- 20 फरवरी से पांच मार्च तक दो चरणों में चलाया गया सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: जनपद में टीबी रोगियों की खोजने के लिए दो चरणों में चलाए गए अभियान में 147 नये मरीज पाए गए। इन सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही इन्हें पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह पांच सौ रुपये भी दिए जाएंगे। यह धनराशि मरीज के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सर्वेश सिंह ने बताया कि यह सभी मरीज सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान में मिले हैं।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान दो चरणों में संचालित किया गया था। यह 20 फरवरी से पांच मार्च तक चलाया गया था। इस बाबत डीटीओ डा. सर्वेश सिंह ने बताया कि पहले चरण में केवल तीन रोगी मिले थे, जबकि दूसरे चरण में 144 पॉजिटिव पाए गए। अब इन रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है।
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. संजीव मांगलिक का कहना है कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के लगातार इलाज से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बीमारी बढ़ जाती है और कुछ समय बाद यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आती है जो कि गंभीर स्थिति है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में दिये जाते हैं।
सीएमओ ने एसटीएस, एसटीएलएस, डीपीटीसी, टीबीएचवी को निर्देशित किया कि सभी मरीज जिनका निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत भुगतान किया जाना है, उनके बैंक खाते की जानकारी प्राप्त करते हुये शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करें। एमडीआर मरीज जिनका उपचार प्रारम्भ नहीं हुआ है, उनका शीघ्र-अतिशीघ्र उपचार प्रारम्भ कराना सुनिश्चित करें। छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) की स्थिति निक्षय पोर्टल पर अपडेट करना सुनिश्चित करें। जिन मरीजों की जानकारी यूडीएसटी पोर्टल पर अपडेट नहीं हुई है, उनकी स्थिति पोर्टल पर अपडेट करें। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया अभियान के लिए टीम और सुपरवाइजर लगाये गए थे।
टीम ने घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों के आधार पर मरीजों को खोजा। अभियान के दौरान टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता देखने को मिली। जनपद को टीबी से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रयासों से जुटा हुआ है। स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। आईटीसी (इंडियन टोबैको कंपनी) ने आठ सौ मरीजों को गोद लिया है। इसी तरह अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भी मरीजों को गोद लिया है। इन सभी का उपाचर किया जा रहा है।