- छोटे बकायेदारों पर निगम द्वारा कर दी जाती है सीलिंग की कार्रवाई
- आखिर बड़े बकायेदारों पर वसूली को क्यों सख्ती नहीं दिखाता निगम?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में छोटी मोटी राजस्व की वसूली पर जहां एक तरफ सामान्य व्यक्ति पर निगम के अधिकारियों के द्वारा तमाम तरह से दबाव बनाकर वसूली का प्रयास किया जाता है, लेकिन 85 करोड़ के बड़े बाकीदारों पर निगम अफसर खास मेहरबान बने हुए हैं। इस मेहरबानी का आखिर मतलब क्या हैं? वहीं, दूसरी तरफ शहर के करीब 50 बड़े बकायेदारों पर निगम का 85 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, लेकिन उसकी वसूली के लिए निगम के द्वारा कोई ठोस अभियान नहीं चलाया जाता।
आखिर निगम के अधिकारी सामान्य लोगों की छोटी-मोटी राजस्व वसूली के लिए जिस तरह सीलिंग आदि की कार्रवाई कर दबाव बनाते हैं। फिर बड़ी राजस्व वसूली के लिए कोई ठोस कार्य योजना क्यों तैयार नहीं की जाती। यदि बड़े बकायेदारों से इतनी बड़ी रकम की राजस्व वसूली हो जाये तो निगम का जहां एक तरफ रेवेन्यू बढेगा तो वहीं शहर में विकास की गति भी तेज होगी। जिसमें 50 बड़े बकायेदारों में शास्त्रीनगर जोन एवं मुख्यालय जोन की कंकरखेड़ा में बड़े बकायेदारों की संख्या अधिक है।
कंकरखेड़ा मुख्यालय में 20 बड़े बकायेदारों में 13 बकायेदारों का निगम से वसूली को लेकर कोई वाद विवाद नहीं है। वहीं, सात बकायदोरों करीब 80 करोड़ की वसूली हैं। जो सात बड़े बकायेदार हैं,उनमें भवन स्वामी मकान नंबर एक मोदी टायर, मोदीपुरम वार्ड-30 पर 70 करोड़ रुपया जोकि विवादित है। वार्ड-2 मलियाना रोड पर स्थित जसवंत शुगल मिल पर करीब चार करोड़ रुपया। उत्तर प्रदेश राज्य वस्त्र गगोल रोड पर करीब सवा करोड़ से अधिक का बकाया।
कताई मिल देवेंद्र कुमार पर करीब 12 लाख का बकाया। दिल्ली रोड स्थित एरा मॉल पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का बकाया। दिल्ली रोड स्थित जेएसडी कॉलोनाइजर पर करीब 60 लाख से अधिक का बकाया। इन सभी बकायेदारों से निगम का वाद विवाद चल रहा है। वहीं, शेष बकायेदारों पर कोई वाद-विवाद नहीं चल रहा,उसके बावजूद वसूली नहीं हो पा रही है। कंकरखेड़ा जोन में ही अन्य बकायेदारों में ज्ञान भारती इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी पर करीब 63 लाख रुपये का बकाया।
उत्तर प्रदेश बीज निगम पर करीब 26 लाख रुपये का बकाया। ऋषि इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी पर करीब 24 लाख रुपये का बकाया। अमित कुमार, अनूप कुमार साबुन गोदाम पर करीब 21 लाख से अधिक का बकाया। जेसीएल इंफ्र ास्टक्चर लिमिटिड यूनिट एक पर करीब 19 लाख रुपये से अधिक का बकाया। जेसीएल इंफ्रास्टक्चर लिमिटिड यूनिट 11 पर करीब 18 करोड़ रुपये। मैसर्स रेप मीडिया लि. पर 15 लाख रुपये का बकाया। बॉय हास्पिटल क. जीत सिंह पर करीब 15 लाख रुपये बकाया। इंद्रा रबर इंडस्ट्रीज पर 12 लाख से अधिक का बकाया।
मेरठ कोल्ड स्टोरेज पर 12 लाख से अधिक का बकाया। तिरुपति गार्ड पवन मित्तल पर करीब 11 लाख रुपये से अधिक का बकाया। अजय एवं मनोज जैन वेस्ट रिठानी पर करीब 10 लाख रुपये से अधिक का बकाया। एमएस अग्रवाल एसोसिएट पर करीब साढेÞ नौ लाख से अधिक का बकाया। बीना भूरानी पत्नी हरप्रसाद पर करीब साढेÞ सात लाख से अधिक का बकाया है। सबसे अधिक बकाया वसूली कंकरखेड़ा जोन में पेडिंग है। मुख्यालय जोन में 16 बड़े बकायेदारों में हरीशचंद्र पर 18 लाख से अधिक का बकाया।
बीएसवी इंटर कॉलेज पर 18 लाख से अधिक का बकाया। जितेंद्र वर्मा पर करीब 14 लाख से अधिक का बकाया। इस्माईल पर 11 लाख से अधिक का बकाया। हफीजन पर आठ लाख से अधिक का बकाया। गुलजार का सात लाख से अधिक का बकाया। प्रिंस साड़ी सेंटर पर छह लाख से अधिक का बकाया। शालिनी गुप्ता पर पांच लाख से अधिक का बकाया। चंदन सिंह पर पांच लाख से अधिक का बकाया। अय्यूब नासिर पर पांच, रफीक , रसीद व मुन्ना पर पांच लाख का बकाया। सनातन धर्म औषद्यालय पर चार लाख से अधिक का बकाया।
बिल्ली पर चार लाख से अधिक का बकाया। बिजेंद्र कुमार पर तीन लाख से अधिक का बकाया। शास्त्रीनगर जोन में बड़े बकायेदारों की सूची में सचिन कुमार पर 11 लाख से अधिक का बकाया। लाली पर दो लाख से अधिक का बकाया। अर्चना शर्मा पर एक लाख 73 हजार से अधिक का बकाया। तेजराम, एवीपी, मोहन लाल खुराना नरेंद्र प्रकाश रस्तोगी, मुनेश कुमार, आशा रानी, उपेंद्र नाथ, गिरधर लाल, पुरुषोत्तम दास समेत कुल 15 लोगों पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का बकाया।
यह वसूली की सूची दो माह पूर्व की है। उसमें कुछ लोगों के द्वारा कुछ वसूली जमा कर दी गई है। शेष वसूली के लिए अभियान जारी है। जल्द ही बड़े बकायेदारों के खिलाफ वसूली अभियान चलाकर वसूली की जायेगी। -अवधेश कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम मेरठ।