- संस्था द्वारा कोविड-19 से बचाव हेतु किए गए प्रबंधों का लिया जायजा
- आठ महीने से बंद मदरसे में पुन: शिक्षण कार्य शुरू करने के लिए हलचल शुरू
जनवाणी संवाददाता |
देवबंद: सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए गाइड लाइन जारी करने के बाद पिछले आठ महीनों से बंद विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद में भी हलचल शुरू हो गई है। मंगलवार को जिलाधिकारी व डीआईओएस के निर्देश पर शिक्षा विभाग से जुड़े दो लोगों के दल ने देवबंद पहुंच दारुल उलूम प्रबंधतंत्र द्वारा कोविड-19 से लडऩे के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लिया।
शासन के विश्वविद्यालयों को खोले जाने के आदेश के बाद दारुल उलूम देवबंद प्रबंधतंत्र ने डीएम और शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर दारुल उलूम को खोले जाने की अनुमति मांगी थी। जिसके चलते मंगलवार को डीएम के निर्देश पर जखवाला इंटर कालेज के प्रधानाचार्या विपिन कुमार सहरावत व मुजीबुर्रहमान ने देवबंद पहुंच दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने प्रबंधतंत्र से छात्रों के रहन सहन के बारे में जानकारी ली तथा कक्षाओं में जाकर जांच की। मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि जांच को आई टीम ने कोविड-19 से बचाव के लिए संस्था द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी ली है। उक्त लोग अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेंगे। बताया कि प्रबंधतंत्र द्वारा पुन: शिक्षण कार्य शुरू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सरकार की गाइड लाइन और जिला प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के अनुसार ही निर्णय लेते हुए शिक्षण कार्य पुन: शुरू किया जाएगा।
संस्था में प्रवेश से पूर्व र्थमल स्क्रीनिंग अनिवार्य
देवबंद: कोविड-19 से बचाव हेतु दारुल उलूम देवबंद के प्रबंधतंत्र ने एलान चस्पा कर सभी लोगों के लिए संस्था, लाइब्रेरी और एशिया की प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया में प्रवेश से पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। मंगलवार को स्वंय मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने संस्था में प्रवेश से पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग कराकर यह संदेश दिया कि आदेश सभी के लिए मान्य होंगे।