जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत में आने वाला विदेशी सैलानी का सबसे पहला कदम उत्तर प्रदेश की ओर बढ़े, इसके लिए ट्रेड टेक्नोलॉजी एवं टूरिज्म यानी 3टी पर जोर दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रेल, वाटर तथा एयर कनेक्टिविटी का विस्तार करके पर्यटकों को उप्र के ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के विश्व प्रसिद्ध स्थलों की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जिसमें रोजगार सृजन की असीमित संभावनाएं हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए सीएम योगी के नेतृत्व में उप्र को नये सिरे से सजाया और संवारा जा रहा है।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह सोमवार को एक होटल में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उप्र की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसके माध्यम से वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उप्र देश का ग्रोथ इंजन बनने की ओर अग्रसर है और इसमें पर्यटन सेक्टर का अधिकतम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि उप्र में कानून व्यवस्था में सुधार एवं उच्च स्तरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास के कारण ही उप्र सैलानियों के लिए पहली पसंद बनता जा रहा है। उन्होंने इस मौके पर वर्ष-2023 के कैलेण्डर का विमोचन भी किया।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि देशी-विदेशी सैलानियों के लिए नयी पर्यटन नीति-2022 जारी की गयी है। नैमिषारण्य के पर्यटन विकास के लिए नैमीषारण्य तीर्थ विकास बोर्ड की घोषणा करने के साथ ही ईको टूरिज्म बोर्ड की स्थापना के अलावा विभिन्न थिरैपी को विकसित किया गया है। राजस्थान की तर्ज पर बुन्देलखण्ड के किलों, महलों एवं गढ़ी को पीपीपी माडल पर विकसित करके सैलानियों को किला में ठहरने जैसी अनुभूति का अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि अभी हाल में ही मंत्रियों का समूह विभिन्न देशों के भ्रमण पर निवेश जुटाने गया था इसके दौरान बड़ी संख्या में एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। जिसमें पर्यटन के कई एमओयू शामिल हैं, इसके अलावा मुख्यमंत्री के मुम्बई में निवेश भ्रमण के दौरान निवेशकों ने यूपी में पर्यटन क्षेत्र में विशेष दिलचस्पी दिखाई है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद दुनिया का दृष्टिकोण उप्र को लेकर बदला है। 2017 से पहले उप्र को एक बीमारू राज्य की पहचान मिली थी। कानून व्यवस्था के मामले में यह एक फेल स्टेट कहा जाता था, जिससे निवेशक एवं पर्यटक उप्र आने से कतराते थे। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव संस्कृति एके सिंह, पर्यटन सलाहकार जयप्रकाश सिंह तथा उपनिदेशक पर्यटन कल्याण सिंह आदि उपस्थित थे।