हर इंसान की अपनी एक अलग आवाज होती है जो कुछ कहना चाहती है। अलग आवाज और अलग ढंग ही किसी इंसान को, दूसरे से अलग बनाता है। हमारी फिल्मी दुनिया में ऐसे अनेक कलाकार हुए हैं जिन्होंने अपनी दमदार, अलग तरह की आवाज से एक खास मुकाम बनाया। उनकी आवाज का असर कुछ ऐसा रहा कि उसने हर किसी को अपने असर में ले लिया। आवाज की वजह से उनके मुरीदों की संख्या लगातार बढ़ती गई। लाख कोशिश के बावजूद हम उन्हें भूल नहीं पाते।
रोबदार आवाज वाले कलाकारों में पहला नाम जो जहन में आता है, वह है मशहूर टीवी धारावाहिक ‘महाभारत‘ के गंगा पुत्र भीष्म, मुकेश खन्ना। उन्होंने अपनी दमदार आवाज से सभी को हिला कर रख दिया। दमदार आवाज के बल पर उन्होंने अपने किरदारों में ऐसा जादू बिखेरा जो आज मुमकिन नहीं है।
कबीर बेदी की उम्र बेशक बढ़ती जा रही है लेकिन उनकी आवाज में, आज भी उतना ही असर है जो शुरुआती दिनों में था। आज उन्हें उनकी दमदार आवाज के कारण टीवी के एड् मिल रहे हैं। वह अपनी भारी भरकम आवाज के लिए खासे लोकप्रिय रहे हैं।
हिंदी फिल्मों के जाने माने खलनायक जीवन के पु़त्र किरण कुमार ने अपने कैरियर की शुरुआत नायक के तौर पर की और जब तक वह नायक रहे, उनकी दमदार आवाज की खूबी दर्शकों के सामने नहीं आ सकी लेकिन जैसे ही उन्होंने खलनायकी का चोला ओढ़ा, वह अपनी रोबदार आवाज के जरिये दर्शकों पर अपनी धाक जमाने में कामयाब रहे।
राज कुमार, सुनील दत्त, अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की कामयाबी में जितना योगदान उनकी अदाकारी का रहा, उतनी ही लोकप्रियता उन्हें, उनकी दमदार आवाज और शानदार संवाद अदायगी के कारण भी मिली।
रजा मुराद की आवाज और उनके द्वारा बोला गया एक एक शब्द कानों में साफ सुनाई पड़ता है। ‘बाजीराव मस्तानी’ जैसी कई फिल्मों में उनके संवादों ने गहरा असर दिखाया था। गीतकार निर्देशक गुलजार की आवाज बेहद भारी है। ‘किल दिल’ के एक गीत की शुरुआत में उन्होंने अपनी आवाज दी थी जिसे काफी अधिक पसंद किया गया।
जावेद जाफरी की आवाज जबर्दस्त है। इसकी बदौलत उन्हें स्टेज कार्यक्रमों की एंकरिंग मिलती रही है। रोनित राय की आवाज का एक अलग अंदाज है। उनकी एक्टिंग में उतना दम नहीं है जितना आवाज में। विजय राज, आदिल हुसैन अब तक अपनी पहचान नहीं बना सके हैं लेकिन उन्हें उनकी आवाज के कारण पहचाना जाता है।
बिहार के नरेन्द्र झा को अब तक कोई खास कामयाबी नहीं मिल सकी है लेकिन अपनी दमदार अलग तरह की आवाज के लिए पहचाने जाते हैं। ‘हैदर’ में एक एक शब्द को चबाचबा कर बोलने का अंदाज इतना लाजवाब था कि यह कलाकार हर किसी को याद है।
टीवी की दुनिया से फिल्मों में आने के बाद शरद केलकर अब तक फिल्मों में छोटे मोटे रोल तक ही सीमित हैं लेकिन उनकी आवाज बहुत जबर्दस्त है। उन्होंने ‘बाहुबली’ में प्रभास को अपनी आवाज दी थी। जब उनकी आवाज में प्रभास सिल्वर स्क्रीन पर कहते हैं ‘गलत किया देवसेना, औरत पर हाथ डालने वाले की उंगलियां नहीं, उसका गला काटते हैं’, तब दर्शक तालियां बजाने के लिए मजबूर हो उठते है।
एक्ट्रेसों में रेखा की आवाज को सबसे बेहतरीन माना जाता है। उनकी संवाद अदायगी की भी एक खास शैली है। जब स्मिता पाटिल की असामयिक मृत्यु हुई, तब उनकी कुछ फिल्मों के लिए रेखा ने अपनी आवाज में संवाद डब किये जिन्हें खूब पसंद किया गया।
मीना कुमारी, नर्गिस और नूतन की भी अपनी अलग तरह की आवाज और डॉयलोग डिलीवरी थी। खासकर मीना कुमारी की आवाज किसी गहरे कुंए से आती सी लगती थी।
सुप्रिया पाठक की डॉयलोग डिलीवरी बेहद अलग है। टिस्का चोपड़ा की आवाज काफी सधी और दबी हुई है। उनका स्टाइल अनोखा है। इसी तरह दिव्या दत्ता की आवाज में भी दबंगई ‘झलकती है। नंदिता दास और कोंकणा सेन शर्मा जितनी जबर्दस्त एक्टिंग करती हैं, उतनी ही उनकी आवाज और डॉयलोग डिलीवरी शानदार है।
सुभाष शिरढोनकर