Saturday, September 21, 2024
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हाल बेहाल: सीएम के निर्देशों पर भी अफसर लापरवाह

  • कमिश्नर ने जनशिकायतों के निस्तारण की प्रगति पर नाराजगी जाहिर की
  • दंडित किए जाएंगे फर्जी निस्तारण करने वाले आलाधिकारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आईजीआरएस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लिये की जा रही शिकायतों को अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। शिकायतों को या तो निस्तारण नहीं किया जा रहा है या फिर उनको फर्जी तरीके से निपटाया जा रहा है। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मेरठ मंडल के सभी अधिकारियों को साफतौर कहा किअगर शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही की गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मेरठ में डिफाल्टर की संख्या अधिक होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए नोडल अधिकारी/एडीएम प्रशासन को सचेत किया गया। मेरठ में आइजीआरएस के 300 डिफाल्टर लंबित हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय के आठ डिफाल्टर, पीजी पोर्टल के 33 डिफाल्टर और मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता के लिए प्राप्त कुल 127 आवेदन डिफाल्टर श्रेणी में पाए गए। जिस पर गहरी नाराजगी जताई गई गई।

इसके अतिरिक्त मंडलायुक्त जनसुनवाई के 38 प्रकरण डीएम के स्तर पर लंबित पाए गए, जिनमें 19 डिफाल्टर हैं। समीक्षा के दौरान मंडल में जनपद मेरठ एवं बुलंदशहर की स्थिति असंतोषजनक पाई गई। निर्देश दिए गए कि अगले तीन-चार दिनों में सभी डिफाल्टर संदर्भ का निस्तारण सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त संदर्भों में भी जनपद मेरठ का निस्तारण संतोषजनक नहीं पाया गया। एल-1 स्तर पर 82 डिफाल्टर, छ-2 स्तर पर आठ डिफाल्टर तथा तीन डिफाल्टर जनपद मेरठ में लंबित है। अन्य जनपदों की स्थिति अपेक्षाकृत संतोषजनक पाई गई।

प्रत्येक 15 दिन पर मंडलायुक्त के द्वारा समीक्षा की जाएगी और आगामी बैठक में डिफाल्टर संदर्भ पाए जाने पर संबंधित को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। विगत माह प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में जनपद मेरठ को 44वां स्थान प्राप्त हुआ, जिसमें सुधार लाने के निर्देश दिए गए।

जनपद गाजियाबाद एवं बागपत को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान, जनपद बुलंदशहर को 34वां स्थान, जनपद गौतमबुद्धनगर एवं हापुड़ को संयुक्त रूप से 62वां स्थान मिला, जिसको लेकर नाराजगी जाहिर की गई। यह भी निर्देश दिए कि जिन गरीब व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं और गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उनको मुख्यमंत्री से आर्थिक मदद हेतु आवेदन प्रेषित कराए जाएं तथा इन आवेदनों के सापेक्ष तत्परतापूर्वक जांच कर रिपोर्ट भेजी जाए।

जनसमस्याओं के प्रति पूरी गंभीरता बरतें और उनका समय अंतर्गत गुणवत्तापरक ढंग से निस्तारण कराएं। इसमें शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों एवं विभागों को चिह्नित करते हुए अवगत कराएं। बैठक का संचालन अपर आयुक्त श्रीमती मेधा रूपम द्वारा किया गया।

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