Friday, June 20, 2025
- Advertisement -

Meerut News: ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए सेंसर युक्त ट्रैफिक ट्रैक पर देना होगा टेस्ट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर के लोगों को अब परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आसान नहीं होगा। ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए सेंसरयुक्त ट्रैफिक ट्रैक पर टेस्ट देना होगा। सेंसरयुक्त ट्रैफिक ट्रैक पर 100 से अधिक कैमरों की मदद से वाहन चलाने की गतिविधियां रिकॉर्ड होगी। अगर टेस्ट में फेल हुए तो लाइसेंस नहीं बन पाएगा। पहले परमानेंट लाइसेंस मैन्युअल तरीके से वाहन चलाने पर बन जाता था, लेकिन अब लाइसेंस के लिए अभ्यर्थी को सेंसरयुक्त ट्रैफिक ट्रैक पर टेस्ट से गुजरना पड़ेगा।

अब तक आरटीओ में मैन्युअल ही ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता था। टेस्ट के नाम पर खानापूर्ति होती थी। दलालों पर पैसा लेकर काम कराने का भी आरोप लगता रहा है। इससे वह लोग भी टेस्ट में पास हो जाते थे, जो वाहन चलाना नहीं जानते थे। अब टेस्ट देने के दौरान पूरी प्रक्रिया की कैमरे से रिकॉर्डिंग होगी। आईटीआई में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनकर तैयार हो चुका है। अब लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए टेस्ट देना होगा। इसमें पास होने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकेगा।

सेंसरयुक्त ट्रैफिक ट्रैक पर 100 से अधिक कैमरों की मदद से वाहन चलाने की पल-पल की गतिविधियां रिकॉर्ड होंगी। जब नियमों के तहत डीएल बनेगा तो सड़क हादसे भी कम होंगे। ड्राइविंग ट्रैक पर वाहन चलाने की परीक्षा पास करने के बाद ही डीएल बनेगा। ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट में सेंसर बताएगा कि कहां पर वाहन चलाने में चूक हुई है। ट्रैक पर यातायात के नियमों का पालन, वाहन की स्पीड, ब्रेक, डीपर, बैक गियर, इंडीकेटर समेत रेड लाइट का पालन करने के नियमों की जानकारी होना अनिवार्य होगा। अगर वाहन चालक चूक कर गया तो उसका डीएल नहीं बन पाएगा। आरआई राहुल शर्मा ने बताया कि फार व्हीलर, टूव्हीलर के डीएल के लिए चालक को ट्रैक पर वाहन चलाना होगा। यदि जाने-अनजाने में चालक से जरा सी भी चूक होती है तो डीएल नहीं बन पाएगा। अभी तक जान पहचान के माध्यम से बिना डीएल की परीक्षा दिए भी डीएल बन जाता था, लेकिन अब नए नियम के बाद ऐसा करना संभव नहीं होगा। ट्रैक के नियम के बाद अब कुशल चालक ही डीएल बनवा सकेंगे।

14 जिलों में शुरू हो चुकी नई व्यवस्था

मेरठ समेत अयोध्या, अलीगढ़, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, देवीपाटन गोंडा, गोरखपुर, झांसी, मथुरा, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और प्रयागराज में यह व्यवस्था शुरू हो चुकी है।

पूरे ट्रैक में लगे तीन सेंसर

ट्रैफिक ट्रैक पर तीन सेंसर लगाए गए हैं। अभ्यर्थी का सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक टेस्ट लिया जाता है। ट्रैक पर वाहन चलवाया जाता है। ऑनलाइन कंप्यूटर पर रिजल्ट निकलता है। अगर अभ्यर्थी पास होता है तो उसका ही परमानेंट लाइसेंस बन पाता है। अगर वह फेल हो जाता है तो दोबारा से फीस जमा करके टेस्ट दे सकता है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: सड़क पर कचरा गिराते दौड़ रही निगम की गाड़ी, बीमारी का बढ़ा खतरा

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: शहर में नगर निगम की कचरा...

Meerut News: पिटाई से क्षुब्ध प्रेमी ने लगाई आग, प्रेमिका फांसी पर झूली

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: फाजलपुर अनूपनगर में प्रेमिका के परिजनों...

Meerut News: आगामी चार दिन बारिश से रहेगी राहत, प्रदूषण में भी आ रही गिरावट

जनवाणी संवाददाता |मोदीपुरम: मौसम विभाग ने आगामी चार दिन...
spot_imgspot_img