- मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम को भेजा शव कराई वीडियोग्राफी
- पीड़ित पिता ने पति सहित तीन के खिलाफ एफआईआर
जनवाणी संवाददाता |
रोहटा: मां-बेटी कांड में डीएम के आदेश के बाद सोमवार की देर शाम मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जानी थाना क्षेत्र के गांव किठोली में रोहटा व जानी पुलिस की मौजूदगी में श्मशान घाट से बच्ची का शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। गंगनहर में मिली दो वर्षीय भव्या पुत्री आशीष व उसकी मां ज्योति की मौत के मामले में ज्योति के पिता इकबाल सिंह की एफआईआर के बाद पुलिस ने इस मामले में डीएम दीपक मीणा से अनुमति लेकर श्मशान में दबाए गए मासूम भव्या के शव को सोमवार की देर शाम मजिस्ट्रेट राधेश्याम गौड़ की मौजूदगी में भारी पुलिस बल के साथ निकाला गया।
जिसके बाद पंचनामा भरकर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इससे पूर्व पूरे मामले की सख्त सुरक्षा पहरे के बीच वीडियोग्राफी भी कराई गई। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही भव्या की मौत का सच सामने आ पाएगा। गौरतलब है कि मासूम के पिता आशीष इसको हादसा बता रहा था। जबकि मां ज्योति के शरीर पर भी चोटों के निशान मिले थे और उसका भी पोस्टमार्टम कराया गया था। इसमें साफ हत्या का इशारा किया गया था। जिसके बाद ही अब इस मामले में हत्या के बाद पूरा मामला बदल गया है।
गौरतलब है कि जानी थाने के गांव किठोली निवासी आशीष पुत्र धन सिंह पत्नी ज्योति और दो साल की बेटी भव्या को लेकर पूठ खास गंगनहर पुल पर पहुंचा था। जहां उसने पुलिस को बताया था कि बेटे के लिए ओझा के अनुसार पत्नी और बेटी पूजा करने के लिए गंगनहर के पास जा रही थी। पैर फिसल कर गंगनहर में बह गई। इसे लेकर पुलिस ने विश्वास करते हुए पीएसी के गोताखोरों की मदद से बेटी भव्या का शव तो कुछ मीटर दूर भोला झाल से बरामद कर लिया था, लेकिन उसके आठ घंटे बाद ज्योति का शव बागपत के बालेनी थाने के पास हिंडन नदी में नग्नावस्था में बहता हुआ मिला था।
इसके बाद से पूरा मामला पेचीदा हो गया था और आशीष की पूरी कहानी पर पुलिस को शक लग रहा। इसके बाद ज्योति का शरीर पर नीले चोट के निशान और आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हुई मौत से आशीष की पूरी कहानी उलट कर रह गई थी। पुलिस के पास तहरीर नहीं आई थी। ज्योति के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया था। जबकि बेटी भव्या को श्मशान में दफनाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और ज्योति के सिर पर चोट के निशान पर कहानी हत्या की ओर साफ इशारा कर रही थी। इसी प्रकरण में सोमवार को तीसरे दिन नया मोड़ से मांगा
जब मृतक का ज्योति के पिता इकबाल ने ज्योति के पति आशीष उसके पिता धन सिंह और मां अनीता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उसकी बेटी की तीनों ने मिलकर हत्या की है। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में पीड़ित पिता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करते हो तीनों को नामजद कर लिया और तीनों आरोपियों की धरपकड़ के लिए ताबड़तोड़ दबिश भी दी। हालांकि पुलिस के देर शाम तक भी कोई आरोपी हत्थे नहीं चढ़ पाया था। इस संबंध में थाना प्रभारी रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही है।
पिता ने ये लिखाया एफआईआर में
गांव जोहड़ी थाना बिनौली जिला बागपत निवासी मृतका ज्योति के पिता इकबाल सिंह की ओर से दर्ज एफआईआर में बताया गया कि उन्होंने बेटी ज्योति की शादी 10 फरवरी, 2013 को मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र के गांव किठोली निवासी आशीष पुत्र धन सिंह के साथ की थी। रिपोर्ट में बताया गया कि ज्योति को तीन बेटी अवनी, अविका और भव्या हुईं। पीड़ित पिता का आरोप है कि तीन बेटी होने के बाद से ही उनकी बेटी का उसके पति और परिवार वाले मानसिक उत्पीड़न करते आ रहे थे। ज्योति को उसके ससुराल वाले यह कहकर प्रताड़ित करते रहते थे कि उनके बेटा एक इकलौता बेटा है, उसका वंश आगे कैसे बढ़ेगा।
पिता इकबाल सिंह ने बताया कि इस संबंध में उनकी बेटी ज्योति ने उन्हें कई बार बताया था, लेकिन समाज में इज्जत की बात कहकर उसे हर बार चुप कर देते थे और ससुराल वालों को भी की बार समझाया। घटनाक्रम में पिता ने बताया कि गत 11 मार्च की रात को पति आशीष पत्नी ज्योति और भव्या को लेकर उनके घर पहुंचे और रात में बोले कि उन्हें उनके घर की मिट्टी लेकर सुबह गंगनहर में चार बजे से पहले स्नान करना है। इसके बाद यहां से निकल गए उसके बाद लगभग सुबह के छह बजे पिता धन सिंह ने दोनों के गंगनहर में डूबने की सूचना उन्हें दी। पीड़ित ने पिता ने आरोप लगाया गया कि बेटी की पति आशीष और मां-बाप ने षड्यंत्र की तरह मिलकर हत्या की है।
पूरी तरह से मनघड़ंत है आशीष की कहानी
किठोली निवासी आशीष द्वारा घड़ी गई कहानी पूरी तरह से मनगढ़ और फर्जी है आशीष ने पत्नी और बेटी की हत्या करके शव नहर और हिंडन में फेंक दिये। जबकि वह पुलिस और परिजनों को यह गुमराह करके चकमा दे रहा था कि पूजा के दौरान दोनों गंगनहर में गिरी है। यदि गंग नहर में दोनों गिरी तो फिर ज्योति 20 किलोमीटर दूर हिंडन में कैसे मिली। अब एफआईआर दर्ज होने के बाद पूरी कहानी फर्जी निकली। हालांकि असली राज अभी भी आशीष के सीने में ही दफन है और उसके सामने आने और मुंह खोलने के बाद ही पूरे मामले से पर्दा उठ पाएगा।