- भाजपा से किसे मिलेंगे टिकट लगी टकटकी, केंदीय समिति ही लगाएगी फाइनल मुहर
- अब जिला स्तर पर टिकटों को लेकर नहीं होगी गहमा-गहमी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश में एक-दो दिन में चुनाव आचार संहिता लग सकती है। विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी में किसे टिकट मिलेंगे, किसका टिकट कटेगा? यह रिपोर्ट तैयार होकर दिल्ली चली गई है। अब जिला स्तर पर टिकटों की कोई गहमा-गहमी नहीं होगी। टिकट भाजपा द्वारा कराये गए सर्वे के आधार पर ही फाइनल किये जाएंगे। अब इसमें केन्द्रीय समिति ही फाइनल मुहर लगाएगी।
एक ओर जहां पीएम मोदी, अमित शाह और सीएम योगी समेत पार्टी के दिग्गज नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भगवा पार्टी की टीम जमीन पर उतर चुकी है। 14 जनवरी के बाद भाजपा पन्ना प्रमुख सम्मेलन कर रही है। इससे पहले विजय यात्रा निकाली गई। भाजपा सीधे जनता के बीच पहुंचकर संवाद स्थापित कर रही है। दरअसल, चुनाव की तारीख का ऐलान कभी भी हो सकता है, ऐसे में भाजपा भी टिकट को लेकर अब अपने निर्णायक स्टेज में पहुंच चुकी है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी में टिकटों को लेकर महामंथन शुरू हो गया है। अब इसके लिए विधानसभा क्षेत्रों में कराये गए सर्वे की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए ही टिकट फाइनल किये जाएंगे। इसको लेकर भाजपा के टिकटार्थियों में हड़कंप मचा हुआ है। पश्चिम के संगठन मंत्री रहे चन्द्रशेखर को भी यहां चुनाव में लगा दिया गया है।
मंगलवार को बागपत रोड स्थित भाजपा के कार्यालय पर हुई बैठक में उनकी मौजूदगी भी चर्चा में रही। दरअसल, चन्द्रशेखर 2017 के विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी में मौजूद थे, उनको संगठनात्मक अनुभव है, जिसके चलते उनको यहां चुनाव में लगाया गया है। पश्चिमी यूपी की करीब 71 सीटों पर भाजपा ने सर्वे कराया था, जिसके आधार पर टिकट फाइनल किये जाएंगे।
सीटिंग एमएलए को टिकट दिया जाए या जिस नाम की चर्चा हो रही है, उसे मैदान में उतारा जाए, इन सवालों को लेकर पार्टी सर्वे के आधार पर ही नाम तय करेगी। ऐसी चर्चा है। दिल्ली और मध्य प्रदेश की टीम वेस्ट यूपी में लगाई गयी हैं, जिसकी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान ले रही है। अब जो दबाव भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल पर बना हुआ था, वह एक तरह से खत्म हो जाएगा। क्योंकि टिकटों का मामला दिल्ली पहुंच गया है। विधायक व संभावित प्रत्याशी दिल्ली की भागदौड़ में जुट गए हैं।