- गंगा दशहरे पर स्नान के दौरान हुआ हादसा
- गोतोखोरों ने गंगा से छह घंटे बाद दोनों के शव किए बरामद
जनवाणी संवाददाता |
परीक्षितगढ़: जेठ के दशहरे के मौके पर खरखाली गांधी घाट पर आयोजित मेले में प्रशासनिक बदइंतजामी ने दो चचेरे भाइयों की जान ले ली। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने यदि गोताखोर तैनात किए होते तो शायद चचेरे भाइयों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता था। बदइंतजामी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हादसे की सूचना की सूचना दिए जाने के बावजूद अफसरों को मौके पर पहुंचने में चार घंटे का वक्त लगा। स्थानीय गोताखोरों की मदद से छह घंटे बाद दोनों के शब बरामद हुए।
गांव खरखाली गांधी गंगा घाट पर दशहरे का मेला प्रतिवर्ष लगता है। रविवार को अमरसिंहपुर निवासी मोनू उर्फ मोंटी (18) पुत्र राजू व मनीष (17) पुत्र अशोक दोनों चचेरे भाई है, स्नान के लिए आए हुए थे। उनके साथ ही गांव के ही सनी पुत्र मदन, शिव पुत्र जीत स्नान कर रहे थे। चारों युवक स्नान करते हुए पानी के तेज बहाव के चलते गहरे पानी में पहुंचे गए और डूबने लगे। उन्होंने मदद को शोर मचाया। आवाज सुनकर कुछ लोग गंगा में कूद गए डूब रहे सनी व शिव को बचा लिया, लेकिन मोनू उर्फ मोंटी व मनीष गंगा में समा गए।
हादसे की सूचना पर सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला, मवाना नायब तहसीलदार अंकित तोमर, थाना प्रभारी विजय बहादुर मयफोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। स्थानीय गोतोखोरों की मदद से मोनू उर्फ मोंटी के शव को करीब 11 बजे तथा मनीष के शव को करीब एक बजे 200 मीटर दूरी से दोनों के शव को बरामद कर पंचनामा भरकर मोर्चरी भेज दिया। युवकों की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
घाट पर नहीं थे सुरक्षा के इंतजाम
राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन जिला प्रभारी अजय सागर ने बताया कि शासन-प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा का कोई खास इंतजाम नहीं किया। मेले में महिलाओं के स्नान के लिए अलग से कोई व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, पानी की व्यवस्था नहीं थी तथा पीएसी गोतोखोर तैनात होने चाहिए थे, लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण दो युवकों की गंगा में डूबने से मौत हो गई। शासन-प्रशासन से दोनों पीड़ित परिवार को 10-10 लाख रुपये की मुआवजे की मांग की है।
अधिकारी करीब चार घंटे बाद पहुंचे
ग्राम प्रधान अजय सागर ने फोन द्वारा एसडीएम अंकित कुमार को सूचना दी, लेकिन हादसे के चार घंटे बाद सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला व मवाना नायब तहसीलदार अंकित तोमर मौके पर पहुंचे।
दोनों परिवारों पर टूटा गमों का पहाड़
मोनू उर्फ मोंटी अविवाहित था तथा वह चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर का था। उसकी मौत से पिता राजू, मां ऊषा, भाई सौरभ, बहन ऋतु, मीनाक्षी का रो-रोकर बुरा हाल था। मनीष गांधी स्मारक देव नागरी इंटर कॉलेज में कक्षा 11वीं का छात्र था। वह तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उसकी मौत से पिता अशोक, मां संगीता, भाई केशव, दक्ष के अलावा अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है।
दहेजलोभियों ने विवाहिता से की मारपीट, मौत
सरधना: क्षेत्र के अकलपुरा गांव में ससुराल वालों ने विवाहिता को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद विवाहिता को उसके गांव में सड़क पर डालकर फरार हो गए। परिजनों ने विवाहिता को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान विवाहिता की मौत हो गई। विवाहिता की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। रविवार को पीड़ित परिजनों ने कोतवाली पर आरोपी ससुराल वालों के खिलाफ तहरीर देते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
भावनपुर थाना क्षेत्र के पंचगांव पट्टी सावल गांवड़ी गांव निवासी तन्नू पुत्री बबलू की शादी जून 2023 में सरधना के अकलपुरा गांव निवासी युवक के साथ हुई थी। युवती के परिजनों ने शादी में काफी दान दहेज दिया था। आरोप है कि कुछ दिन से ससुराल वाले दहेज के रूप में पांच लाख रुपये व बाइक की मांग कर रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर बीती 11 जून को ससुराल वालों ने विवाहिता को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद ससुराल वाले विवाहिता को उसके गांव में सड़क पर डालकर फरार हो गए थे।
मायके वालों ने विवाहिता को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उपचार के दौरान 14 जून को विवाहिता की मौत हो गई। रविवार को मायके वालों ने कोतवाली पहुंच कर ससुराल वालों के खिलाफ तहरीर देते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने उन्हें जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इस संबंध में एसएसआई कविश मलिक का कहना है कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।