Sunday, June 15, 2025
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आग हादसे ने छीन ली परिवार की खुशियां

  • मेडिकल पहुंचे डीएम दीपक मीणा और अन्य अधिकारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पल्लवपुरम के जनता क्वार्टरों में हुए आग हादसे में झुलसे चार मासूमों की मौत से सभी सकते में हैं। चार मासूमों की मौत की खबर मिलने पर रविवार की दोपहर को डीएम दीपक मीणा मेडिकल के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि जो भी मदद हो सकेगी करायी जाएगी। वहीं, दूसरी ओर मेडिकल के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि बच्चे बेहद नाजुक स्थिति में लाए गए थे, जो बेहतर से बेहतर उपचार दिया जा सकता था वह दिया गया, लेकिन हालत बेहद गंभीर थी, तमाम प्रयासों के बाद भी मासूमों को बचाया नहीं जा सका। इस हादसे ने जनता क्वार्टर इलाके की होली की खुशियों को बैरंग कर दिया। आसपास के तमाम परिवार इस हादसे से सकते में हैं।

इनकी हुई मौत
मेडिकल प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि उपचार के दौरान जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें निहारिका (8) और गोलू (6) की मौत शनिवार देर रात ही उपचार के दौरान हो गयी थी और बड़ी बेटी सारिका (10) छोटा बेटा कल्लू (5) ने उपचार दौरान रविवार सुबह मेडिकल में दम तोड़ दिया। मौत की सूचना मेडिकल प्रशासन ने थाना मेडिकल पुलिस को दी गयी। प्रधानाचार्य डा. गुप्ता ने बताया कि क्योंकि मौत का कारण आग हादसा था, इसलिए प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए पुलिस को सूचना दिया जाना जरूरी था। बाकी का निर्णय पुलिस पर छोड़ दिया जाता है।

वहीं, दूसरी ओर चारों शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। मेडिकल अस्पताल में जमा हादसे के शिकार परिवार के परिजन नहीं चाहते थे कि पोस्टमार्टम कराया जाए, लेकिन जिला प्रशासन व पुलिस का आग्रह था कि पोस्टमार्टम कराया जाए। पोस्टमार्टम हाउस पर दयाचंद व मांगे राम नाम के शख्स ने इसको लेकर मेडिकल के डाक्टरों से कहा था कि वो नहीं चाहते कि बच्चों के शवों की पोस्टमार्टम के नाम पर दुर्गती की जाए। पहले ही शरीर बुरी तरह से झुलस गया है, लेकिन पुलिस वालों के समझाने के बाद वह मान गए।

सफदरजंग में भर्ती थी बबीता
पल्लवपुरम के पावली खास जनता क्वार्टर कालानी में रहने वाले परिवार में हुए आग हादसे में सबसे ज्यादा गंभीर रूप से जॉनी की पत्नी बबीता झुलसी थी। उसको पहले मेडिकल में भर्ती कराया गया। उसकी स्थिति इतनी ज्यादा नाजुक थी कि उन्हें दिल्ली के सफदरजंग के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया। मेडिकल के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने जानकारी दी कि वह 70 फीसदी से ज्यादा जली हुई है।

कॉलोनीवासी नहीं मना रहे होली
लोगों ने बताया कि हादसे में 4 की मौत के बाद अब कोई भी परिवार कालोनी में होली का पर्व नहीं मना रहा है। लोगों के घरों में मामत छाया हुआ है। दरअसल, बबीता और उसके बच्चे बेहद मिलनसार थे। सभी का उनके यहां आना जाना था। इसी वजह से पूरी कालोनी इस परिवार के दर्द को अपना दर्द मान रही है।

पहले पति की बीमारी से हो गई थी मौत, सौतेला पिता है जॉनी
आग हादसे में मारे गए चारों बच्चों जॉनी सौतेला पिता है। दरअसल, बबीता के पहले पति मिंटू की दो साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गयी थी। मिंटू की मौत के बाद बच्चों के भविष्य व परवरिश की चिंता को देखते हुए बबीता व मिंटू के परिजनों ने ही तय किया कि मिंटू के चचेरे भाई जॉनी को बबीता व उसके बच्चों की जिम्मेदारी दे दी जाए। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे रिश्तेदारों ने बताया कि मिंटू की मौत के बाद वह जानसठ के सिखेड़ा गांव से बच्चों को लेकर मेरठ आ गया था, लेकिन बदनसीबी ने बबीता का पीछा यहां भी नहीं छोड़ा। पहले पति की मौत को खुद वह भूल भी नहीं पायी थी कि आग हादसे में चारों बच्चे भी खत्म हो गए।

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