Thursday, March 28, 2024
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भैंसाली बस स्टैंड: सिर्फ कागजों पर थर्मल स्क्रीनिंग

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  • निगम की ओर से यात्रियों की नहीं थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा, नाम के लिए है सैनिटाइजेशन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: संक्रमण काल में सरकार द्वारा आए दिन गाइडलाइंस जारी की जा रही हैं। वहीं, आम लोगों के लिए सख्ती भी बढ़ा दी गई है, लेकिन परिवहन निगम गाइडलाइंस का पालन करवाने में खुद ही विफल नजर आ रहा है। रोडवेज पर सुविधाओं के अभाव के कारण रोजाना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

शहर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में बीच शहर तो पुलिस द्वारा भी चेकिंग अभियान चलाकर मास्क न पहने वालों पर चालान ठोके जा रहे हैं, लेकिन रोडवेज पर रोजाना गाइडलाइंस की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही हैं, जिस पर किसी भी अधिकारी की नींद अभी तक नहीं टूटी है।

सरकार द्वारा परिवहन निगम को यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के दिशा निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं, लेकिन भैंसाली बस अड्डे और सोहराब गेट बस अड्डे दोनों पर ही ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है। भैंसाली बस अड्डे पर सबसे ज्यादा यात्रियों का हुजूम उमड़ा रहता है।

रोजाना बसों से हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं, लेकिन निगम द्वारा न तो सैनिटाइजेशन होता दिखाई देता है और न ही थर्मल स्क्रीनिंग होती नजर आती है। यात्री अपनी मनमर्जी से भीड़ लगाकर बस स्टैंड पर खड़े रहते हैं और मास्क का भी इस्तेमाल न के बराबर ही दिखाई देता है।

खुद रोडवेज कर्मी ही तोड़ते हैं गाइडलाइंस के नियम

सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के नियम खुद रोडवेज कर्मी ही तोड़ते नजर आते हैं। रोडवेज के चालक-परिचालक भी बिना मास्क के बसों को दौड़ाते हैं। साथ ही बस अड्डे पर थूकते भी नजर आते हैं। जबकि संक्रमण काल में सार्वजनिक स्थलों पर थूकना जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में रोडवेज जैसा भीड़ वाला इलाका और भी खतरनाक बन सकता है।

थर्मल स्क्रीनिंग कराने के लिए भी कर्मियों की कमी

रोडवेज पर थर्मल स्क्रीनिंग कराने के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन विभाग के कर्मी स्क्रीनिंग करते दिखाई नहीं देते। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि बस अड्डे पर यात्रियों की संख्या बेहद अधिक होती है, जिस कारण सभी स्क्रीनिंग कराना संभव नहीं है।

यानि रोडवेज के पास स्क्रीनिंग कराने तक के लिए विभाग कर्मियों की कमी हो रही हैं।वहीं, इस संबंध में एआरएम राकेश कुमार का कहना है कि परिवहन निगम द्वारा कर्मियों को थर्मल स्क्रीनिंग के लिए लगाया गया है, लेकिन यात्रियों की बढ़ती संख्या के चलते सभी की स्क्रीनिंग नहीं हो पाती है।

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