Saturday, April 20, 2024
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महिलाओं व बालिकाओं का संबल बनीं योजनाएं

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  • मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से मिली नई पहचान

वरिष्ठ संवाददाता |

सहारनपुर: सूबे की महिलाओं और बालिकाओं के सपनों को पंख देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के साथ पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला पेंशन और वन स्टाप सेंटर योजना भि चल रही है। फिलहाल, मिशन शक्ति अभियान के जरिये अब इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार तेज कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बालिका के जन्म पर 2000 रुपए, एक साल का टीकाकरण पूर्ण होने पर 1000 रुपए, कक्षा-1 में प्रवेश के समय 2000 रुपए, कक्षा-6 में प्रवेश के समय 2000 रुपए, कक्षा-9 में प्रवेश के समय 3000 रुपए और 10वीं/12वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री या दो वर्षीय या अधिक डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर 5000 रुपए एकमुश्त सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं। सहारनपुर में अब तक हजारों महिलाओं को इसका लाभ दिया जा चुका है।

181-महिला हेल्पलाइन तथा वन स्टॉप सेंटर

महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए टोल फ्री नम्बर – 181 जारी किया गया है। इस पर किसी भी वक्त मुसीबत में मदद ली जा सकती है। इसका केन्द्रीयकृत कॉल सेंटर लखनऊ में संचालित होता है। हेल्पलाइन पर मौजूद प्रशिक्षित परामर्शदाता समस्या के समाधान को हर वक्त मुस्तैद रहते हैं। इस योजना का उदेश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं को मदद पहुंचाना है। इसके तहत एक ही छत के नीचे महिलाओं तथा बालिकाओं को पांच दिवसीय प्रवास, चिकित्सीय सहायता, परामर्श, विधिक सहायता और पुलिस की मदद पहुंचाई जाती है।

बाल संरक्षण सेवाएं

केंद्र सरकार के सहयोग से किशोर न्याय (बालकों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत विधि विरुद्ध कार्यों में लिप्त बच्चों के संरक्षण, कल्याण एवं पुन:स्थापन के लिए राज्य सरकार द्वारा बाल संरक्षण सेवाएं योजना चल रही हैं। इसके तहत राजकीय सम्प्रेक्षण गृह, बाल गृह (बालक -बालिका), बाल गृह (शिशु), विशेष गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी, पश्चातवर्ती देखरेख संगठन शामिल हैं।

निराश्रित महिला पेंशन योजना

पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिलाओं को 500 रुपए प्रतिमाह की दर से चार तिमाही में पेंशन का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए और वार्षिक आय दो लाख रुपए से अधिक न हो। इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में 27.40 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।

रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान कोष

महिलाओं व बालिकाओं के विरूद्ध होने वाले जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं के प्रति प्रदेश सरकार अत्यंत संवेदनशील है। कोष के अंर्तगत जघन्य अपराध से पीडित महिलाओं व बालिकाओं को 1 लाख से 10 लाख रुपए की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है।

मिशन शक्ति अभियान

इसके अंर्तगत 180 दिवसों की कार्ययोजना का शासनादेश समस्त जनपदों तथा संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया है। विभाग द्वारा मुख्यालय स्तर से समस्त जनपदों को महिलाओं तथा बच्चों के प्रति हिंसा से रोकथाम, संबंधित कानूनों सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर विषय सामग्री तैयार कर प्रेषित की गई है, साथ ही समस्त जनपदों को विभिन्न विषयों पर आडियो/वीडियो सन्देश, मूवी आदि प्रेषित की गई है।

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