- कार्यालय में एक कर्मचारी पर कई विभाग का जिम्मा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वन विभाग कार्यालय में लंबे समय से कर्मचारियों का टोटा चला आ रहा है। काफी बीत कई सालों से विभाग में भर्ती न होने से कार्यालय के अंतर्गत हस्तिनापुर, सरधना, रिठानी रेंज पर प्रभाव पड़ रहा है। जिसके कारण विभागीय अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार बढ़ता जा रहा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कार्यालय में काफी लंबे समय से शासन स्तर से कोई भर्ती नहीं हुई है। जहां एक कर्मचारी पर कई विभागों का जिम्मा है। इसके चलते विभागीय अधिकारियों पर काम का काफी दबाव रहता है।
बता दें कि गत साल पहले प्रदेश सीएम ने हस्तिनापुर रेंज में वन्य जीव की देखरेख के लिए रेस्क्यू सेंटर की घोषण की थी। यह सेंटर करोड़ों रुपये की लागत से बनना है। जिसमें जीवों के मेडिकल परीक्षण किया जाना प्रस्तावित है। हस्तिनापुर के वन प्रशिक्षण केंद्र में गंगा व्याख्यान केंद्र के पास करीब साढेÞ पांच हेक्टयर में रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है। जिसका कार्य करीब 15 करोड़ों रुपये से पूरा होना है। जिसके लिए शासन ने करीब 5 करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिए हैं, लेकिन अभी तक रेस्क्यू सेंटर अधर में अटका हुआ है।
उक्त सेंटर में चिकित्सकों से लेकर कर्मचारी, विशेषज्ञ आदि की भी तैनाती होनी है। लेकिन, विभाग के पास कर्मचारियों एवं लिपिकों के टोटे के चलते केंद्र बनाने की रफ्तार धीमी गति से चल रही है। जब इस संबंध में विभागीय कर्मचारियों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो उन्होंने किसी भी जानकारी देने से पल्ला झाड़ लिया। कहीं ना कहीं विभाग में काफी समय से कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है। एक कर्मचारी पर कई विभाग का जिम्मा है।
अतिरिक्त भार अधिक होने से विभाग के कई कार्य अधर में अटके हुए है। जिसका सीधा प्रभाव रेस्क्यू सेंटर पर पड़ता नजर आ रहा है। आए दिन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन से मानव जाति पर संकट मडरा रहा। लेकिन, विभागीय अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान भी नहीं है। अगर विभाग के पास कर्मचारी ही नहीं होंगे तो वह पर्यावरण से लेकर पक्षी को कैसे संरक्षण किया जा सकता है।