कैसे करें बचाव
गेहूं की बाली में आपको अक्सर नीचे वाले या ऊपर वाले कुछ दाने खाली या छोटे नजर आते हैं। इसका कईं मुख्य कारण हो सकते हैं। गेहूं के जैसे जो अन्य फसलें जिसमे फूल से फल बनने की प्रक्रिया होती है। उनमें बाली में अक्सर दाने खाली देखने को मिलते है। गेहूं में भी फूलों से ही फल बनने की प्रक्रिया होती है। जिससे उसमें यह समस्या सामान्य तौर पर देखने को मिलती है। गेहूं की फसल आमतौर पर अक्टूबर, नवंबर में बिजाई होकर और मार्च, अप्रैल में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। मार्च अप्रैल में मौसम में गर्मी थोड़ी अधिक बढ़ जाती है। जिस कारण से गेहूं में काफी ज्यादा रोग देखने को मिलते हैं।
गेहूं की बाली में नीचे वाले दाने खाली रहने का मुख्य कारण, पौधे को पूरा न्यूट्रिशन न मिलाना। कई बार देखा जाता है, कि पौधे पर फूल ज्यादा मात्रा में लग जाते हैं। और पौधा जमीन से इतनी खुराक नहीं उठा पाता। जिससे उन फूलों से दाने नहीं बन पाते। इसलिए पौधा अतिरिक्त फूलों को गिरा देता है, और जितनी उसमें से स्ट्रैंथ होती है। उतनी ही फूलों से दाने बन पाते हैं। अगर फूल बनने के समय मौसम पौधे के अनुकूल नहीं होता, तब भी यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है। मौसम में अत्यधिक गर्मी या बारिश अधिक हो तब भी बालियां खाली रह जाती ६ैं।
गेहूं की फसल में दाने खाली रहने से बचाव के लिए आपको कुछ अलग से देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। आप जो एनपीके-00-52-34 और 0050 का स्प्रे करते है। उनसे ही यह कमी पूरी हो जाती है। लेकिन इसके लिए मिट्टी में आॅर्गेनिक कार्बन के भी पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। जिससे पौधे जमीन से तत्वों को उठा सके और बाली तक पहुंच सकें। भारत की अधिकतर जमीनों में आॅर्गेनिक कार्बन की कमी पाई जाती है। इसलिए हमें एक या दो साल में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल अवश्य कर लेना चाहिए।
गेहूं में बालियां निकलने पर कौनसा स्प्रे करें
इस समय गेहूं की फसल में कुछ किसानों की बालियां निकलने को है, तथा कुछ किसानों की बालियां निकल गई। आपने अभी तक अपनी गेहूं में सभी प्रकार के खादों और न्यूट्रिशन का पर्याप्त मात्रा में प्रयोग किया होगा। लेकिन बालियां निकलने पर आपको एक से दो काम करने पड़ेंगे। जिससे आप अपनी पैदावार को दो से तीन क्वांटल प्रति एकड़ तक बढ़ा सकते हैं। इस समय गर्मी थोड़ी अधिक पड़ती है और पौधे में हीट स्ट्रेस अक्सर देखने को मिलती है।
गेहूं में बालियां निकलने पर हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यह हमारी फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। बालियां निकलने पर हमें खेत में पर्याप्त नमी बनाई रखनी चाहिए। क्योंकि इस समय पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है। दूसरा किसान साथी पानी उस समय लगाएं, जब तेज हवा ना चलती हो। क्योंकि इस समय तेज हवाएं चलने से गेहूं गिर जाती है। अगर आपका खेत बालियों से पूरी तरह से भर गया है, तो आपको इस समय उसमें ध्यान रखना है कि उसमें कोई कीट रोग या फंगस रोग ना लगे। इसके लिए समय-समय पर स्प्रे करते रहें। गेहूं की फसल को गर्मी से बचने के लिए आप इसमें पोटाश का स्प्रे कर सकते हैं।
गेहूं में हमें बालियां निकलने पर सबसे जरूरी पोटाश का स्प्रे करना चाहिए। पोटाश दाने में चमक बढ़ाने के साथ-साथ पौधे को गर्मी से भी बचाता है। जिससे दाने सिकुड़ते नहीं है, और अच्छी पैदावार निकाल कर देते हैं। इस समय हमें पोटाश, कीटनाशक और फूफंदी नाशक का स्प्रे करना चाहिए।
गेहूं की बाली में दानों की संख्या और दोनों का वजन बढ़ाने वाला स्प्रे
किसान साथियों गेहूं की फसल में दाने बनने के समय फास्फोरस की अधिक आवश्यकता पड़ती है। इस समय पौधे को ताकत चाहिए और जो फास्फोरस से मिलती है। जिससे वह बालियाँ बनता है। अगर आप 55 से 60 दिन पर अपनी गेहूं की फसल में एनपीके 00-52-34 1 किलोग्राम प्रति एकड़ या फिर एनपीके 12-61-00 1 किलोग्राम प्रति एकड़ के साथ 100 से 120 ग्राम बोरोन प्रति एकड़ का घोल बनाकर अपनी गेहूं की फसल पर करते हैं। तो इससे आपकी बाली में दोनों की संख्या बढ़ेगी और दोनों का वजन भी मोटा होगा। इस समय पौधे को नाइट्रोजन की आवश्यकता भी थोड़ी कम मात्रा में पड़ती है। जब आपकी गेहूं गोभ अवस्था में हो तब इसका प्रयोग सबसे अच्छा रहता है। इसलिए किसान भाई समय पर प्रयोग करें।