नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। राहुल गांधी 2024 में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के बीच बढ़े मतदाताओं की संख्या पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन, इसके लिए उन्हें 2009, 2014, 2015 और 2019 के चुनावों के समय कितने वोटर्स की संख्या बढ़ी, इसकी जानकारी भी देनी चाहिए थी। परंतु, ऐसा लगता है कि या तो वे उस समय बढ़े वोटरों की संख्या से अनभिज्ञ हैं या फिर जानबूझकर उसे चर्चा में नहीं लाना चाहते।
सोशल मीडिया के जमाने में राजनीतिक बढ़त बनाने के लिए आजकल मनगढ़त दावों और आरोपों का सहारा खूब लिया जाने लगा है। जब तक पोल खुलती है तब तक नैरेटिव बनाने का काम हो चुका होता है। इस रणनीति की शुरूआत हालांकि भाजपा ने ही की थी पर आज आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इस खेल के बड़े खिलाड़ी हो चुके हैं। इस खेल का ज्यादा नुकसान भाजपा को ही हो रहा है, क्योंकि वह सत्ता में बैठी है। लोकसभा चुनाव में संविधान को खत्म करने का हौव्वा खड़ा किया गया और भाजपा सत्ता से बाहर होते-होते बची। कांग्रेस को लोकसभा चुनावों के रिजल्ट आने के बाद न तो ईवीएम में गड़बड़ी दिखी और न ही मतदाता सूची में कोई हेरफेर नजर आई। पर हरियाणा और महाराष्ट्र में उन्हें ईवीएम ही नहीं मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी दिख रही है।
ये आंकड़े राहुल गांधी के आरोपों को दिखा रहे हैं आईना?
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, शिवसेना सांसद संजय राउत और एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब पर ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गांधी ने राहुल गांधी ने कहा कि ‘2019-2024 में 32 लाख मतदाता जुड़े, 2024 के लोकसभा और फिर हुए विधानसभा चुनाव के बीच 39 लाख मतदाता जुड़ गए। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र के मतदाता महाराष्ट्र की वयस्क आबादी से ज़्यादा हैं। राहुल गांधी के आरोप सुनने में बहुत गंभीर लगते हैं पर जब आप इनकी तह में जाएंगे तो पता चलेगा कि किस तरह आम लोगों को बरगलाने का काम चल रहा है।
आइए इन आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं और समझने की कोशिश करते हैं…
महाराष्ट्र में 2019 विधानसभा और 2024 की लोकसभा के बीच बेशक 32,23,493 वोटर बढ़े। यदि इसमें 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच जोड़े गए वोटरों (39,63,359) को मिला लिया जाए तो ये आंकड़ा 71,86,852 तक पहुंच जाता है। फिलहाल यहां तक तो राहुल गांधी बता रहे हैं, पर इसके पीछे की बात वो नहीं बताते हैं।
महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा से 2019 के लोकसभा चुनाव के बीच 51,48,636 वोटर बढ़ गए। जो कि 2019-24 के बीच अंतर से करीब 20 लाख ज्यादा है। अब जरा 2009 के विधानसभा से 2014 के लोकसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र में जुड़े वोटरों की संख्या पर एक नजर डाल लीजिये। उसके आगे तो राहुल गांधी की ताजा आपत्ति कहीं नहीं ठहरती। क्योंकि, यूपीए शासनकाल के उन पांच वर्षों के बीच महाराष्ट्र में 48,30,511 लाख नए वोटर जुड़े।
क्या राहुल गांधी जवाब देंगे कि तब वो 48 लाख वोटर कहां से जाए थे। यदि 2009 से 2014 के बीच के पांच साल और फिर लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच बढ़े वोटरों को मिला लिया जाए तो तब 75,59,998 नए वोटर जुड़े। ये संख्या 2019 से 2014 में चुनावों के बीच बढ़ी संख्या से चार लाख ज्यादा है। यानी, यूपीए के दौर में हुए चुनाव के दौरान ज्यादा मतदाता जोड़े गए।
महाराष्ट्र में कुल मतदाताओं की संख्या (चुनाव आयोग के अनुसार)
- 9,30,61,760- लोकसभा चुनाव-2024
- 9,70,25,119- विधानसभा चुनाव-2024
- 2024 के लोकसभा और विधानसभा के बीच नए 39,63,359 वोटर जुड़े
(2019 विधानसभा से 2024 लोकसभा चुनाव के बीच 32,23,493 वोटर जुड़े) - 8,86,76,946- लोकसभा चुनाव-2019
- 8,98,38,267- विधानसभा चुनाव-2019
- 2019 के लोकसभा और विधानसभा के बीच नए वोटर जुड़े 11,61,321
(2014 विधानसभा से 2019 लोकसभा चुनाव के बीच 51,48,636 वोटर जुड़े)