Sunday, July 7, 2024
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सोए रहे अफसर, बन गया पांच मंजिला अवैध होटल

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  • सेटेलाइट और ड्रोन से अवैध निर्माणों पर निगरानी का दावा हुआ हवा हवाई, नहीं पड़ रही किसी की नजर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेडा की उदासीनता के चलते भू-माफियाओं के हौसले पूरी तरह बुलंद हैं। कहीं कोई कुछ भी बना ले, रोकटोक है ही नहीं। शायद यही कारण है कि प्राधिकरण के जोन सी टू में कुछ लोगों ने पूरी तरह से अवैध पांच मंजिला होटल बना डाला। ऐसा नहीं कि होटल रातों रात बन गया। अरसे से इसका काम चल रहा है। रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजाले में सब काम हो रहा है। पर प्राधिकरण के अफसरों को कुछ नहीं दिख रहा।

अफसर दावा करते रहे हैं कि ड्रोन व सेटेलाइट से अवैध निर्माणों पर नजर रखी जाएगी। ज्यादा वक्त नहीं बीता, जब मेडा के तमाम जोन में अधिकारियों ने ड्रोन उड़वाए थे। उसके बाद सेटेलाइट से नजर रखने का दावा किया गया था। सेटेलाइट से तो एनएच-58 पर तैयार हो रहा पांच मंजिला अवैध होटल भी नजर आया होगा? तमाम ऐसे निर्माण प्रकाश में आने के बाद अभी तक कार्रवाई सिफर है।

हैरानी इस बात भी है कि जो होटल बनाया जा रहा है, वो केवल अवैध ही नहीं है बल्कि खामियों का पुलिंदा भी है। इस प्रकार के निर्माण में जिस प्रकार की तकनीकी चीजें जरूरी मानी जाती हैं, उन सभी की अनदेखी की गयी है। जिसके चलते यदि होटल ध्वस्त होने से कभी कोई बड़ा हादसा हो जाए तो हैरान होने की बात नहीं। इतनी ऊंचाई का होटल बनाने के लिए विशेष तकनीक इस्तेमाल होती है,

लेकिन इसे तो बिना पुख्ता कालम वगैर ही लोहे के पिलर्स पर खड़ा कर दिया गया। बगैर किसी स्ट्रेक्चरल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किए एमएस स्टील यानी माइल्ड स्टील के कालम का जुगाड़ लगाकर खड़ा किया गया है। इन दिनों इस होटल कीबाहरी दीवारों पर रंगाई-पुताई का काम चल रहा है, ताकि यदि मेडा के किसी अफसर की नींद टूट जाए और वह सुध ले ले तो साबित किया जा सके कि यह पुराना निर्माण है।

सीएम योगी की हिदायत को मेडा अफसरों की ना

सूबे के सीएम योगी ने सख्त लहजे में हिदायत दी है कि सीयूजी नंबर पर जो भी कॉल आए उसको रिसीव किया जाए, यदि अफसर व्यस्त हैं तो पहली फुर्सत में सीयूजी नंबर पर आने वाली कॉल का रिप्लाई दिया जाए, लेकिन लगता है कि मेडा अफसरों के लिए सीएम योगी की हिदायत कोई मायने नहीं रखती। मामले में जानकारी को जब मेडा के सचिव आनंद सिंह, जोनल अधिकारी अर्पित यादव और जेई पवन शर्मा से संपर्क का प्रयास किया तो कई बार कॉल किए जाने के बाद भी कॉल रिसीव नहीं की गयी। वीसी का नंबर आॅउट आॅफ रेंज जाता रहा।

खेती की जमीन पर होटल

जहां यह पांच मंजिला होटल बनाया गया है, वहां कुछ समय पहले खेत थे। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां सब्जियां उगायी जाती थीं, लेकिन होटल बनाने वालों ने सब कुछ उजाड़ दिया और जमीन को कब्जा लिया। नियमानुसार जब भी इस प्रकार की जमीन पर व्यवसायिक गतिविधियां की जाती हैं तो उसका भू-उपयोग तहसील से तब्दील कराया जाता है, लेकिन आसपास के लोगों की मानें तो जहां जिन्होंने यह अवैध होटल बनाया है, उसका भू-उपयोग तक नहीं बदलवाया गया। फायर एनओसी तथा अन्य विभागों की भी एनओसी लेने की जरूरत भी नहीं समझी गयी। और तो और मेडा से नक्शा पास तक नहीं हुआ।

अवैध खनन से हो रही भराई

लोगों ने बताया कि अवैध होटल बनाने वालों ने खेत में लोहे का स्ट्रक्चर खड़ा करने से पहले कई दिन तक खेतों की मिट्टी से यहां भराव कराया। जो मिट्टी मंगाई गयी थी, वह भी अवैध खनन कराकर लायी गई। लोगों की मानें तो रात के अंधेरे में यहां दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगाकर भराव कराया जाता रहा। जहां यह होटल बनाया गया है वो एनएच-58 का जटौली हाइवे है। इस तरह से अवैध खनन की मिट्टी लगातार आने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

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