Tuesday, March 19, 2024
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बदरीनाथ और यमुनोत्री के तापमान में आई गिरावट

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे में भी भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना जताई है। राजधानी देहरादून में सोमवार को भी बारिश जारी है।

राज्य के सभी इलाकों में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। मसूरी में रविवार से रुक-रुककर बारिश हो रही है। बारिश के साथ यहां घना कोहरा छाया है। तापमान में भी काफी गिरावट आ गई है।

बदरीनाथ और यमुनोत्री में बर्फबारी

बदरीनाथ और यमुनोत्री धाम में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई है। यमुनोत्री हाईवे पर कई जगह मलबा आने से मार्ग बाधित है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में आठ जगह मलबा आने से बंद पड़ा हुआ है। बारिश जारी है।

नईटिहरी, श्रीनगर, बड़कोट, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टनकपुर, लोहाघाट, नैनीताल, पिथौरागढ़ सहित अधिकतर पहाड़ी और मैदानी इलाकों में रविवार से बारिश का दौर जारी है।

यात्रा पड़ावाें पर रोके गए हैं यात्री

वहीं चारों धामों में बेहद कम संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए चारधाम यात्रा पर पहुंचे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने को कहा गया है। हालांकि यात्रा पर रोक नहीं लगाई गई है।

जिला प्रशासन के अधिकारियों को यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने के निर्देश दिए गए हैं। जानकीचट्टी पुलिस चौकी इंचार्ज गंभीर तोमर ने बताया कि यहां पर यमुनोत्री धाम जाने वाले करीब तीन सौ यात्री रुके हैं।

यमुनोत्रीधाम में रविवार दोपहर से हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। यमुनोत्रीधाम से लगी चोटियों पर कल से बर्फबारी हो रही है। यहां ठंड का प्रकोप बढ़ गया है।

यमुनोत्रीधाम के पुजारी आशुतोष उनियाल ने बताया कि लगातार बारिश से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। धाम से लगे कालिंदी पर्वत, बंदरपूंछ, सप्त ऋषिकुंड, गरुड़ गंगा की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो रही है।

टनकपुर-पिथौरागढ़ और  टनकपुर-चंपावत मार्ग बंद

कुमाऊं में टनकपुर-चंपावत मार्ग बंद हो गया है। पूर्णागिरि मार्ग पर किरोड़ा नाला उफान पर आ गया है। वहीं, टनकपुर में बारिश से फसल को भी नुकसान हुआ है। रामनगर का धनगढ़ी नाला उफान पर आ गया है। जिससे यहां जाम लग गया है।

बर्फबारी की संभावना

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों से आ रही ठंडी हवाओं ने उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बिगाड़ दिया है। राज्य के पर्वतीय इलाकों में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में जहां बर्फबारी की संभावना है, वहीं आकाशीय बिजली गिरने, ओलावृष्टि के साथ ही 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के आसार हैं।

मौसम विज्ञानियों की चेतावनी के मद्देनजर सरकार, शासन और प्रशासन के अधिकारी अलर्ट पर हैं। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव समेत तमाम आला अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा से निपटने को लेकर उठाए कदमों की समीक्षा की है।

सरकार शासन की ओर से घोषित तौर पर चार धाम यात्रा पर रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन एहतियात के तौर पर मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे दो दिनों तक चार धाम यात्रा पर जाने से बचें।

भारी से बहुत भारी भारी बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और दक्षिण पूर्वी क्षेत्र से आ रही ठंडी हवाओं के गठजोड़ की वजह से अचानक मौसम का बदलाव आया है।

अगले 24 घंटे में भी राजधानी दून समेत उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, टिहरी व पौड़ी समेत सभी जिलों में भारी से बहुत भारी भारी बारिश के आसार है। इन जिलों के कुछ इलाकों में कहीं-कहीं अत्यंत भारी बारिश देखने को मिलेगी।

ऑरेंज अलर्ट जारी

हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर कहीं-कहीं बहुत अधिक भारी बारिश होगी। भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इतना ही नहीं राज्य के पर्वतीय इलाकों में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई इलाकों में बर्फबारी की भी संभावना है।

गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने सभी जिलाधिकारियों को चारधाम यात्रा को देखते हुए बरतने के लिए निर्देशित किया है।

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