- शुरू होंगे शुभ कार्य, 14 जनवरी की रात से शुरु होगा पुण्यकाल 15 दिसंबर की सुबह तक रहेगा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इस समय दक्षिणायण चल रहे सूर्य 15 जनवरी को उत्तरायण होंगे। इसके साथ ही विवाह जैसे शुभ कार्य भी शुरु हो जाएंगे। इस बार संक्रांति का आगमन 14 जनवरी की रात 3 बजकर 11 मिनट पर होगा जिसका पुण्यकाल 15 जनवरी को सूर्योदय से सुबह 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। सकारात्मक प्रभाव के कारण व्यापारी वर्ग को इससे लाभ होगा। वराह वाहन होने से सूर्य की किरणे तेज होती हैं।
यज्ञ, धर्म, धार्मिक उत्सव आदि अधिक होते हैं। ज्योतिषाचार्य अमित गुप्ता के अनुसार हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति से सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान व उसके पश्चात दान किया जाता है।
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद गरीब और जरुरतमंद को काले तिल का दान करने से शनि दोष दूर होता है। संक्रांति पर पुण्य काल के समय पवित्र नदियों में डुबकी लगाने की मान्यता है। इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 15 जनवरी को स्नान-दान करना, दान, जप, तुलादान, गौदान, स्वर्णदान, पौधारोपण करना शुभ होगा।
इस दिन रहेगा सुकर्म योग
इस वर्ष मकर संक्रांति हस्त एवं चित्रा नक्षत्र अतिगंड योग, कौलव करण, वृश्चिक लग्न और तुला राशि पर संक्रमण करेगी। संक्रांति के दिन सुकर्म योग है। चित्रा नक्षत्र पर मकर संक्रांति होने से क्षत्रिय एवं व्यापारी वर्ग को सुखद एवं लाभकारी रहेगा। नक्षत्र संकेत दे रहे हैं कि अनाज के मूल्यों में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं रहेगा साथ ही साथ राजनीतिक हलचल बढ़ेगी।
उत्तरायण होता है देवताओं का दिन
सूर्य भगवान छह महीने उत्तरायण और छह महीने दक्षिणायण होते हैं। उत्तरायण देवताओं का दिन होता है और राक्षसों की रात होती है। दक्षिणायण काल में देवताओं की रात्रि और राक्षसों का दिन होता है। दक्षिणायन में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। सूर्य जब उत्तरायण की स्थिति में आता है अर्थात मकर राशि में प्रवेश करता है, उसके बाद ही शुभ कार्य संपन्न करने चाहिए।
खरमास होगा समाप्त
मकर संक्रांति के साथ ही खरमास भी समाप्त हो जाएगा, जो पिछले माह सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश के साथ प्रारंभ हुआ था। खरमास में विवाह, मुंडन संस्कार, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ काम वर्जित होते है।