- जलभराव की समस्या से स्थानीय लोगों के साथ राहगीर भी परेशान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अहमदनगर में कई दिनों से एक जगह निर्माण कार्य एवं नाला चोक होने के कारण सड़क पर दूषित पानी के मुख्य सड़क पर जलभराव की समस्या बनी हुई हैं। जिसमें इस जलभराव की समस्या से जहां एक तरफ स्थानीय लोग एवं दुकानदार परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ मार्ग से होकर गुजरने वाले राहगीर भी खासे परेशान हैं। बीते दिनों स्थानीय लोगों ने सड़क पर दूषित पानी के जलभराव की समस्या की शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की थी।
जिसमें निगम के अधिकारियों ने टीम भेजकर दूषित पानी के सड़क पर जलभराव की समस्या से निजात दिलवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन बुधवार को भी जलभराव की समस्या जस की तस दिखाई दी। महानगर में नगर निगम की लापरवाही के चलते नाली व नालों पर कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है और नालों पर सलेब आदि डालकर नालों को ऊपर से बंद कर दिया गया।
वहीं, कुछ स्थानीय दुकानदार दुकानों के अंदर कम दुकानों के बाहर नाली व नालों के साथ मुख्य सड़कों पर ही सामान रखकर अतिक्रमण कर कारोबार कर रहे हैं। ऐसी जगह जहां पर नालों पर अतिक्रमण हो गया। वहां पर नाली व नालों की साफ-सफाई कराना कठिन हो गया है। जिसके चलते जगह-जगह नाले चोक होने की समस्या देखने को सामने आ रही हैं। वहीं, कुछ जगहों पर निर्माण कार्य एवं कुछ जगहों पर चोक नाली व नालों की साफ सफाई नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के द्वारा की ही नहीं जाती।
जिस कारण नाले चोक होने के बाद सड़कों पर दूषित पानी जमा हो जाता है। नगर में कई जगहों पर जलभराव की समस्या एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, लेकिन नगर निगम इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं। अहमदनगर में सड़क पर जलभराव की समस्या कई दिनों से बनी हुई है। जिसमें बुधवार को सड़क दूषित पानी के जलभराव से बिन बरसात के ही जलमग्न हो गई।
जिस कारण स्थानीय लोगों के साथ मार्ग से होकर गुजरने वाले राहगीरों को परेशानी झेलनी पडी। नूरहसन, सलीम, शहजाद, दिलशाद, समीम आदि ने बताया कि कई बार शिकायत के बाद भी नगर निगम के अधिकारी जलभराव की समस्या से निजात नहीं दिलवा पा रहे हैं। इस संबंध में नगर निगम के अपर आयुक्त प्रमोद कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि टीम भेजकर समस्या का समाधान कराया जायेगा।
एमडीए ने कई अवैध कॉलोनियों पर चलाया बुलडोजर
अवैध कॉलोनियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत जोन-ए-3 में राशिद मलिक के बजौट गांव लिसाड़ी रोड पर करीब 10,000 मीटर में विकसित की जा रही अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चला दिया। इस कॉलोनी के साइट आॅफिस, सड़क और बाउंड्रीवाल को गिरा दिया। जोन -ए 4 में मोहित जैन द्वारा बिजली बंबा बाइपास पर करीब 150 वर्ग मीटर में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए हाल का निर्माण किया जा रहा था,
जिसके विरुद्ध प्राधिकरण टीम ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण कर दिया। इस दौरान जेई सोमेंद्र प्रताप, संजीव तिवारी आदि मौजूद रहे। आरोप लग रहे है कि जेई संजीव तिवारी ने सेटिंग कर ये कॉलोनी विकसित कराई जा रही थी, जिसके चलते कॉलोनी लगातार विकसित हो रही थी। जोन-बी वन में सुरेंद्र सिंह जयवीर आदि ने शिवलोक कॉलोनी के बराबर में अम्हैडा रोड पर करीब 7000 वर्ग मीटर जमीन में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी,
जिसको आज मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। इस कॉलोनी के साइट आॅफिस, सड़क और बाउंड्री वाल को गिरा दिया। जोन-सी 1 में अमित सिंघल अशोक सिंघल की रामपुर पावटी बागपत फ्लाईओवर के पास करीब 9000 वर्ग मीटर में अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी, जिसे प्राधिकरण की टीम ने बुलडोजर चला कर गिरा दिया। यहां बाउंड्रीवाल आदि को भी गिरा दिया गया,
जो जोन-सी में राजेश कुमार घाट पांचली बागपत रोड पर करीब 8000 वर्ग मीटर जमीन में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी, जिस पर प्राधिकरण की टीम ने बुलडोजर चलाकर सड़क और साइट आॅफिस तथा बाउंड्रीवॉल को गिरा दिया। तोड़फोड़ की कार्रवाई में जेई महादेव शरण, सर्वेश गुप्ता, उमाशंकर पूरी टीम के साथ मौजूद रहे।
मुंडाली थाना क्षेत्र के भोपाल द्वारा मुरलीपुर एसएसवी इंटर का के समीप करीब 22000 वर्ग भूमि में बाउंड्रीवॉल कर अवैध निर्माण कर दिया गया था, जिसे प्राधिकरण की टीम ने गिरा दिया। भावनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम छिलोरा में अमरजीत आदि द्वारा करीब 5000 वर्ग गज भूमि में भूखंड और बाउंड्रीवाल बनाई गई थी, जिसे प्राधिकरण की टीम ने गिरा दिया।
याकूब के मीट की जांच रिपोर्ट कोर्ट में, 53 सैम्पल सही
हाजी याकूब के मीट प्लांट से जब्त किए गए मीट के नमूनों की जांच बुधवार को जिला जज की अदालत में सौंप दी गई है। िजसमें 53 सैंपल सही पाए गए जिनको रिलीज करने के आदेश अदालत ने दिए है जबकि 7 सैंपल असुरक्षित पाए गए जिन्हें नष्ट करने का आदेश अदालत ने किया है। वही 38 सैंपल के विषय में एक्सपर्ट की राय के लिए और न्यायालय को भेज दिया गया है
डा. संदीप पहल ने एडवोकेट मनमोहन त्यागी के माध्यम से बुधवार को आवेदन दिया कि कथित मांस को जारी नहीं किया जाना चाहिए और इसलिए, मांस छोड़ना मानव के लिए खतरनाक होगा। अपने ठिकाने का समर्थन करने के लिए त्यागी ने शिव नंदन पासवान बनाम पर भरोसा किया। बिहार राज्य और अन्य में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन वापस लेने के मामले में, कोई भी व्यक्ति जो सार्वजनिक प्रशासन की स्वच्छता और सार्वजनिक नैतिकता में रुचि रखता है, वह शिकायत दर्ज करने का हकदार होगा।
और समान रूप से वह इस तरह के अभियोजन को वापस लेने का विरोध करने का हकदार होगा यदि यह पहले से ही स्थापित है। हालांकि, वर्तमान मामले में डा. संदीप पहल की ओर से शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है और दूसरी बात यह कि अभियोजन पक्ष मुकदमा वापस नहीं ले रहा है। विवाद एमडीए द्वारा कारखाने को बंद करने का आदेश दिए जाने की अवधि के दौरान आवेदक द्वारा संसाधित मांस की रिहाई के संबंध में है।
इस मामले में मांस को छोड़ना और न छोड़ना वित्तीय प्रभाव डालता है और यदि आवेदक हस्तक्षेप करना चाहता है, तो उसे एक क्षतिपूर्ति बांड दाखिल करना चाहिए कि यदि आवेदक को कोई नुकसान होता है, तो वह उसकी क्षतिपूर्ति करेगा और इन सभी शर्तों को पूरा किया जा सकता है। कोर्ट ने हस्तक्षेप की अनुमति दी। वह कल तक ऐसा कर सकते हैं। आवेदन पर सुनवाई के लिये 23 फरवरी तय की गई है।
31 मार्च 2022 खरखौदा स्थित अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड के अंदर से पांच करोड़ कीमत का मीट बरामद करने के बाद सील कर दिया था। मंगलवार को राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला से 98 नमूनों की जांच रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है। बुधवार को रिपोर्ट कोर्ट में पुलिस और आरोपी पक्ष के सामने खोली गई। जांच रिपोर्ट के बाद ही मीट को बेचा या नष्ट किया जाएगा।
हालांकि जिला जज रजत सिंह जैन की अदालत ने हाजी याकूब की फैक्ट्री अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड से जब्त किए पांच करोड़ के मीट को सशर्त रिलीज करने के आदेश कर चुके हैं।आदेश के अनुसार पूर्व में जिला जज ने मीट का पुन: परीक्षण करने के आदेश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट 13 फरवरी तक अदालत में पेशी की जानी थी।
अदालत में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला से मीट की रिपोर्ट 21 फरवरी तक दी जाएगी। पुलिस ने निर्णय का समय बढ़ाने के लिए अदालत से निवेदन किया। अदालत में दिए गए साक्ष्यों के मुताबिक, सात मार्च 2023 को उक्त मीट एक्सपायर हो जाएगा, जिसके बाद न्यायालय के आदेश का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।