जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: मृतक निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर का रो-रो कर बुरा हाल है। बिटिया का नाम नहीं ले पा रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर दो साल पहले ही बेटी की शिकायत को हमने गंभीरता से लिया होता तो आज मेरी बिटिया जिंदा होती।
यह कहते ही उनकी आंखों से आंसुओं का सैलाब आ जाता है। वह कहते हैं कि शैतान और हैवान है तौसीफ। दुनिया वालों मैं नहीं सजग हो पाया तुम सभी सजग हो जाओ इन दरिंदों हैवानों और शैतानों से अन्यथा तुम्हारी बेटियां भी इसी शिकार होंगी। याद रखना मेरी बात को।
बल्लभगढ़ थाना शहर इलाके के मिल्क प्लांट रोड स्थित अग्रवाल कॉलेज के सामने सोमवार शाम चार बजे बीकॉम अंतिम वर्ष की एक छात्रा का कार सवार दो युवकों ने अपहरण का प्रयास किया।
इसमें नाकाम रहने पर एक युवक ने छात्रा को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है कि बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा निकिता तोमर के साथ अपहरण की इसी तरह की वारदात को आरोपी साल 2018 में भी अंजाम दे चुका था।
दो साल पहले थाना शहर में परिजनों ने अपहरण के प्रयास का मामला भी दर्ज कराया था, लेकिन चूंकि मामला लड़की से जुड़ा था परिजनों ने बात आगे नहीं बढ़ाई। पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की और मामला रफा-दफा हो गया। अगर समय पर कार्रवाई हो जाती तो आज निकिता तोमर जिंदा होती।
मूलचंद एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। सोमवार को निकिता के साथ पढ़ने वाली एक लड़की ने उन्हें फोन करके जानकारी दी कि उनकी बेटी को गोली मार दी है, जल्दी आ जाओ। उन्होंने बताया कि कॉलेज आकर पता लगा निकिता अब नहीं रही।
पुलिस की शुरुआती जांच में मामले को एकतरफा प्यार से जोड़कर देख रही है। क्योंकि हत्या की कोई दूसरी वजह फिलहाल नजर नहीं आ रही। आरोपी तौसीफ बारहवीं कक्षा में निकिता के साथ ही पढ़ता था। मूलरूप से रोजका मेव निवासी तौसीफ स्कूल के दिनों से ही युवती को परेशान करता था, लेकिन बात स्कूली बच्चों की मानकर उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया गया।
दो साल पहले आरोपी ने कॉलेज के समय निकिता तोमर के अपहरण का प्रयास किया था। इस बारे में थाना शहर पुलिस में मामला दर्ज कराया गया। बदनामी के डर से परिजनों ने मामले को तूल नहीं दिया। परिवार के लोग चाहते थे कि कॉलेज पूरा करने के बाद उसकी शादी कर देंगे। उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता था यह चूक उनकी बेटी की जान ले लेगी।