Friday, April 19, 2024
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गमगीन माहौल में सिपाही जितेंद्र के शव का अंतिम संस्कार

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  • पुलिस व पत्नी पर लगाए आत्महत्या को उकसाने के आरोप
  • कैबिनेट मंत्री के कार्यालय प्रभारी व पुलिस ने ली लिखित शिकायत

जनवाणी संवाददाता |

थानाभवन: पीलीभीत में आत्महत्या करने वाले सिपाही का शव गांव में आने पर कोहराम मच गया वहीं गांव में शोक की लहर दौड़ गई। इस दौरान मृतक सिपाही पत्नी भी वहां पहुंची तो परिजनों ने उसका विरोध किया और चले जाने की चेतावनी दी। इतना ही नहीं चित्रकूट पुलिस पर भी प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस ने उन्होंने समझाकर शांत किया। बाद में गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

थानाभवन थाना क्षेत्र के गांव उस्मानपुर निवासी जितेंद्र कुमार पीलीभीत के बिलसपुर थाने में सिपाही के पद पर तैनात था। जबकि उसकी पत्नी पीलीभीत के बिलसंडा थाने में तैनात थी। रविवार सुबह आॅनलाइन वीडियो जारी करने के बाद जितेंद्र ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम के बाद रविवार/सोमवार की रात्रि दो बजे मृतक सिपाही का शव उस्मानपुर स्थित उसके घर पहुंचा।

शव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। जब पुलिस ने मृतक का अंतिम संस्कार कराने की बात कही, तो परिजनों ने साफ इंकार कर दिया। मृतक के भाई धर्मेंद्र का कहना था कि जितेंद्र को उसके थाने में प्रताड़ित किया जा रहा था। साथ ही उसकी पत्नी भी लगातार उसे प्रताड़ित कर रही थी। पत्नी के भाइयों ने कई बार जितेंद्र की पिटाई की।

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इसी तरह की समस्याओं के कारण जितेंद्र ने यह कदम उठाया है। परिजनों का आरोप था कि जितेंद्र को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की सीबीआई जांच की जाए। इस दौरान मृतक की पत्नी वहां पहुंची तो परिजनों ने उसका विरोध करते हुए हंगामा कर दिया।

बताते हैं कि महिला के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। तब पुलिस ने बीच-बीच बचाव करते हुए परिजनों ने को समझाकर किसी तरह शांत किया। काफी देर हंगामे के बाद गन्ना मंत्री सुरेश राणा के कार्यालय प्रभारी नरेंद्र त्यागी व थाना प्रभारी प्रभाकर कैंतूरा ने परिजनों से लिखित में शिकायती पत्र लिया। उसके बाद गमगीन माहौल में सिपाही के शव का अंतिम संस्कार सुबह 9.30 बजे कर दिया गया। छोटे भाई सोनू ने शव को मुखाग्नि दी। उसके बाद पुलिस और पीएसी बल ने राहत की सांस ली।

परिजनों ने लगाए आरोप

मृतक सिपाही जितेंद्र के परिजनों का आरोप है कि जब वह पीलीभीत अपने भाई की मौत की सूचना पर पहुंचे थे तो उन्हें पुलिस लाइन में एक कमरे में बंद रखा और उनके भाई की लाश के पास जाने नहीं दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद ही उन्हे उनके भाई की लाश मिली।

मृतक के बड़े भाई ने बताया कि उसका भाई अभी 3 अप्रैल में गांव में ताऊ की लड़की की शादी में आया था वह बिल्कुल खुश था। छह अप्रैल को वापस ड्यूटी पर गया था। उसके परिजनों ने सरकार से उसके भाई की मृत्यु की सीबीआई की जांच की मांग की है। परिजनों ने बताया कि मृतक सिपाही जितेंद्र कुमार चौहान अपने साथ भाई बहनों में कमाने वाला अकेला था।

उसके अभी तीन छोटी बहनों व एक भाई कुंवारे है। गरीब घर में एक वही था जिसकी नौकरी लगी थी। मृतक सिपाही का छोटा भाई सोनू रोता बिलखता रहा और कहता रहा कि भाई ने हमें कोई भी बात नहीं बताई। कम से कम कुछ तो अपने मन की बात बताई होती।

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