जनवाणी ब्यूरो |
रुड़की: आर्य समाज रामनगर रुड़की के 47 वां वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन का पहला सत्र यज्ञ के साथ शुरू हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा प्रोफेसर विनय विद्यालंकार डीन शिक्षा संकाय गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार रहे। यज्ञ के यजमान हरफूल सिंह राठी और उनकी पत्नी रहे साथ में गिरवर सिंह चौहान, डॉक्टर महिपाल सिंह भी रहे। प्रोफेसर विनय विद्यालंकार ने बताया कि यज्ञ एक ऐसा माध्यम है जो ऋषियों के द्वारा बताया गया।
ईश्वर का ऐसा मुख है। जिसमें हम जो भी डालते हैं । वह ईश्वर ग्रहण करता है। यज्ञ में हम जो भी आहुति अर्पित करते हैं। वह श्रद्धा के साथ देवताओं का आह्वान करते हैं। हमको इसका लाभ पहुंचाता है । यज्ञ के पश्चात वैदिक भजन पंडित मुकेश शास्त्री द्वारा किये गये । तत्पश्चात आचार्य द्वारा आर्य समाज में आने या ना आने के क्या फायदे हो सकते हैं। इसके बारे में बताया गया । कहा कि आर्य शब्द जातिवाचक नहीं है।
आर्य शब्द गुणवाचक है। आचार्य द्वारा बताया गया कि आज के समाज में जिस प्रकार से पारिवारिक कलह और पारिवारिक मुकदमों की संख्या देश में बढ़ रही है। उसका सबसे बड़ा कारण है शिक्षा का पर्याप्त रूप में ना मिल पाना। गुरुकुल में दी जाने वाली शिक्षा में जो भी स्नातक होते थे।
उनको ग्रहस्त जीवन में कैसे रह जाता है। इसकी भी शिक्षा दी जाती है। इसलिए गुरुकुल से स्नातक किए हुए छात्र-छात्राओं का जीवन कभी भी पारिवारिक कलह से ग्रसित नहीं हो सकता। जो मनुष्य मात्री मान पित्र मान आचार्य मान होता है । वह कभी भी दुखी नहीं रह सकता।
कार्यक्रम में प्रधान डॉ दिनेद्र सिंह, हरफूल सिंह राठी, सौ सिंह सैनी, विजय सिंह वर्मा ,मनोज कुमार शर्मा, करण सिंह काम्बोज, इतिहासकार रामपाल सिंह आर्य, हरपाल सिंह सैनी, शंभूनाथ, डॉक्टर अनिल वर्मा, हरिमोहन गुप्ता, उषा आर्या, सोनिया, विनोद कुमार, रामेश्वर प्रसाद सैनी , वैद्य टेक बल्लभ, कुंवर कुलदीप, जवाहरलाल आर्य, अनीता जी, प्रीतम सिंह आर्य, आनंद राणा, नीरज सैनी , संदीप यादव एडवोकेट मंत्री आर्य समाज रामनगर रुड़की आदि लोग शामिल रहे।
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