शब्दों की महिमा को उजागर करते हुए प्रसिद्ध जर्मन दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे ने एक बार कहा था, ‘यदि मुझे कुछ चाहिए तो वह है कागज का एक पेज और उस पर लिखने के लिए कुछ सामान… और फिर मैं दुनिया को उल्टा घुमा सकता हूं।’ आशय यही है कि शब्दों की समृद्धि में ही जीवन की समृद्धि और दुनिया में परिवर्तन लाने का रहस्य छुपा होता है।
आॅस्ट्रिया के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट और साइकोएनालिसिस के संस्थापक सिग्मंड फ्रायड ने एक बार कहा था, ‘शब्दों में तिलिस्म की ताकत होती हैक वे या तो सबसे बड़ी खुशी ला सकते हैं या फिर सबसे घोर निराशा।’ आशय यह है कि शब्द साहित्य और संवाद की एक मूलभूत ईकाई के साथ-साथ लाइफ स्टाइल और लाइफ स्टेटस को काफी महती रूप से प्रभावित करता है।
अंग्रेजी भाषा के शब्दों के ज्ञान का महत्व भी इस सत्य से जरा भी अलग नहीं है। इनसे एक्सप्रेशन आसान और फ़्लूएंट बनता है। हम जितने अधिक शब्द जानते हैं हम उतनी तेजी से पढ़ पाते हैं, समझ पाते हैं, विचार कर पाते हैं और फिर और सफल हो पाते हैं। इतना ही नहीं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता भी इंग्लिश वकेब्युलरी पर निर्भर करती है। फिर एक अहम प्रश्न यह उठता है कि आखिर वकेब्यलरी को समृद्ध कैसे बनाया जाए?
नए शब्दों को सीखने के प्रति ललक
जीवन के किसी भी क्षेत्र में सक्सेस के लिए जिज्ञासा पहली शर्त है। शब्दों को सीखने के प्रति आपकी तत्परता, स्वाभाविक ललक और इच्छा ही आपके वर्ड पॉवर को समृद्ध कर सकती है। आप जब शिद्दत से शब्दों को सीखने की कोशिश करेंगे तो यह कार्य बहुत ही आसान बन जाएगा। इसीलिए शब्दों के प्रति खुद में जिज्ञासा उत्पन्न करना अनिवार्य है।
विभिन्न विषयों पर पुस्तकें पढ़ना जरूरी
शब्दों को जानने की दिशा में पुस्तकें पढ़ना आधी लड़ाई जीत लेने के बराबर होती है। पढ़ने से नए शब्दों को जानने और सीखने का मौका मिलता है और परिचित शब्दों पर हमारी पकड़ मजबूत होती है। कहते हैं कि यदि आप नहीं पढ़ते हैं तो आप उस व्यक्ति से कभी भी बेहतर नहीं हैं जो पढ़ना ही नहीं जानते हैं। लिहाजा नियमित रूप से पढ़ें और इसे अपनी आदत में शामिल कर लें। इस बात का भी ध्यान रखें कि हमें केवल अपनी रुचि और पसंद की पुस्तकें ही नहीं पढ़नी चाहिए। इससे शब्द भंडार सीमित रह जाता है। समृद्ध शब्द शक्ति के लिए न चाहते हुए भी विभिन्न विषयों पर पुस्तकों का अध्ययन करते रहना चाहिए।
जब भी कोई पुस्तक या न्यूजपेपर पढ़ें तो इन बातों का अवश्य ध्यान रखें-
- -कुछ भी पढ़ते समय अपने पास एक नोट बुक और पेन अवश्य रखें।
- – पढ़ते समय कठिन शब्दों को नजरंदाज नहीं करें। उन शब्दों को नोट बुक में लिख लें और बाद में किसी डिक्शनरी में उनके अर्थ अवश्य जानें।
- -किसी कठिन शब्द का अर्थ नहीं जानने पर निराश होने की जरूरत नहीं है। बल्कि यह सोचें कि पढ़ने की वजह से आपको नए शब्दों को सीखने का मौका मिला।
अच्छी क्वालिटी की डिक्शनरी अवश्य रखें
डिक्शनरी को शब्दों का व्याकरण कहा जाता है। यह शब्दों का अथाह सागर होता है जिसमें आप जितनी गहराई में जाएंगे उतनी मुट्ठी भर शब्दों की मोतियों के साथ बाहर आएंगे। इसीलिए आपके पास अच्छी क्वालिटी की डिक्शनरी जरूर होने चाहिए। कॉलिंस, लॉन्गमैन, आॅक्सफोर्ड, कैंब्रिज के शब्दकोश स्टैण्डर्ड क्वालिटी के माने जाते हैं जो दुनिया भर के लोगों के द्वारा प्रयुक्त होते हैं। इनमें आपके पास कोई एक डिक्शनरी अवश्य होनी चाहिए।
डिक्शनरी पढ़ना भी एक कला है
डिक्शनरी शब्दों का व्याकरण और संविधान होता है। यही कारण है कि हमें डिक्शनरी को भी सही ढंग से पढ़ने की कला आनी चाहिए। जब भी आप किसी कठिन शब्दों के अर्थ जानने के लिए डिक्शनरी कंसल्ट करते हैं तो निम्न बातों का भी अवश्य ध्यान रखें।
- -डिक्शनरी में एक शब्द के कई अर्थ होते हैं। इनमें सबसे आसान और प्रैक्टिकल अर्थ को ढूंढें और उसी को सीखिये। इससे ये शब्द आसानी से लंबे समय के लिए याद रहेंगे। डिक्शनरी में किसी विशेष शब्द से रिलेटेड निम्न जानकारियों को भी प्राप्त कीजिये-
- -समान अर्थ वाले शब्द (सिनानिम्स)
- -विपरीत अर्थ वाले शब्द (एंटनिम्स)
- -फ्रेइजल वर्ब्स
- -लोकोक्तियां
- -मुहावरे (इडियम्स)
- -विदेशी शब्द
- -शब्दों के उच्चारण, लिंग, वचन (सिंग्लुअर और प्लूरल), ओरिजिन
- -शब्द यदि क्रिया है तो उसके पास्ट टेंस और पास्ट पार्टिसिपल रूप
डायरी लिखने की आदत डालें
जर्मनी की प्रसिद्ध डायरी लेखिका ऐनी फ्रैंक की विश्व चर्चित डायरी ‘द डायरी आॅफ ए यंग गर्ल’ के बारे में कौन नहीं जानता है? साहित्य की सभी विधाओं में लेखन की विधा काफी कठिन मानी जाती है, क्योंकि भावों को अभिव्यक्त करने के लिए उपयुक्त शब्दों का ज्ञान अनिवार्य होता है। लेकिन डायरी राइटिंग से लिखने की कला का आसानी से विकास किया जा सकता है।
अपने जीवन की दिन भर के कार्यों को आप सोने के समय या किसी अन्य उपयुक्त समय में डायरी में दर्ज कर सकते हैं। इस प्रकार के लेखन के कार्य से शब्द हमारी मेमोरी में स्थायी रूप से अपनी जगह बना लेता है। आप डायरी लेखन में सीखे गए नए शब्दों का भी प्रयोग कर सकते हैं जिससे अंतत: आपके वर्ड पावर को बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है।
इन बातों को कभी भी नहीं भूलें-
- -प्रत्येक दिन कम-से-कम 5 नए शब्दों को सीखने की योजना बनाएं। वैसे यह कोई नियम नहीं है ,लेकिन नए शब्दों को सीखने की दिशा में इस तरह से टारगेट फिक्स करने से काम आसान हो जाता है।
- -कठिन शब्दों के संग्रह करने की आदत डालें और उन शब्दों को किसी नोट बुक में संग्रहित कर लें। नियमित रूप से इस नोट बुक के शब्दों को दुहराते रहने से वर्ड पॉवर बढ़ता जाता है।
- -उपयोग में आने वाले शब्दों को ही सीखें। डिक्शनरी शब्दों का सागर होता है। इसमें सभी शब्दों को सीखना न तो मुमकिन है और न ही यह प्रैक्टिकल है। वैसे शब्दों को ही सीखें और अपने नोट बुक में लिखें जो हमारे लिए रिफरेन्स के साथ डेली लाइफ में यूज हो सकते हैं।
न्यूजपेपर्स और मैगजीन्स में रेगुलरली क्रॉसवर्ड्स और पजल्स को सॉल्व करते रहें। इस तरह की प्रैक्टिस से शब्द सामर्थ्य को समृद्ध करने में काफी मदद मिलती है।
शब्दों में ज्ञान कैप्सूल के रूप में भरे होते हैं। शब्द महज भाषा और साहित्य के बेसिक यूनिट्स ही नहीं होते हैं, बल्कि उनमें विचार और दर्शन भरे होते हैं जो हमारे जीवन के ढंग और कल्चर को प्रभावित करते हैं।
शब्दों की महिमा को उजागर करते हुए प्रसिद्ध जर्मन दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे ने एक बार कहा था, ‘यदि मुझे कुछ चाहिए तो वह है कागज का एक पेज और उस पर लिखने के लिए कुछ सामान… और फिर मैं दुनिया को उल्टा घुमा सकता हूं।’ आशय यही है कि शब्दों की समृद्धि में ही जीवन की समृद्धि और दुनिया में परिवर्तन लाने का रहस्य छुपा होता है।
-एसपी शर्मा