएगी।