नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। नवरात्रि का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है, और इस दौरान उपवास रखने को लेकर विशेष धार्मिक मान्यता है। मान्यता है कि नवरात्रि में उपवास करने से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती हैं और उसकी आध्यात्मिक उन्नति होती है। हालांकि, उपवास हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता, क्योंकि कुछ लोगों के लिए यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन लोगों को नवरात्रि के उपवास से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से इससे लाभ के बजाय हानि हो सकती है।
ऐसे लोगों को नहीं रखना चाहिए नवरात्रि का व्रत
यदि कोई महिला मासिक धर्म में है, तो उसे नवरात्रि का व्रत रखने से बचना चाहिए। वहीं अगर उपवास के दौरान मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो वह इसे जारी रख सकती है।
गर्भवती महिलाओं को नौ दिन तक उपवास नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान अनाज के सेवन की मनाही होती है। ऐसे में गर्भस्थ शिशु को सही पोषण न मिलने पर उसका विकास प्रभावित हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान उपवास से बचना चाहिए।
जिन महिलाओं ने हाल ही में शिशू को जन्म दिया हो, उन्हें भी नवरात्रि का व्रत नहीं करना चाहिए। मां के भोजन से ही शिशु को पोषण मिलता है, इसलिए मां के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है।
एनीमिया से ग्रस्त लोगों को भी व्रत नहीं रखना चाहिए। खून की कमी के कारण शरीर में कमजोरी बढ़ जाती हैं। ऐसे में व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए और भी हानिकारक साबित हो सकता है।
डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए खानपान का संतुलन बनाए रखना आवश्यक होता है। व्रत के कारण ब्लड शुगर लेवल अस्थिर हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में उपवास रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
व्रत के नियम
नवरात्रि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इन नौ दिनों में काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। साथ ही व्रत रखने वालों को दिन में सोने से परहेज करना चाहिए। इन बातों का पालन करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है।