एक राजा के दरबार में एक चित्रकार था। वह अद्भुत चित्र बनाया करता था जिनकी सभी प्रशंसा करते थे। राजा भी उससे प्रभावित था। एक दिन उसने चित्रकार से पूछा-अच्छा यह बताओ कि कौन सी चीजों के चित्र बनाना कठिन है और ऐसी कौन सी वस्तुएं हैं जिन्हें बड़ी आसानी से बनाया जा सकता है? इस पर चित्रकार बोला-राजन, जो वस्तु हमारी जानी-पहचानी हैं जिन्हें हम रोज देखते हैं, उनका चित्र बनाना कठिन है। लेकिन अज्ञात चीजें जैसी देवी-देवता, राक्षस भूत-प्रेत के चित्र बड़े आसानी से बनाए जा सकते हैं। इस उत्तर पर राजा हैरत में पड़ गया। उसने कहा-यह तो तुम उलटी बात कर रहे। जो चीज जानी-पहचानी है उनका चित्रकार बनाना तो आसान होना चाहिए न। चित्रकार ने समझाया-जिन चीजों को लोग अच्छी तरह जानते हैं, उनकी तस्वीर बनाना इसलिए कठिन है कि लोग उनकी कमियों को आसानी से पकड़ सकते हैं। उनके दिमाग में उन वस्तुओं की एक छवि बनी रहती है जिससे वे हमारे चित्रों का मिलान करने लगते हैं। लेकिन जिन चीजों को उन्होंने देखा ही नहीं है उसके बारे में कोई निश्चित छवि वे अपने भीतर नहीं बना पाते हैं। जैसे देवी देवता आदि की तस्वीरें। वैसी तस्वीरों को एक चित्रकार अपनी कल्पना के सहारे जैसा चाहे वैसा बना सकता है। उन पर लोग आपत्ति नहीं करते। वे जनता की दृष्टि में अप्रत्यक्ष हैं। चित्रकार उन्हें जिन रूपों में प्रस्तुत करता है लोग स्वीकार कर लेते हैं। वे उनमें कोई कमी नहीं निकालते। राजा को अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया। वह चित्रकला की बारीकी को समझ गया।
-सुभाष बुड़ावन वाला