- दो से तीन रुपये प्रति किमी की चर्चा
- प्रायोरिटी सैक्शन की शुरुआत पर ही खुलेगा टिकट का भेद!
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रैपिड के सुचारू संचालन के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। किसी भी समय प्रधानमंत्री कार्यालय से इसके उद्घाटन की आॅफिशियल डेट का ऐलान हो सकता है। एनसीआरटीसी भी टकटकी लगाए पीएमओ की ओर देख रहा है। एनसीआरटीसी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इन सब के बावजूद रैपिडएक्स का किराया अभी तक भी घोषित नहीं किया गया है। जिसके चतले यात्रियों की जिज्ञासाएं बढ़ गई हैं।
हालांकि एनसीआरटीसी अधिकारियों का मत है कि रैपिड के किराए को फाइनल करने में उनका कोई रोल नहीं है। यह सरकार के स्तर का मामला है। वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर जो खबरें वायरल हो रही हैं। उनके अनुसार रैपिड का किराया दो से तीन रुपये प्रति किमी हो सकता है। हालांकि कुछ लोग चार रुपये प्रति किमी की बात भी कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी स्तर से कुछ भी फाइनल नहीं है।
हालांकि एनसीआरटीसी से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि अब इसका आॅफिशियल किराया शायद ही पहले घोषित हो। उनका कहना है कि जिस दिन प्राथमिक खंड पर रैपिडएक्स दौड़ना शुरू कर देगी सबको रैपिड का किराया पता चल जाएगा। कुछ माह पूर्व एक टीवी चैनल ने रैपिड का किराया दो रुपये प्रति किमी की दर से लगभग फाइनल होना बताया था, लेकिन बाद में एनसीआरटीसी ने इस खबर को आधारहीन बताया गया।
उधर, प्रायोरिटी सैक्शन पर रेल के सुचारू संचालन के लिए दुहाई यार्ड में कॉरिडोर का आॅपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर भी पूरी तरह से तैयार है। मेरठ से दिल्ली के बीच प्रतिदिन आठ लाख लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एनसीआरटीसी बिल्कुल तैयार है। रैपिड के संचालन से एनसीआर के विभिन्न मार्गाें से लगभग एक लाख वाहन भी कम होने का लक्ष्य रखा गया है।
दिल्ली रेफर होने वाले मरीजों के लिए होगी आसानी
मेरठ से दिल्ली रेफर होने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए भी रैपिड का संचालन राहत देगा। मेरठ से दिल्ली तक एम्बुलेंस का किराया हजारों में बैठता है। जबकि रैपिड के एक डिब्बे में बाकायदा स्ट्रेचर के साथ मरीजों को लाने ले जाने की व्यवस्था होगी। रैपिड के शुरू होने से मरीजों को बेहद कम कीमत पर मेरठ से दिल्ली के अस्पतालों में शिफ्ट किया जा सकेगा।