- 13 गिरफ्तार, गिरोह के सरगना समेत पांच सदस्य और आठ अभ्यर्थियों पर एसटीएफ ने की बड़ी कार्रवाई
- नौकरी लगवाने में दो जिलों के डाक अधीक्षक भी शामिल चालक ने कराई थी सेटिंग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जोकि फर्जीवाड़ा कर भारतीय डाक विभाग में भर्ती कराते थे। यह गिरोह अभ्यर्थियों को ग्रामीण डाक सेवक पद पर भर्ती कराने की एवज में 4-5 लाख रुपये वसूलता था। हैरानी की बात यह है कि इनके साथ दो अलग-अलग जिलों के डाक अधीक्षक भी मिले हुए थे। वह भी वेरीफिकेशन के नाम पर प्रति अभ्यर्थी के एक लाख रुपये लेते थे। मेरठ एसटीएफ ने इस गिरोह के सरगना समेत पांच सदस्यों और आठ अभ्यर्थियों को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया है। कुछ की गिरफ्तारी बाकी है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में फर्जी अंक पत्र तैयार कर भारतीय डाक विभाग में भर्ती कराने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच सदस्यों को एसटीएफ मेरठ ने गिरफ्तार किया। इनके साथ ही आठ अभ्यर्थियों को भी गिरफ्तार किया गया, जो पैसे के दम पर फर्जी तरीके से नौकरी पाना चाहता थे। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि काफी समय से नौकरी लगवाने वाले इस गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थी। पर्दाफाश के लिए टीम को लगाया गया। इंस्पेक्टर सुनील टीम का नेतृत्व कर रहे थे।
जबकि अन्य सदस्यों में उप निरीक्षक जयवीर सिंह, दुर्बेश डबास, हेड कांस्टेबल रकम सिंह, आकाशदीप, रोमिश तोमर, विनय कुमार, प्रदीप धनकड़, विकास धामा, विकास बैंसला शामिल रहे। इन्होंने गोपनीय तरीके से अलीगढ़ में फर्जीवाड़ा करने वाली टीम की घेराबंदी की और सभी को दबोच लिया। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किया गया विकल यादव नाम का व्यक्ति मैनपुरी में पोस्टमैन के पद पर नियुक्त है और वर्तमान में डाक अधीक्षक मैनपुरी की गाड़ी चलाता है। गिरोह का सरगना साजिद फर्जी मार्कशीट तैयार कराता है।
साजिद की मुलाकात विकल यादव से मैनपुरी के तत्कालीन डाक अधीक्षक (वर्तमान तैनाती झांसी) देवेंद्र कुमार सिंह के माध्यम से हुई थी, क्योंकि साजिद का उनके आॅफिस व घर आना-जाना था। साजिद विकल को वेरिफिकेशन कराने के नाम पर एक लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी के देता था। अलीगढ़ में तैनात डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह पूर्व में मैनपुरी में नियुक्त रह चुके थे, तो विकल पहले से ही उनका परिचित था। ऐसे में विकल ने अलीगढ़ के डाक अधीक्षक संजय सिंह को लालच दिया कि वह उन्हें वेरिफिकेशन कराने की एवज में एक लाख रुपये दिया करेगा।
सुभारती समेत तीन विवि से इस तरह तैयार होती थी मार्कशीट
सरगना साजिद से पूछताछ करने पर पता चला कि वह विभिन्न विश्वविद्यालयों व बोर्डों से फर्जी मार्कशीट तैयार कर उनका आॅनलाइन डेटा तैयार कराता था। साजिद मार्कशीट विकास निवासी चिरंजीव बिहार गाजियाबाद से बनवाकर सॉफ्ट कॉपी अपने व्हाट्सएप पर मंगवाता था, जिसका प्रिंट आदिल निवासी ढक्का थाना सैदनगली अमरोहा से कराता था। फर्जी मार्कशीटों का आॅनलाइन डेटा साहिल निवासी लुधियाना पंजाब से फीड कराता था। उन्होंने बताया कि मेरठ के सुभारती विवि, राजस्थान विद्यापीठ विवि और बिहार शिक्षा बोर्ड पटना की मार्कशीट व आॅनलाइन डेटा रिकार्ड में रविंद्र से फीड कराता था। दीपक सुभारती विवि की फर्जी मार्कशीट तैयार करने में मदद करता था।
बड़ी संख्या में भर्ती, डाक विभाग करेगा जांच
बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि अब तक यह गिरोह कितने लोगों को भर्ती करा चुका है, इसकी संख्या बताना तो मुश्किल है। बहुत बड़ी संख्या में लोग डाक विभाग में भर्ती हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब डाक विभाग सभी के दस्तावेजों की जांच कराएगा, जो लोग भी फर्जी तरीके से भर्ती हुए है।
पूछताछ में मिली जानकारी
पूछताछ करने में पता चला कि भारतीय डाक विभाग द्वारा ग्रामीण डाक सेवक के 44228 पदों पर भर्ती के लिए जुलाई 2024 में विज्ञप्ति जारी की गई थी। प्रदेश के लिए 4588 पद भर्ती के लिए आरक्षित किए गए थे। इन पदों पर हाईस्कूल की मार्कशीट में प्राप्त अंकों के आधार पर चयन होना था। गिरोह के सदस्य अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाकर फर्जी मार्कशीट तैयार कर भर्ती कराते थे। यह लोग चार सालों से फर्जी मार्कशीट बनाने का कार्य कर रहे है।
अलीगढ़ और झांसी के डाक अधीक्षक पर मुकदमा
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए 13 आरोपियों के अलावा चार और लोगों को मुकदमें में शामिल किया गया है। अलीगढ़ के डाक अधीक्षक (पूर्व में मैनपुरी में तैनात थे) संजय कुमार सिंह और झांसी के डाक अधीक्षक (पूर्व में मैनपुरी में तैनात थे) देवेंद्र कुमार सिंह को भी मुकदमें में शामिल किया गया है। इनके अलावा दो और लोगों पर मुकदमा दर्ज है। इनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्य और अभ्यर्थी
- साजिद अली निवासी धरावती, अमरोहा (गिरोह का मुख्य सरगना)
- साकिब निवासी ग्राम वैट, हापुड़ (गिरोह का सक्रिय सदस्य)
- सुहैल निवासी बहजोई कुरैशियान, संभल (गिरोह का सक्रिय सदस्य)
- अहम मिश्रा निवासी मदारगेट सौतियाना, मैनपुरी (गिरोह का सक्रिय सदस्य)
- विकल यादव निवासी सिरसागंज, फिरोजाबाद (डाक विभाग में चालक)
- प्रियाकुल चौधरी निवासी हलदौर, बिजनौर (अभ्यर्थी)
- हेमंत कुमार निवासी गांव मिजार्पुर, बिजनौर (अभ्यर्थी)
- सुमित चौधरी निवासी गांव मिजार्पुर, बिजनौर (अभ्यर्थी)
- गौरव चौधरी निवासी गांव बांकपुर, बिजनौर (अभ्यर्थी)
- कासिम निवासी अकराबाद, अलीगढ़ (अभ्यर्थी)
- आसिफ निवासी मसूरी कमिश्नरेट, गाजियाबाद (अभ्यर्थी)
- प्रशांत कुमार निवासी बहजोई देहात, संभल (अभ्यर्थी)
- अभिषेक चौधरी निवासी हलदौर, बिजनौर (अभ्यर्थी)