Thursday, March 28, 2024
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सहारा हास्पिटल: विश्व के सबसे छोटे हृदय पंप इंम्पैला से बचाई मरीज की जान

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  • विशेषज्ञ डाक्टरों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पहली बार ‘इम्पेला’ का प्रयोग कर जटिल एंजियोप्लास्टी करने में मिली सफलता
  • मरीज के हृदय की तीनों कोरोनरी आर्टरी 90 प्रतिशत थीं बन्द

लखनऊ ब्यूरो |

लखनऊ: सहारा हास्पिटल में हृदय रोग से पीड़ित 73 वर्षीय महिला की इम्पेला का प्रयोग कर जटिल एंजियोप्लास्टी करके नया जीवन दिया गया है। इस महिला मरीज के हृदय की तीनों कोरोनरी आर्टरी 90 प्रतिशत बन्द हो चुकी थी एवं उसकी हार्ट की पम्पिंग क्षमता केवल 30 प्रतिशत रह गयी थी।

कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. गौतम स्वरूप ने इस चुनौतीपूर्ण एंजियोप्लास्टी में प्रयोग किये गये मैकेनिकल उपकरण इम्पेला के जरिए की गयी है। उत्तर प्रदेश के किसी भी अस्पताल में पहली बार इस विधि का प्रयोग किया
गया है।

मंगलवार को प्रेस वार्ता में सहारा हास्पिटल के सीनियर इन्टरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गौतम स्वरूप ने बताया कि 73 वर्षीय महिला कुशीनगर की रहने वाली है, जो पहले से ही डायबिटीज, ब्लड प्रेशर एवं किडनी की मरीज भी थी। उनको हृदय की दवाईयाँ लेने के बावजूद थोड़ा से भी चलने पर सीने में दर्द होने लगता और सांस फूलने लगती थी।

इसके लिए उन्होंने बहुत से चिकित्सकों से सम्पर्क किया तो परामर्श के बाद में पता चला कि उनकी हृदय की पम्पिंग भी कमजोर हो गयी है, जो सिर्फ 30 प्रतिशत रह गयी है। समस्या बढ़ने पर उन्होंने सहारा हास्पिटल के डॉ. गौतम स्वरूप से सम्पर्क किया तो उन्होंने एन्जियोग्राफी की सलाह दी।

एन्जियोग्राफी के उपरान्त डॉक्टर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इस तरह की नसों में बाईपास सर्जरी बेहतर विकल्प है लेकिन अधिक उम्र होने एवं कमजोर हृदय की वजह से मरीज ने बाईपास कराने से मना कर दिया। अब केवल एंजियोप्लास्टी से उपचार ही एकमात्र विकल्प था। इस प्रकार की एंजियोप्लास्टी में हृदय कमजोर होता है, बहुत ही जोखिमभरा होता है। इस प्रकार कमजोर हृदय वालों के लिए एंजियोप्लास्टी बहुत खतरनाक साबित हो सकती है।

चिकित्सा विज्ञान की नयी तकनीकी उपकरण को इम्पेला हार्ट पम्प कहते हैं उसे लगाकर सफल एंजियोप्लास्टी की गयी।

उन्होंने बताया कि इम्पेला एक प्रकार का वाह्य हृदय पम्प है जो कि दुनिया का सबसे छोटा हृदय पम्प है। एन्जियोप्लास्टी से पहले इसको हृदय के एमएआई पम्पिंग चैम्बर जिसको लेफ्ट वेंट्रिकल कहते हैं, उसको इसमें इम्प्लांट कर दिया जाता है, जिससे यह हृदय की पम्प करने की क्षमता को ढाई से पाँच लीटर तक बढ़ा देता है जिससे एन्जियोप्लास्टी के दौरान हृदय को मजबूती मिल जाती है और जटिल एंजियोप्लास्टी भी आसानी से हो जाती है। सफल प्रक्रिया के बाद इसको बाहर निकाल लेते हैं।

इम्पेला हार्ट पम्प ऐसे मरीजों के लिए वरदान है, जिसका हृदय अचानक आने वाले हार्ट अटैक से कमजोर हो जाता है एवं हृदय के कम खून फेकने से लोगों की मृत्यु तक हो जाती हैं, जिसको कार्डियोजनिक शॉक कहते हैं। इम्पेला हार्ट पम्प ऐसे मरीजों की पम्पिंग क्षमता बढ़ाकर हृदय को रिकवर करने और सुरक्षित एंजियोप्लास्टी करने में मदद करता है।

डॉ. स्वरूप ने बताया कि उक्त महिला की कोरोनरी धमनी बहुत ही सख्त थी उससे कैल्शियम जमा होने से उसमें रोटेशनल एथरैक्टॉमी करके इन्ट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी की गयी। कैल्शियम टूटने के बाद उसमें स्टंट डाला गया। इस प्रकार एक से डेढ़ घण्टे में यह ऐतिहासिक एंजियोप्लास्टी पूरी की गयी।

सहारा इण्डिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार श्री अनिल विक्रम सिंह जी ने बताया कि हमारे माननीय अभिभावक सहाराश्री ने लखनऊ को विश्वस्तरीय सहारा हास्पिटल प्रदान किया, जहाँ गुणवत्तापूर्ण उच्च कोटि की सेवाएं उचित मूल्य पर उपलब्ध करायी जा रही है। श्री सिंह ने बताया कि मरीजों को जटिल समस्याओं के लिए अब मुम्बई या दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं है। सहारा हास्पिटल की दक्ष टीम कुशलतापूर्वक निरन्तर मरीजों को इलाज उपलब्ध करा रही है।

सहारा हास्पिटल का कार्डियोलॉजी विभाग नवीनतम उपकरणों से लैस है। यहाँ निरन्तर नई तकनीकी का इस्तेमाल करके मरीजों को लाभान्वित किया जा रहा है। इम्पेला विधि से इस तरह की जटिल चुनौतीपूर्ण एन्जियोप्लास्टी इसी कड़ी में एक सफल कदम है। इस मौके पर हास्पिटल के डायरेक्टर मेडिकल हेल्थ डा. मजहर हुसैन, सीनियर इन्टरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डा. वी के तिवारी, डा. इमरान हनफी, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन डा. विशाल श्रीवास्तव और हास्पिटल प्रशासक सुब्रतो चटर्जी भी उपस्थित थे।

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