जनवाणी ब्यूरो |
रुड़की: गौरवशाली परम्परा एवं सम्मान व्यक्ति को समाज मे गर्व एवं प्रतिष्ठा प्रदान करता है। जिसके लिए इतिहास से जुडाव जरूरी है। इतिहास वर्तमान एवं अतीत के बीच एक सेतु का काम करता है। संस्कृति के मूल मे विशाल परम्पराएं एवं संस्कार का समावेश भारत की आत्मा कहलाता है।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश महामंत्री डॉ0 शिवकुमार चौहान ने उत्तराखंड उत्थान समिति, कोटद्वार द्वारा आयोजित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484 वी जन्म जयन्ती समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम मे बतौर मुख्य वक्ता यह बात कही।
उन्होने कहॉ कि संस्कृति के निर्माण मे संस्कार अहम कारक है। वर्तमान पीढी मे संस्कार के घटते चलन तथा इतिहास के प्रति गैर-जिम्मेराना व्यवहार पर चिन्ता व्यक्त की। एकल परिवार का बढता चलन तथा आधुनिकता के दिखावे ने संस्कार एवं संस्कृति दोनो को सर्वाधिक प्रभावित किया है।
चारित्र हनन एवं जीवन मे मूल्य परक सिद्वान्तों मे गिरावट इसी का परिणाम है। मित्र के साथ मैत्री, भाई से प्रेम एवं जुडाव तथा स्त्री के प्रति सम्मान ने भगवान राम को मर्यादा पुरूषोत्तम राम के रूप मे प्रतिष्ठित करते हुये समाज के संस्कार एवं संस्कृति के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझाने का काम किया है।
उत्तराखंड उत्थान समिति, कोटद्वार द्वारा कार्यक्रम मे अन्त मे डॉ0 शिवकुमार चौहान को प्रखर वक्ता के रूप मे सम्मानित किया। राज्य आन्दोलनकारी एवं पूर्व महिला सशक्तिकरण राज्यमंत्री सुनीता बिष्ठ, ठाकुर उम्मेद सिंह चौहान, अनूप राणा द्वारा डॉ0 शिवकुमार चौहान को सम्मान प्रतीक चिन्ह, स्मारिका एवं शॉल द्वारा सम्मानित किया।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि ठाकुर भवानी प्रताप सिंह, पूर्व राज्यमंत्री महिला सशक्तिकरण सुनीता बिष्ठ, ठाकुर उम्मेद सिंह चौहान, अनूप राणा, सुरेन्द्र सिंह राणा, डॉ0 विनीत देवरा, हरिद्वार जिला अध्यक्ष शेखर सिंह राणा, महामंत्री सुशील पुंडीर, कोषाध्यक्ष सुमित चौहान, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (युवा इकाई), उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष दुष्यन्त सिंह राणा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जे0बी0 सिंह, एवं जगत सिंह राणा द्वारा किया गया।
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