Thursday, March 28, 2024
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हंगामे के बीच 670.94 करोड़ का बजट पास

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  • नाम परिवर्तन शुल्क बना अधिकारियों के गले की फांस, पार्षदों ने खींचा पाला

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हंगामे के बीच नगर निगम बोर्ड की बैठक में 670.94 करोड़ का बजट पास हो गया। हालांकि पिछले साल के मुताबिक इस बार का बजट कम है। गुरुवार को हुई निगम बैठक में बजट चर्चा कर शहर के विकास के मुद्दों के बजाय सदन में ज्यादातर निजी एजेंडा पर डटे रहे। कुछ ही पार्षद ऐसे रहे जो मुखर होकर बोले। जहां तक विकास की बात है तो उसको लेकर गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 670.94 करोड़ से ज्यादा का बजट बगैर चर्चा के हाथ उठाकर पास कर दिया गया।

बैठक में पार्षदों के बीच ही टकराव की नौबत नहीं आयी बल्कि कई बार ऐसे भी हालात आए जब सदन में पार्षद निगम के अधिकारियों पर हमलावर थे। जनता से जुड़ी समस्याओं को लेकर कारगुजारियां दिखाने पर पार्षदों ने अधिकारियों की पोल खोलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

नगरायुक्त को क्लीनचिट देते हुए अधिकारियों पर सिर्फ और सिर्फ पैसा बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए। महापौर सुनीता वर्मा की अध्यक्षता व नगरायुक्त के संचालन में सदन की बैठक ठीक 11 बजे शुरू हो गयी। जिन पार्षदों का निधन हो गया है उन्हें श्रद्धांजलि व वंदेमातरम के बाद सदन शुरू हुआ।

थोपे जाएंगे नए टैक्स

नगर निगम को 100 करोड़ की आमदनी के लिए वाहनों को अलग-अलग कटेगरी में डालकर उनसे टैक्स वसूली का प्रस्ताव आया। ज्यादातर पार्षद इसके समर्थन में नजर आए। सदन में नाम परिवर्तन शुल्क का मुद्दे पर सभी पार्षद एक राय थे, लेकिन फिर भी पार्षदों के बीच सबसे ज्यादा टकराव इसी मुद्दे को लेकर हुआ। मुद्दा भाजपा के राजेश रूहेला ने उठाया था।

इसको लेकर नेता पार्षद दल विपिन जिंदल पहले ही एक पत्र नगरायुक्त को दे चुके थे। इस मुद्दे पर राजेश रूहेला व महापौर के बीच तीखी झड़प भी हो गयी थी। कांग्रेस के कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रंजन शर्मा प्रभाकर ने मामले को शांत करने की पहल की। उन्होंने कहा कि यदि यह सदन में किसी भ्रांति के चलते पास हो गया है तो इसमें की गयी वृद्धि वापस ली जाती है। इस मुद्दे पर जमकर तकरार हुई। इससे पहले कार्यकारिणी में पार्षद नाजरीन शाहिद इसके खिलाफ मुखर रही थीं।

खतरनाक बंदरों और कुत्तों से अभी मुक्ति नहीं

महानगर के आवारा कुत्तों के आतंक का मसला जोरशोर से उठाया। भाजपा के ललित नागदेव ने इसको उठाया। इसके समर्थन में पूरे सदन के पार्षदों उनके साथ आ गए। नगरस्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह ने बताया कि एबीसी कार्यक्रम के तहत एंटी रेवीज लगाए जाते हैं। जहां तक कुत्तों के पकड़ने की बात है उन्होंने इसको लेकर बने कई कानूनों का हवाला दे डाला। साथ ही बताया कि शंकर नगर में एक आॅपरेशन थियेटर निर्माणाधीन है।

कई कमरे भी बनवाए जा रहे हैं। वहां आवारा कुत्तों की नसबंदी की जाएगी ताकि इनकी संख्या पर नियंत्रण किया जा सके। इस पार्षदों का कहना था कि जिला पशु चिकित्सालय सूरजकुंड में आॅपरेशन थियेटर है। आवारा कुत्तों की नसबंदी में उसका प्रयोग कर लिया जाए ताकि शहरवासियों को राहत मिल सके। नगरायुक्तने बताया कि नसबंदी के लिए टेंडर हो चुका है। बंदरों के बारे में बताया गया कि वन विभाग ने 50 बंदर पकड़ने की अनुमति दी है। हालांकि करीब 150 पकड़ लिए गए हैं।

पार्षद धर्मवीर ने हाउस टैक्स का मसला उठाया। उन्होंने पूछा कि बताया जाए कि कुल मितने मकानों पर हाउस टैक्स है। इसमें कितने आवासीय व कितने भवन व्यवसायिक हैं। करीब 2.49 भवनों की जानकारी दी गयी, लेकिन अलग-अलग ब्योरा नहीं दिया जा सका। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रंजन शर्मा ने डेयरियों की समस्या को गंभीरता से उठाया। उन्होंने बताया कि 90 वार्ड में अवैध डेयरियां चल रही हैं।

पानी का दोहन हो रहा है। सभी डेयरियों में सबमर्सिबल पंप बंद कराए जाएं। इसका पूरे सदन ने समर्थन किया। पार्षद इकरामुद्दीन बालियान ने महानगर के प्रमुख मार्ग पर डिवाइडरों पर तिरंगा लाइटें लगाने का प्रस्ताव रखा। इससे खूबसूरती बढ़ने के साथ ही स्मार्ट सिटी की ओर एक ओर कदम माना जाएगा।

इंदौर की तर्ज पर पॉयलेट प्रोजेक्ट

नगरायुक्त मनीश बंसल की ओर से इंदौर जैसे शहरों में पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में दस वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कराने का प्रस्ताव दिया। कूड़ा प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेने व बोर्ड फंड से 30 लाख प्रति नग सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय निर्माण तथा गाड़ियों में कम पड़ रहे 50 ड्राइवरों की आउट सोर्स से भर्ती किए जाने सरीखे प्रस्ताव दिए गए।

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