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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका अभिनन्दन और स्वागत है। पंजाब में इन दिनों एक बार फिर खालिस्तान का मुद्दा गरमाया हुआ है, इसका सूत्रधार अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस कि पकड़ से काफी दूर है। आइये जानते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों का क्या कहना है…
‘वारिस दे पंजाब’ नामक एक संगठन के मुखिया ने देश को तोड़ने की साज़िस रच डाली और पंजाब की ख़ुफ़िया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगीं। पंजाब पुलिस अब बड़े बड़े दावे कर रही है तो सवाल उठता है अब तक पंजाब पुलिस क्या कर रही थी ?
पंजाब की ख़ुफ़िया विंग को यह जानकारी नहीं मिली या फिर किसी दबाव में एक्शन नहीं ले रही थी। सवाल उठ रहा है तो जवाब देना पड़ेगा ?
एक और गंभीर सवाल पंजाब पुलिस पर उठाया जा रहा है कि 80 हज़ार पुलिस वाले खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का पीछा करते रहे और वाह सबको चकमा देकर फुर्र हो गया। क्या पंजाब पुलिस बताएगी कि वह पीछा किसका कर रहे थे।
आपको बता दें कि ‘वारिस दे पंजाब’ नामक के मुखिया खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के बारे में अब पुलिस ने नए दावे किए हैं। पंजाब पुलिस के मुताबिक अमृतपाल ने अलग देश खालिस्तान बनाने की पूरी तैयार कर ली थी। खालिस्तान की करेंसी, झंडा और नक्शा भी मिला है।
एसएसपी अमनीत कौंडल ने आज शुक्रवार को बताया कि अमृतपाल सिंह के गनर तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा ने ये सारे खुलासे किए हैं। इन लोगों ने खालिस्तान का नया झंडा, अलग करेंसी और सिख रियासतों के झंडे तक बना लिए थे।
इतना ही नहीं प्राइवेट आर्मी आनंदपुर खालसा फौज (AKF) के अलावा एक क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) भी बनाई थी। AKF के हर व्यक्ति को स्पेशल नंबर अलॉट किया गया था। खालिस्तान बनाने के लिए अमृतपाल सिंह की हथियारबंद संघर्ष शुरू करने की तैयारी थी।
वॉट्सऐप ग्रुप बनाए
2 वॉट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। आनंदपुर खालसा फौज वाले ग्रुप में नए लड़कों को जोड़कर उकसाया जाता था। दूसरा ग्रुप अमृतपाल टाइगर फोर्स के नाम से था, जिसमें सिर्फ अमृतपाल के करीबी ही मेंबर थे।
फायरिंग रेंज बनाई और पूर्व फौजी दे रहे थे ट्रेनिंग
पुलिस का कहना है कि अमृतपाल के गनर के मोबाइल से फायरिंग रेंज का एक वीडियो भी मिला है। जिसमें पूर्व फौजी हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते दिख रहे हैं। यह फायरिंग रेंज अमृतपाल के गांव जल्लूपुर खेड़ा में बनाई गई थी। पुलिस ने यह वीडियो जारी किया है। इसमें दिख रहा है कि अमृतपाल के साथ रहने वाले फायरिंग की प्रैक्टिस कर रहे हैं।
दो पूर्व फौजियों की हुई पहचान
पुलिस ने ट्रेनिंग देने के केस में 2 पूर्व सैनिकों 19 सिख बटालियन से रिटायर्ड वरिंदर सिंह और थर्ड आर्म्ड पंजाब के तलविंदर की पहचान की है। पुलिस ने बताया कि दोनों के आर्म्स लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। पुलिस जांच के मुताबिक अमृतपाल ने पंजाब आते ही ऐसे विवादित पूर्व सैनिकों को ढूंढना शुरू कर दिया था, जिनके पास पहले से ही आर्म्स लाइसेंस हों, ताकि ट्रेनिंग देने में आसानी हो।
पंजाब पुलिस को अमृतपाल का पासपोर्ट घर से गायब मिला है। पुलिस ने परिवार से इसकी मांग की, लेकिन उन्होंने पासपोर्ट होने से इनकार कर दिया। इसे देखते हुए पुलिस ने एयरपोर्ट और लैंड पोर्ट पर उसके लुकआउट सर्कुलर का रिमाइंडर भेज दिया है। पंजाब से भागे अमृतपाल सिंह के हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड पहुंचने का शक है। पुलिस का अनुमान है कि उसकी अगली कोशिश नेपाल बॉर्डर क्रॉस करने की होगी।
उत्तराखंड में अमृतपाल सिंह, मीडिया एडवाइजर पपलप्रीत सहित 5 साथियों के पोस्टर लगा दिए गए हैं। दूसरी तरफ नेपाल बॉर्डर पर भी बीएसएफ को अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ-साथ सभी गुरुद्वारों की चेकिंग की जा रही है।
उत्तराखंड पुलिस काशीपुर इलाके में अनाउंसमेंट कर रही है कि अगर किसी ने अमृतपाल और उसके किसी साथी को पनाह दी तो उन पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इनकी सूचना देने वाले को इनाम दिया जाएगा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा है। यहां तक कि उसका दुबई से पंजाब आने से लेकर नशा छुड़ाओ केंद्र खोलने तक सब आईएसआई का प्लान था। अब भी फरारी में आईएसआई के एजेंट गुपचुप तरीके से उसे सिक्योरिटी दे रहे हैं।
अमृतपाल सिंह के चाचा ने कही बड़ी बात
अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ है। इस ऑडियो में किसी हरमेल सिंह से अमृतपाल सिंह को सरेंडर करने के लिए कहा जा रहा है। चाचा हरजीत बोला- ‘तू कित्थे हैं, तू भी गायब ही है ना। भाई साहिब के साथ बातचीत हुई या नहीं।
हमें लगता है हमारे बीच ही एजेंसियों के बंदे छिपे हैं। मैं सरेंडर करने जा रहा हूं। अगर पुलिस हमें पकड़ती है तो इसमें बेइज्जती बहुत है, लेकिन अगर हम सरेंडर करते हैं तो इसमें हमारी शान है। हमारे ही किसी ने हमें पकड़वा देना है। अगर भाई साहिब से बातचीत हो तो उन्हें सरेंडर करने के लिए कहें।
‘वारिस दे पंजाब’ के चीफ अमृतपाल सिंह की हिमायत कर रहे उसके करीब 5 साथियों को पंजाब पुलिस ने असम की डिब्रूगढ़ की जेल में भेज दिया है। इन्हें जेल भेजने के दो कारण सामने आए हैं। पहला कारण यह है कि ये आरोपी जेल ब्रेक कर सकते थे। यदि पंजाब में जेल ब्रेक होती तो पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठ जाता।
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