- डीएम की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी शीघ्र चलाएगी कार्रवाई का चाबुक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: औषधि और प्रशासन सामग्री अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश में मिलावटी नकली एवं भ्रामक आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधियां के निर्माण तथा व्यापार की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। जिसमें नगर मजिस्ट्रेट, सभी अपर नगर मजिस्ट्रेट, सभी उप जिला मजिस्ट्रेट, जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी और वरिष्ठ यूनानी चिकित्सा अधिकारी शामिल किए गए हैं।
जनपद में गठित इस समिति में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. रेनू को सचिव बनाया गया है। डा. रेनू ने बताया कि नवगठित समिति की पहली बैठक शनिवार शाम चार बजे कलक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित की जाएगी। उन्होंने लखनऊ से मिले दिशा निर्देश के हवाले से बताया कि प्रदेश में मिलावटी नकली व बरामद आयुर्वेदिक को यूनानी औषधियां की रोकथाम के लिए हर जिले में कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के समस्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों उत्तर प्रदेश के समाज आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा अधिकारियों और उत्तर प्रदेश के समस्त राज्य के आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य को संपूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। समस्त राजपत्रित औषधि निरीक्षकों तथा समस्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को उनके क्षेत्र सीमा अंतर्गत औषधि और चमत्कारिक उपचार के संबंध में अपनी शक्ति का प्रयोग करने और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।
समिति की बैठक माह में एक बार अवश्य की जाएगी, और बैठक में की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए आगामी कार्रवाई के संबंध में निर्णय लिए जाएंगे। जनपद स्तर पर की गई कार्रवाई की सूचना तालिका के अनुसार प्रत्येक माह की 10 तारीख को लखनऊ निदेशालय को प्रेषित की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कई जगह की छापेमारी, भरे सैंपल
मेरठ: खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बाइपास पर कई ढाबों व रेस्टोरेंटों में छापेमारी करते हुए खाद्य सामाग्री के सैंपल भरे। फिलहाल इन सैंपलों को जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है जहां से रिपोर्ट आने के बाद विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी। अपर जिलाधिकारी नगर द्वारा दिए गए निर्देश को लेकर सहायक आयुक्त खाद्य मेरठ दीपक सिंह के आदेश व मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवकुमार मिश्र के नेतृत्व में विभाग की टीम ने छापेमारी की।
आम जनता को शुद्ध व सुरक्षित खाद्य-पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। जिन रेस्टोरेंटों व ढाबों पर छापेमारी की गई है उनमें राधेश्याम ढाबा खड़ौली कला चौक से लौकी कोफ्ता की सब्जी, विराद्या फूड प्लाजा से मटर पनीर की सब्जी, जैन फूड एंड शिकंजी रेस्टोरेंट से गेहूं का आटा, देसी बाइट रेस्टोरेंट से पनीर, सेंट्रल कैफे से लाल चटनी, शिवा टूरिस्ट ढाबा मटौर से अरहर की दाल, जैन शिकंजी दौराला से तैयार छोले, शिवा टूरिस्ट ढाबा व होटल सकौती टांडा से तैयार मटर पनीर, प्रसादम फैमिली ढाबा निकट सुभारती से तैयार दाल व सेवन स्पाइस कैफे और गोपाल विहार रैस्टोरेंट से पनीर व बटर-मसाला के नमूने लिए गये है।
फिलहाल इन सैंपलों को खाद्य विश्लेशक प्रयोगशाला लखनऊ को जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने पर विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान नेशनल हाइवे 58 पर स्थित ढाबों, होटल व रेस्टोरेंटों का सघन निरीक्षण करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। छापेमारी करने वाली खाद्य विभाग की टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुमन पाल, रीना शर्मा, वैभव शर्मा, मनोज कुमार कलश्यान, तन्मय अग्रहरि, निशिकांत सिंह, मोहित कुमार व सुनील कुमार आदि शामिल रहे।