जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: राजधानी देहरादून में विधानसभा सत्र आयोजित करने को लेकर फिर राजनीति गरमा गई है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रेसवार्ता कर सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले गैरसेंण में सत्र आयोजित करने की घोषणा की थी। वहीं अब देहरादून में सत्र करने का फैसला लिया। ये उत्तराखंडियत और गैरसैंण का अपमान है।
सरकार अभी तक सत्र को लेकर तिथि व स्थान तय नहीं कर पाई है। सरकार को पहाड़ी राज्य होने के बावजूद भी गैरसैंण जाने में ठंड लग रही है। इसलिए ही सरकार वहां सत्र कराने से बच रही है।
सरकार गैरसैंण के अपमान के लिए राज्य के लोगो से माफी मांगे। कहा कि पूर्व में कांग्रेस ने सत्र के दौरान गैरसैंण में एक बड़ी रैली का एलान किया था। लेकिन अब रैली गैरसैंण में होगी या देहरादून में इस पर कोर कमेटी फैसला लेगी।
वहीं, इस दौरान उन्होंने केदारनाथ के विधायक मनोज रावत को त्रिशूल देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि आगे भू कानून संबंधी मुद्दे को मनोज रावत लीड करेंगे। चुनाव में अभियान से जुड़े लोग खंडाला घाट से बनी टोपी पहनेंगे।
उन्होंने देवस्थानम बोर्ड पर सरकार के फैसले को रावत ने कांग्रेस की जीत बताया। कहा कि लोकतंत्र का गला घोंट कर भाजपा सरकार ने अधिनियम बनाया था।