- नगर के कृषि विज्ञान केन्द्र पर कृषि मेले का आयोजन, जल संरक्षण व पराली प्रबंधन पर भी दिया जोर
जनवाणी संवाददाताc|
खेकड़ा: कृषि सूचनातंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता अ•िायान के अंतर्गत बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र पर कृषि मेले का आयोजन किया गया। कृषि मेले में किसानों को फसलों में लगने वाले कीट व उनके नियंत्रण के उपाय बताए। इसके साथ ही जल संरक्षण व पराली प्रबंधन की जानकारी दी गई।
बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र पर कृषि विभाग द्वारा कृषि मेले का आयोजन किया गया। मेले में किसानों को कृषि सूचनातंत्र सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता के अंतर्गत कृषि निवेश की जानकारी दी गई। मेले का शुभारम्भ उपकृषि निदेशक प्रशांत कुमार द्वारा फीता काटकर किया गया। मेले कृषि वैज्ञानिक डॉ संदीप चौधरी ने धान की फसल में लगने वाले फ्यूजेरियम फफूंद के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें धान का पौधा लंबा होकर खराब हो जाता है खराब पौधे को उखाड़कर खेत से दूर फेंक देना चाहिए फसल को कम पानी दे।
इसके साथ ही कार्बोनडाजिम 25 प्रतिशत, मेंकोजेब 50 प्रतिशत की पांच सौ ग्राम मात्रा जीरम 80 प्रतिशत की तीन सौ ग्राम मात्रा का डेढ़ से लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करने से लाभ होगा। गौरव शर्मा कृषि अभियंत्रण ने किसानों को जल संरक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि जल के अत्याधिक दोहन से आने वाले समय में जल की किल्लत से जूझना होगा। इसके लिए जल संरक्षण बहुत जरूरी है। इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए। वर्षा के पानी का खेतों में उपयोग करें। कम पानी चाहने वाली फसलों को बोए।
जयप्रकाश सिंह मंडी समिति ने किसानों को बताया कि मंडी समिति द्वारा किसानों की फसलों पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं है। बल्कि किसान के साथ किसी दुर्घटना के होने या फसलों पर बिजली वि•ााग आदि से होने वाली हानि के लिए मंडी समिति द्वारा किसानों को क्षतिपूर्ति दी जाती है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. बालगोविन्द यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि पाने वाले किसान केवाईसी करवा लें। अन्यथा उनकी निधि बंद हो जायेगी। इसके साथ ही उन्हें कृषि योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पायेगा। सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी तेजवीर सिंह ने कहा कि किसान पराली को जलाए ना।
उसका उपयोग खाद के रूप में करें, जिससे फसल अच्छी होगी। इस अवसर पर वेद सिंह, वेदप्रकाश, आदेश, संदीप, कंवरपाल, हरबीर, उमेश, विनोद, घनश्याम आदि किसान मौजूद रहे।