- नोटिफिकेशन शीघ्र, स्तर भी सुधरेगा और बजट भी बढ़ेगा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर भारत के प्रसिद्ध नौचंदी मेला के आयोजन अब नगर निगम और जिला प्रशासन के बजाय प्रदेश सरकार करेगी। इससे न केवल मेले का स्तर बढ़ेगा बल्कि बजट बढ़ने से लोगों को मेला नये अंदाज में दिखेगा।
मेला आयोजन को लेकर निगम और जिला पंचायत में हमेशा ही तनातनी रहती थी।
कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर सीएम से आग्रह किया था। यह मामला विधानसभा में भी उठाया गया था। उसके चलते ही योगी कैबिनेट ने मेला नौचंदी के आयोजन का अधिकार अब डीएम की अध्यक्षता में बनाई जाने वाले समिति को दे दिया है।
हालांकि इस साल तो पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही आयोजन किया जाएगा। मेला नौचंदी के आयोजन के बाद मेला स्थल को लावारिस छोड़ दिया जाता था। जिसके चलते यहां जगह जगह गोबर के ढेर लगे हैं। आसपास की डेयरियों को गोबर यहां डंप किया जा रहा है।
मेला स्थल को डेयरी संचालकों ने गोबर का डंपिंग ग्राउंड बना कर रख दिया है। शहर के कई इलाकों के पशु यहां भेज दिए जाते हैं। दोपहर बाद जब दूध दोहने का वक्त होता है तब डेयरी संचालक इन पशुओं को ले जाते हैं। अगले दिन ये पशु फिर मेला स्थल पर भेज दिए जाते हैं।
शहर की घनी आबादी के बीच स्थित नौचंदी मेला स्थल अब तबेले मे तब्दील हो गया है। महानगर में जगह जगह लगने वाले जामों की समस्या के लिए साप्ताहिक पैंठों को जिम्मेदार माना गया था। इसके चलते तय किया गया था कि साप्ताहिक पैठों को मेला स्थल पर शिफ्ट किया जाएगा। इससे शहर को जाम की समस्या से भी बचाया जा सकेगा और नौचंदी मेला स्थल को पशुओं का तबेला बनने से भी रोका जा सकेगा। लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते ऐसा हो न सका।
ये कहना है कैंट विधायक का
कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल का कहना है कि कैबिनेट में मेला नौचंदी के आयोजन का प्रदेश सरकार द्वारा किए जाने का प्रस्ताव पास हो गया है। इसका अब केवल नोटिफिकेशन जारी होना बाकी है। उम्मीद है कि इससे मेला स्थल की जहां हालत संवरे जाएगी। वहीं मेले को भव्यता भी प्रदान की जा सकेगी।