- आनलाइन पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के खिले चेहरे
- 04 मई को घोषित लॉकडाउन के बाद से दुकानें थी बंद
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: कोरोना महामारी के दृष्टिगत 04 मई से जनपद में लॉकडाउन घोषित किया गया था। जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक वस्तुओं के अलावा अन्य दुकानों बंद रखने के निर्देश दिए थे। आॅनलाइन पढ़ाई में जुटे बच्चों के सामने कापी किताबों समेत अन्य समस्याओं के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने लॉकडाउन में स्टेशनरी की दुकानों को 12 बजे तक खोलने की छूट दी है, ताकि बच्चों को पाठ्य पुस्तकें, कॉपियां एवं अन्य सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके।
कोरोना महामारी को देखते हुए जनपद में 04 मई से लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान केवल आवश्यक वस्तुओं में किराना, फल, सब्जी, दूध, पेस्टीसाइड, दवाई, बेकरी आदि की दुकानों को ही सुबह 07 से 12 बजे तक खोलने की छूट दी गई थी। कोरोना महामारी के दृष्टिगत सभी स्कूल भी बंद है, अब बच्चों की आॅनलाइन शिक्षा शुरू हो गई हैं। लेकिन पढ़ाई में जुटे बच्चों के सामने कापी, किताबें समेत अन्य शैक्षिक सामग्री की समस्या आ रही थी।
अभिभावकों और उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अंकित गोयल ने डीएम से स्टेशनरी की दुकानों को लॉकडाउन में छूट के दौरान खुलवाने की मांग थी। जिस पर जिलाधिकारी ने नई गाइड लाइन जारी करते हुए कोरोना कर्फ्यू के दौरान स्टेशनरी की दुकानों को भी आवश्यक दुकानों की श्रेणी में सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक खोलने की छूट के आदेश जारी कर दिए हैं।
कार्रवाई के बाद भी बाज नहीं आ रहे दुकानदार
जिला प्रशासन द्वारा केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानों पांच घंटे के लिए खोलने की छूट दे रखी है। लेकिन अनावश्यक वस्तुओं के विक्रेता भी बाजारों में सवेरे से ही अपने प्रतिष्ठानों के बाहर आकर बैठ जाते है और अपने सहयोगी एवं कर्मचारियों को अंदर भेज शटर गिरा देते हैं।
ग्राहकों के आने पर ग्राहकों को दुकान में घुसा दिया जाता है। एक समय में दर्जनों की संख्या में ग्राहकों को एक दुकान में प्रवेश कोविड गाइड लाइन का सीधा सीधा उल्लंघन है, जिससे कोरोना संक्रमण और तेजी के साथ बढ़ सकता है। अनावश्यक दुकानें खुलने पर प्रशासन के द्वारा सख्ती कर प्रतिदिन कार्रवाई की जा रही है लेकिन इसके बाद भी कुछ दुकानदार बाज नहीं आ रहे हैं।
कपड़े, जूते की दुकानें सप्ताह में तीन दिन खोलने की मांग
बुधवार को अग्रवाल समाज महासभा के जिलाध्यक्ष वैभव गोयल ने डीएम जसजीत कौर को एक ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में कहा कि लगातार जूता, कपडा व्यापारियों ने सहनशक्ति का परिचय देते हुए पिछले एक महीने से समस्त दुकाने बंद रखी। अब चूंकि जिले में कोरोना मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है।
जिसके चलते सप्ताह में तीन दिन दुकाने खोले जाने की अनुमति प्रदान की जाए ताकि इन व्यवसाय से जुड़े व्यापारी भी अपने परिवार का भरण पोषण कर सके और आर्थिंक तंगी से निजात मिल सके। उन्होने व्यापारी वर्ग की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बैंक का ब्याज, बिजली का बिल, दुकान के कर्मचारियों की तनख्वाह आदि देय चुकाने के लिए इन व्यापारियों की दुकानें भी निर्धारित दिनों में खुलवाने की मांग की।