Wednesday, September 18, 2024
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‘रश्मि’ को बहुत कुछ नष्ट करना है इस साल-तापसी पन्नू

CINEWANI


सुभाष शिरढोनकर

2013 की डेविड धवन निर्देशित ‘चश्मे बद्दूर फिल्म के साथ तापसी पन्नू के कैरियर की शुरुआत बेहद मामूली थी लेकिन 2015 में प्रदर्शित दूसरी फिल्म ‘बेबी’ में तापसी पन्नू ने कुछ ऐसा प्रदर्शन किया कि सभी भौंचक्के रह गए। 2016 में आई शुजित सरकार की फिल्म ‘पिंक’ में तापसी ने कमाल ही कर दिया।

इसमें वह महानायक अमिताभ बच्चन को कड़ी टक्कर देती नजर आई। इस फिल्म ने उन्हें एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया। उसके बाद तापसी पन्नू अचानक डिमांड में आ गई, लेकिन तापसी अपना हर कदम मजबूती के साथ संभल कर रखती रहीं।

उन्होंने हीरोइन ओरियंटेड फिल्मों को प्रायोरिटी पर रखा और ‘नाम शबाना’ ‘सूरमा’, ‘बदला’, और ‘थप्पड़़’ जैसी फिल्मों के जरिये निरंतर आगे बढ़ती रहीं। डेविड धवन की ‘जुड़वां 2’ में वरूण धवन की सैकंड लीड हीरोइन बनना तापसी को बिलकुल गवारा नहीं था लेकिन ‘चश्मे बद्दूर’ के जरिये बॉलीवुड में ब्रेक देने वाले डेविड धवन के एहसान तले वह मजबूर थीं, सो इंकार नहीं कर सकीं।

अक्सर लोग कहते हैं कि तापसी पन्नू अपनी निजी जिंदगी में अपने किरदारों की तरह होती जा रही हैं। गुस्सा तो जैसे उनकी नाक पर रहता है लेकिन तापसी इस बात से साफ इंकार करती हैं। उनका कहना है गलत बात उन्हें कभी भी बर्दाश्त नहीं होती और इसके खिलाफ वह शुरू से आवाज उठाती रही हैं। प्रस्तुत हैं तापसी पन्नू के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:

आपकी निजी जिंदगी पर आपकी फिल्मों का कितना असर है?

  • मेरी लाइफ में फिल्मों से ज्यादा और भी चीजें होनी चाहिए। सिर्फ फिल्मों में ही मुझे अपनी पूरी जिंदगी नहीं बितानी है। इसलिए मैं चाहती हूं कि मेरा काम सिर्फ फिल्मों तक सीमित न रहे।
    स्ट्रगल के दौर में आपको साउथ की फिल्मों ने काफी सहारा दिया लेकिन अब बॉलीवुड फिल्मों में कामयाबी मिलते ही आपने साउथ की फिल्मों से पूरी तरह नाता तोड़ लिया है?
  • नाता तोड़ा नहीं है, बस साउथ की फिल्मों के लिए वक्त नहीं मिल पा रहा है। शायद इस वजह से ‘आनंदोब्रम्हा’, के बाद मेरे पास वहां की कोई फिल्म नहीं है लेकिन मैं अपने काम को इस तरह से मैनेज करने की कोशिश कर रही हूं ताकि बॉलीवुड और साउथ की फिल्मों में बैलेंस बनाते हुए काम कर सकूं।
    आपने हाल ही में एक बड़ा ही दिलचस्प बयान देते हुए कहा कि फिलहाल आपको बच्चों की जरूरत नहीं है। जब जरूरत होगी, शादी करूंगी। तो क्या शादी का औचित्य, आपके लिए सिर्फ बच्चों तक ही सीमित है?
  • मेरी बात को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। दरसल मैंने कहा था कि फिलहाल में अपने बच्चों को वक्त नहीं दे सकूंगी, इसलिए शादी या बच्चों के झमेले में पड़ना नहीं चाहती। हो सकता है कि शादी के बाद मैं फिल्मों में काम करती रहूं लेकिन बच्चे होने के बाद तो मेरा सारा फोकस उनकी परवरिश पर ही रहेगा।
    आपका जीवन साथी किस तरह का होगा। क्या उसके बारे में कोई आदर्श कल्पना अपने मन में कर रखी है?
  • इस बारे में फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं सोचा है लेकिन मैं चाहती हूं कि जब सैट पर, मेरा काम खत्म हो, तब घर पर मेरा पाला एक ऐसे शख्स से पड़े जो इस इंडस्ट्री का न हो ताकि काम से लौटकर दोबारा मुझे वहीं सारी बातें न करनी पड़ें। मैं चाहती हूं कि हमारे पास बात करने के लिए अलग टॉपिक हो।
    आपकी पिछली फिल्म ‘हसीन दिलरूबा’ आडियंस के दिलो दिमाग पर ज्यादा असर नहीं दिखा सकी। अब ‘रश्मि रॉकेट’ ओटीटी पर रिलीज होने जा रही है। इसे लेकर कितनी एक्साइटेड हैं?
  • -इस दशहरे पर मेरी यह फिल्म ‘जी 5’ पर आन स्ट्रीम हो गई है। इस बारे में सिर्फ इतना ही कहूंगी कि ये चुनौतियों भरी रेस शुरू हो चुकी है और अब रावण दहन पर ही आकर रुकेगी। रश्मि को, बहुत कुछ नष्ट करना है इस साल ।

‘रश्मि रॉकेट’ के बाद क्या कर रही हैं?

मेरी आने वाली दूसरी फिल्मों में क्रिकेटर मिताली राज की बायोपिक ‘शबाश मिथु’ ‘लूप लपेटा’, अनुराग कश्यप की ‘दोबारा’ और ‘ब्लर‘ हैं।

मैं कमाल की परफारमर हूं – श्रुति हासन

कमल हासन और सारिका की बेटी श्रुति हासन ने 2000 में प्रदर्शित, ‘हे राम’ की एक बहुत छोटी भूमिका के साथ अपने कैरियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म को उनके पिता ने निर्देशित किया था।

सोहम शाह द्वारा निर्देशित ‘लक’ (2009) में वे पहली बार नायिका के रूप में सिल्वर स्क्रीन पर आई, लेकिन वह अनलकी रहीं कि फिल्म बॉक्स आफिस पर फ़लॉप रही। इसके बाद वो मधुर भंडारकर की ‘दिल तो बच्चा है जी’ और प्रभु देवा की ‘रमैया वस्तावइया’ में नजर आई।

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अक्षय कुमार के अपोजिट वाली क्रिश के निर्देशन में बनी ‘गब्बर इज बैक’ श्रुति हासन के कैरियर की पहली हिट थी। अपने दो दशक के कैरियर में वह ‘वेलकम बैक’ ‘रॉकी हैंडसम’, ‘यारा’ और ‘द पॉवर’जैसी लगभग एक दर्जन हिंदी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने रवि तेजा के साथ ‘क्रैक’ फिल्म की शूटिंग पूरी की है।

बॉलीवुड के साथ ही श्रुति हासन, तमिल और तेलुगु फिल्मों की ख्याति प्राप्त एक्ट्रेस रही हैं, लेकिन अब लगता है कि वह फिल्मों से अधिक वेब सीरीज में व्यस्त होती जा रही हैं। वेब सीरीज ‘लस्ट स्टोरीज’ के तेलुगु वर्जन में श्रुति ने एक ऐसी पत्नी का का किरदार निभाया जो अपने पति से रोमांस करके संतुष्ट नहीं हैं।

इस वेब सीरीज के अत्यंत बोल्ड रोल में श्रुति ने बेहद धांसू परफारमेंस दी। निर्देशक नाग अश्विन निर्माता रोनी स्क्रूवाला और आशी दुआ के लिए वेब सीरीज बना रहे हैं। इसमें श्रुति हासन मुख्य किरदार निभा रही हैं। इसे नेटफ्लिक्स पर दिखाया जाएगा। प्रस्तुत है श्रुति हासन के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:

आपने अपने कैरियर की शुरुआत साउथ की फिल्मों से की थी। वहां से निकलकर आप मुंबई आई। जिस मकसद के साथ आप यहां आई थीं, क्या उसमें आपको सफलता मिल सकी?

  • मैं एक सीमित दायरे से निकलकर, सारे देश में मशहूर होना चाहती थी, इसलिए मुंबई आई थी और मुझे लगता है कि काफी हद तक इसमें मुझे सफलता मिल चुकी है। आज बॉलीवुड के आॅडियंस में मेरी खास पहचान है।
    आपके अंदर ऐसी कौन सी खूबियां हैं, जिनके बेस पर आपको लगता है कि आप यहां स्थापित एक्ट्रेस को कड़ी टक्कर दे सकती हैं?
  • मुझे लगता है कि मैं कमाल की परफारमर हूं और किसी भी किरदार की गहराई में उतरकर काम करना मुझे आता है। साउथ में काम करने की वजह से मैं काफी अनुशासित भी हूं। एक एक्ट्रेस के तौर पर मेरे अंदर काम की जबर्दस्त भूख है और मैं अच्छे से अच्छा काम करना चाहती हूं। मेरे अंदर जो आत्म विश्वास है, उसके कारण मुझ्रे लगता है कि मैं यहां पर डटी रहूंगी।

आपको किस तरह की फिल्मों में काम करना ज्यादा अच्छा लगता है?

  • कॉमेडी पर आधारित शुद्ध रोमांटिक फिल्में करना मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। मैं नये नये विषय वाली वेब सीरीज भी करना चाहती हूं। मुझे लगता है कि हमारे देश में वेब सीरीज का भविष्य काफी उज्जवल है।
    आपने बॉलीवुड में काफी कम काम किया है। आपको यहां अधिक काम नहीं मिला या फिर इसकी कोई और वजह है?
  • मैं शुरू से सोच समझकर सिर्फ अच्छी फिल्में स्वीकार कर रही हूं। आने वाले तमाम आफर्स में से, ज्यादातर मैंने सिर्फ इसलिए ठुकरा दिए क्योंकि वो पहली तर्ज पर होते थे। जो काम मैं एक बार कर चुकी हूं, उसे दोबारा करने के लिए मैं प्रेरित नहीं हो पाती।

आजकल आप अपने एक्टिंग कैरियर से ज्यादा ‘आत्म खोज’ को लेकर ज्यादा चर्चित हैं?

  • इसे ‘आत्म खोज’ कहना उचित नहीं है। दरअसल मैं खुद से प्यार करने के तरीके खोजने की राह पर अग्रसर हूं। मुझे लगता है कि हमें खुद से प्यार करना चाहिए, तभी हम कुछ कर सकते हैं। यह यात्र काफी कठिन है और इसमें कई बाधाएं भी हैं लेकिन हमें उन सबसे निबटना आना ही चाहिए।

    SAMVAD

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